क्या आपका कोई ऐसा मित्र है जिसे आप मध्य-रात्रि में भी सहायता के लिए बेहिचक बुला सकते हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल के शिक्षक रे प्रिट्चर्ड ऐसे मित्रों को "मध्य-रात्रि मित्र" कहते हैं। यदि आप किसी आपात स्थिति में हों और ऐसे किसी मित्र से संपर्क करें तो वह आपसे दो ही प्रश्न पूछेगा, "मैं क्या सहायता कर सकता हूँ?" और "यह सहायता कहाँ पर उपलब्ध करानी है?"
ऐसे मित्र कठिन समयों के लिए अति महत्वपूर्ण होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक मुख्य नायक दाऊद का भी एक ऐसा ही मित्र था - योनातान। योनातान का पिता - तत्कालीन इस्त्राएली राजा शाऊल दाऊद की इस्त्राएली समाज में लोकप्रीयता और दाऊद पर परमेश्वर की आशीषों से बहुत डाह रखता था और इन कारणों से उसे मार डालने के प्रयास करता रहता था (1 शमूएल 19)। लेकिन दाऊद इन सब हमलों से बचता रहा, जाकर छिप गया और उसने अपने मित्र योनातान से सहायता माँगी (1 शमूएल 20), क्योंकि योनातान का मन दाऊद से लगा हुआ था और वह दाऊद से अपने समान ही प्रेम करता था (1 शमूएल 18:1)। योनातान ने अपने पिता को दाऊद के विषय में समझाने का प्रयास किया लेकिन शाऊल के व्यवहार और उत्तर से भाँप लिया कि शाऊल से दाऊद की जान को बहुत खतरा है (1 शमूएल 20:24-34)।
परमेश्वर का वचन हमें आगे बताता है कि योनातान दाऊद के लिए दुखी हुआ (पद 34) और उसने दाऊद से अपने पिता की उसे घात करने की योजना के बारे में बताया और कहा कि वह वहाँ से कहीं दूर चला जाए (पद 41-42)। दाऊद ने जान लिया कि योनातान में उसे कितना अच्छा मित्र मिला है; वे दोनों गले लगकर रोए, दाऊद का रोना अधिक था। योनातान राजकुमार था, शाऊल के बाद राजगद्दी का उत्तराधिकारी; योनातान यह भी जानता था कि उसके राजा बनने में यदि कोई बाधा हो सकता है तो वह इस्त्राएल में अपनी लोकप्रीयता और उस पर बने हुए परमेश्वर के हाथ के कारण दाऊद ही है। लेकिन योनातान ने इस बात को अपनी मित्रता के आड़े नहीं आने दिया और दाऊद की भरसक सहायता करी। कुछ समय बाद एक युद्ध में शाऊल और योनातान दोनों ही मारे गए और इसत्राएल के लोगों ने दाऊद को लाकर अपना राजा बना लिया। राजा बनने के बाद: "दाऊद ने पूछा, क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिस को मैं योनातन के कारण प्रीति दिखाऊं?" (2 शमूएल 9:1) - योनातान की मित्रता के कारण दाऊद ने राजा बनने के बाद अपनी जान के दुश्मन शाऊल के समस्त घराने पर कृपादृष्टि बनाए रखी।
क्या आपके पास ऐसे "मध्य-रात्रि मित्र" हैं? इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात है कि एक मसीही विश्वासी होने के कारण क्या आप अपने मसीही समाज के लिए एक "मध्य-रात्रि मित्र" बने हैं? - ऐनी सेटास
एक सच्चा मित्र संकट और कष्ट में भी साथ खड़ा रहता है।
जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के बराबर प्यार करने लगा। - 1 शमूएल 18:1
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 20:30-42
1 Samuel 20:30 तब शाऊल का कोप योनातन पर भड़क उठा, और उसने उस से कहा, हे कुटिला राजद्रोही के पुत्र, क्या मैं नहीं जानता कि तेरा मन तो यिशै के पुत्र पर लगा है? इसी से तेरी आशा का टूटना और तेरी माता का अनादर ही होगा।
1 Samuel 20:31 क्योंकि जब तक यिशै का पुत्र भूमि पर जीवित रहेगा, तब तक न तो तू और न तेरा राज्य स्थिर रहेगा। इसलिये अभी भेज कर उसे मेरे पास ला, क्योंकि निश्चय वह मार डाला जाएगा।
1 Samuel 20:32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?
1 Samuel 20:33 तब शाऊल ने उसको मारने के लिये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान लिया, कि मेरे पिता ने दाऊद को मार डालना ठान लिया है।
1 Samuel 20:34 तब योनातन क्रोध से जलता हुआ मेज पर से उठ गया, और महीने के दूसरे दिन को भोजन न किया, क्योंकि वह बहुत खेदित था, इसलिये कि उसके पिता ने दाऊद का अनादर किया था।
1 Samuel 20:35 बिहान को योनातन एक छोटा लड़का संग लिये हुए मैदान में दाऊद के साथ ठहराए हुए स्थान को गया।
1 Samuel 20:36 तब उसने अपने छोकरे से कहा, दौड़कर जो जो तीर मैं चलाऊं उन्हें ढूंढ़ ले आ। छोकरा दौड़ता ही था, कि उसने एक तीर उसके परे चलाया।
1 Samuel 20:37 जब छोकरा योनातन के चलाए तीर के स्थान पर पहुंचा, तब योनातन ने उसके पीछे से पुकार के कहा, तीर तो तेरी परली ओर है।
1 Samuel 20:38 फिर योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकारकर कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत। और योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकार के कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत! और योनातन का छोकरा तीरों को बटोर के अपने स्वामी के पास ल आया।
1 Samuel 20:39 इसका भेद छोकरा तो कुछ न जानता था; केवल योनातन और दाऊद इस बात को जानते थे।
1 Samuel 20:40 और योनातन ने अपने हथियार अपने छोकरे को देकर कहा, जा, इन्हें नगर को पहुंचा।
1 Samuel 20:41 ज्योंही छोकरा चला गया, त्योंही दाऊद दक्खिन दिशा की अलंग से निकला, और भूमि पर औंधे मुंह गिरके तीन बार दण्डवत की; तब उन्होंने एक दूसरे को चूमा, और एक दूसरे के साथ रोए, परन्तु दाऊद को रोना अधिक था।
1 Samuel 20:42 तब योनातन ने दाऊद से कहा, कुशल से चला जा; क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे से यह कहके यहोवा के नाम की शपथ खाई है, कि यहोवा मेरे और तेरे मध्य, और मेरे और तेरे वंश के मध्य में सदा रहे। तब वह उठ कर चला गया; और योनातन नगर में गया।
एक साल में बाइबल:
- भजन 97-99
- रोमियों 16