जब मैं और मेरे पति, उनकी बहन के निकट रहने
के लिए एक दूसरे शहर को स्थानांतरित हुए, तो हमें पता नहीं था कि हम कहाँ रहेंगे
या काम करेंगे। एक किराए का घर ढूँढने में स्थानीय चर्च ने हमारी सहायता की, और उस
घर में कई शयन-कक्ष थे। हम एक कमरे में रह सकते थे, और अन्य कमरों को वहाँ अध्ययन
के लिए आने वाले अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को किराए पर दे सकते थे। अगले तीन
वर्षों तक हम ऐसे परदेशी थे, जो संसार भर से आने वाले अन्य परदेशियों का स्वागत
करते थे, उनके साथ अपने घर और भोजन को साझा करते थे। और वे लोग हमारे साथ परमेश्वर
के वचन बाइबल के अध्ययन में सम्मिलित होने के लिए हर शुक्रवार को अन्य दर्जनों
अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को लाया करते थे।
परमेश्वर के लोग जानते हैं कि घर से दूर होने
का क्या अर्थ होता है। सैंकड़ों वर्षों तक, इस्राएली मिस्र में परदेशी थे, दास थे।
लैव्यव्यवस्था 19 में, अन्य चिर-परिचित निर्देशों जैसे कि “अपने माता और पिता का
आदर करना” और “चोरी न करना” (पद 3, 11) के साथ परमेश्वर ने अपने लोगों को स्मरण
दिलाया कि वे दयालु होकर परदेशियों की देखभाल करें, क्योंकि उन्हें परदेशी तथा
आतंकित होने का अनुभव था (पद 33-34)।
आज प्रभु परमेश्वर के अनुयायी होते हुए हम
में से अधिकाँश ने वास्तव में निर्वासित होने के अनुभव को नहीं जाना है, परन्तु हम
सभी यह जानते हैं की पृथ्वी पर “परदेशी” होकर रहने (1 पतरस 2:11) का क्या अनुभव
होता है – वे लोग जो यहाँ पर भी अपने आप को बाहर का अनुभव करते हैं, परमेश्वर के
स्वर्गीय राज्य के साथ संबंधित होने के कारण। हमें पहुनाई करने वाले समुदाय के
निर्माण के लिए कहा गया है, जहाँ परदेशी परमेश्वर के परिवार के सदस्य बनने के लिए अन्य
परदेशियों का स्वागत करते हैं।
उस नए शहर में जो उदार और प्रेमपूर्ण स्वागत
मुझे और मेरे पति को मिला, उसने हमें उस स्वागत को औरों तक पहुंचाने के लिए
प्रोत्साहित किया, और यही परमेश्वर के परिवार का सदस्य होने का मर्म है (रोमियों
12:13)।
आज हम किसे पहुनाई
दिखा सकते हैं?
पहुनाई करना न
भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्वर्गदूतों
की पहुनाई की है। - इब्रानियों 13:2
बाइबल पाठ: लैव्यव्यवस्था
19:1-9, 33-34
लैव्यव्यवस्था
19:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
लैव्यव्यवस्था
19:2 इस्त्राएलियों की सारी मण्डली से कह, कि तुम पवित्र बने
रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा पवित्र हूं।
लैव्यव्यवस्था
19:3 तुम अपनी अपनी माता और अपने अपने पिता का भय मानना, और
मेरे विश्राम दिनों को मानना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा
हूं।
लैव्यव्यवस्था
19:4 तुम मूरतों की ओर न फिरना, और देवताओं की प्रतिमाएं
ढालकर न बना लेना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
लैव्यव्यवस्था
19:5 जब तुम यहोवा के लिये मेलबलि करो, तब ऐसा बलिदान करना
जिससे मैं तुम से प्रसन्न हो जाऊं।
लैव्यव्यवस्था
19:6 उसका मांस बलिदान के दिन और दूसरे दिन खाया जाए, परन्तु
तीसरे दिन तक जो रह जाए वह आग में जला दिया जाए।
लैव्यव्यवस्था
19:7 और यदि उस में से कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो यह
घृणित ठहरेगा, और ग्रहण न किया जाएगा।
लैव्यव्यवस्था
19:8 और उसका खानेवाला यहोवा के पवित्र पदार्थ को अपवित्र ठहराता है, इसलिये उसको अपने अधर्म का भार स्वयं उठाना पड़ेगा; और
वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।
लैव्यव्यवस्था
19:9 फिर जब तुम अपने देश के खेत काटो तब अपने खेत के कोने कोने तक पूरा न काटना,
और काटे हुए खेत की गिरी पड़ी बालों को न चुनना।
लैव्यव्यवस्था
19:33 और यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना।
लैव्यव्यवस्था
19:34 जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उस से अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी
मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
- भजन 1-3
- प्रेरितों 17:1-15