मुझे अपने युवा पुत्र और उसके मित्रों को टी-बॉल
खेलते देखना मनोरंजक लगता है। बेसबॉल खेल के इस संस्करण में, अभी प्रशिक्षण ले ही
रहे खिलाड़ी अकसर गलत स्थान की ओर दौड़ते हैं, या यदि वे बॉल को पकड़ लें तो उन्हें
समझ नहीं अआया है कि उस बॉल का आगे क्या करें। यदि हम व्यावसायिक खिलाड़ियों द्वारा
इस प्रकार की गलतियाँ करते हुए खेल को खेलते हुए देखते तो यह इतना मनोरंजक नहीं
होता।
यह परिपक्वता की बात है।
अभी प्रशिक्षण ले रहे युवा खिलाड़ियों के लिए
संघर्ष करना, आगे क्या करना है उसे न जानना, हर बात को सही रीति से न करना
स्वीकारीय है। वे प्रयास कर रहे हैं, सीख रहे हैं। इसलिए हम उन्हें प्रशिक्षित
करते हैं, और धैर्य के साथ उन्हें परिपक्वता की ओर लेकर चलते हैं। बाद में जब वे
एक टीम के रूप में कौशल के साथ खेलते हैं, तब हम उनकी सफलता का उत्सव मनाते हैं,
उनके खेल कौशल से प्रसन्न होते हैं।
जो लोग प्रभु यीशु के पीछे चलने का निर्णय
लेते हैं, उनके साथ भी जीवन में ऐसा ही कुछ होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में
पौलुस ने कहा कि चर्च को ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो “सारी दीनता और नम्रता
सहित,
और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लें”
(इफिसियों 4:2)। साथ ही हमें भिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देने वालों (पासबान,
शिक्षक,आत्मिक मार्गदर्शक) की भी चर्च में आवश्यकता होती है जो हम सब को परिपक्वता
तथा विश्वास में एक होने की ओर लेकर चलें (पद 13)।
चर्च में जब हम साथ संगति के जीवन का आनन्द
लेते हैं, साथ प्रचार और शिक्षाओं को सुनते और सीखते हैं, तो उद्देश्य होता है कि
मसीह यीशु में परिपक्व होते चले जाएँ (पद 15)। हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी
इस यात्रा में है, और मसीह में परिपक्वता की इस यात्रा में हम सब एक दूसरे को
प्रोत्साहित करते रह सकते हैं, एक दूसरे के सहायक हो सकते हैं। - डेव ब्रैनन
जब
हम एक दूसरे के साथ-साथ चलते हैं, तो यात्रा आनन्दमय हो जाती है।
तुम
एक दूसरे के भार उठाओ,
और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। - गलतियों 6:2
बाइबल
पाठ: इफिसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल
चलो।
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर
प्रेम से एक दूसरे की सह लो।
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो।
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है।
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा।
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के
ऊपरऔर सब के मध्य में, और सब में है।
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है।
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्धुवाई को बान्ध ले गया, और मनुष्यों को दान
दिए।
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह,
कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था।
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)।
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और
कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया।
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का
काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए।
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के
पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन
जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं।
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की
ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और
उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और
इधर-उधर घुमाए जाते हों।
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों
में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं।
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में
होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह
प्रेम में उन्नति करती जाए।
एक
साल में बाइबल:
- गिनती 20-22
- मरकुस 7:1-13