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मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

लेखा


   कुछ समय पहले मैंने एक "मीलपत्थर" पार किया जो था मेरे बीस वर्ष से एक आत्मिक डायरी या लेखा रखना। जब उस डायरी में मैंने अपनी कुछ आरंभिक प्रविष्ठियाँ पढ़ीं तो मुझे अचरज हुआ कि मैं इसे बना कर रख भी सका, किंतु आज मुझे यदि आप ना लिखने के लिए पैसे भी दें तो भी मैं लिखने से नहीं रुकने वाला।

   डायरी में यह लेखा रखने से जो लाभ मुझे मिले उनमें से कुछ हैं: मैं अपने जीवन के अनुभवों से जानने पाया कि सफलता एवं असफलता दोनों ही जीवन का अभिन्न अंग हैं। मुझे परमेश्वर के अनुग्रह का स्मरण हो आता है जब मैं ध्यान करता हूँ कि कैसे जटिल समस्याओं के समयों में उसने मेरा मार्गदर्शन किया, समस्या का हल खोजने में मेरी सहायता करी। मेरे पिछ्ले अनुभव मेरी आज की समस्याओं के हल खोजने में मेरे सहायक होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं देखने पाता हूँ कि परमेश्वर कैसे मेरे जीवन में पूरी विश्वासयोग्यता के साथ कार्यरत रहा है, मुझे संभालता, तराशता और बेहतर बनाता रहा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे अनेक भजन ऐसे ही आत्मिक डायरी के लेख के समान ही हैं। उन भजनों में दर्ज है कि कैसे परमेश्वर ने भिन्न संघर्षों और परिस्थितियों में सहायता करी और सुरक्षित निकाला। ऐसा ही एक भजन है दाऊद द्वारा लिखित भजन 40, जिसमें दाऊद कहता है: "मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है" (भजन 40:1-2)। बाद में जब कभी भी उसे परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करना होता तो उसे केवल इस भजन को पढ़ लेने भर की ही आवश्यकता होती होगी।

   इस प्रकार का लेखा या डायरी रखना आपके लिए भी लाभदायक हो सकता है। यह आपको और स्पष्ट रीति से दिखा सकता है कि परमेश्वर आपकी जीवन यात्रा में आपको क्या सिखा रहा है और अपनी इस डायरी की प्रविष्ठियों से आप अपने प्रति परमेश्वर की लगातार बनी हुई विश्वासयोग्यता के प्रति भी आश्वस्त हो सकते हैं, यह लेखा शैतान द्वारा परमेश्वर के प्रति आपके विश्वास को डगमगाने नहीं देगा। - डेनिस फिशर


बीते समय में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का स्मरण भविष्य के लिए आशा देता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन  40:1-5
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। 
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। 
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो। 
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।

एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4 
  • प्रकाशितवाक्य 22