हम कुछ मित्रों ने मिलकर एक गुट बनाया था जो
हर महीने एकत्रित होकर एक दूसरे से हमारे व्यक्तिगत लक्ष्यों के प्रति हमारे
द्वारा किए गए कार्यों के संबंध में हिसाब पूछता था। मेरी एक सहेली, मेरी, की इच्छा थी कि वर्ष समाप्त होने से पहले वह अपने भोजन-कक्ष की कुर्सियों
पर नई गद्दियाँ और उनके कवर लगा सके। नवम्बर की हमारी सभा में उसने अक्तूबर से आगे
की प्रगति का ब्यौरा दिया: “मुझे अपनी कुर्सियों को ठीक करने में दस महीने और दो
घंटे लगे।” महीनों तक अपनी पसंद की सामग्री न मिल पाने, या अपनी नौकरी और छोटे
बच्चे की देखभाल की अपनी व्यस्त दिनचर्या से पर्याप्त समय न निकाल पाने के कारण उसे
दस महीने प्रतीक्षा करनी पड़ी; परन्तु सामग्री और समय मिलने पर उसे अपना कार्य पूरा
करने में केवल दो घंटे ही लगे।
हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि
परमेश्वर ने नहेम्याह को एक बहुत बड़े काम को करने के लिए बुलाया था: यरूशलेम को
पुनःस्थापित करने के लिए, जबकि उसकी दीवार 150 वर्ष से खण्डहर हुई पड़ी थी (नहेम्याह
2:3-5, 12)। जब लोगों ने नहेम्याह के नेतृत्व में उस कार्य को करना आरंभ किया तो
उन्हें उपहास, आक्रमण, ध्यान बंटाने, और पाप करने के प्रलोभनों में फंसने जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा
(नहेम्याह 4:3, 8; 6:10-12)। परन्तु फिर भी परमेश्वर ने उन्हें दृढ़ बने रहने, और अपने प्रयासों में विचलित न होने की
सामर्थ्य दी, और यह चुनौतीपूर्ण कार्य केवल बावन दिनों में ही पूरा कर लिया गया।
ऐसी चुनौतियों पर जयवन्त होने के लिए व्यक्तिगत
लालसा या लक्ष्य से भी कहीं अधिक कुछ और की आवश्यकता होती है। नहेम्याह की प्रेरणा
परमेश्वर द्वारा उसे इस कार्य को पूरा करने के लिए दी गई बुलाहट थी। इस उद्देश्य
की पूर्ति के लिए उसके इस दृढ़ निश्चय ने अन्य लोगों को भी, असाधारण विरोध के
बावजूद, उसके नेतृत्व में इस काम को
पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
जब परमेश्वर हमें किसी कार्य को सौंपता है, वह चाहे किसी संबंध को फिर से ठीक करना हो या
जो उसने हमारे जीवनों में किया है उसे दूसरों को बताना हो, तो वह उस कार्य के लिए आवश्यक कौशल और सामर्थ्य भी प्रदान करता है, जिससे हम उसके द्वारा दिए गए कार्य को करने के
अपने प्रयासों में लगे रह सकें। चाहे जो भी चुनौती हमारे सामने आए, परमेश्वर ने हमें पहले ही से उसके लिए तैयार कर
दिया है। - कर्स्टिन होल्मबर्ग
परमेश्वर उसके द्वारा हमें सौंपे गए कार्यों को पूरा करने
और सभी बाधाओं पर विजयी होने के लिए
हमें तैयार भी करता है।
जो मुझे सामर्थ्य
देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। - फिलिप्पियों
4:13
बाइबल पाठ:
नहेम्याह 6:1-9, 15
नहेम्याह 6:1 जब सम्बल्लत, तोबियाह और अरबी गेशेम और हमारे और शत्रुओं को यह समाचार मिला, कि मैं शहरपनाह को बनवा चुका; और यद्यपि उस समय तक भी मैं फाटकों में पल्ले न
लगा चुका था, तौभी शहरपनाह में कोई दरार
न रह गया था।
नहेम्याह 6:2 तब सम्बल्लत और गेशेम ने मेरे पास यों कहला भेजा, कि आ, हम ओनो के मैदान के किसी गांव में एक दूसरे से भेंट करें। परन्तु वे मेरी हानि
करने की इच्छा करते थे।
नहेम्याह 6:3 परन्तु मैं ने उनके पास दूतों से कहला भेजा, कि मैं तो भारी काम में लगा हूँ, वहां नहीं जा सकता; मेरे इसे छोड़ कर तुम्हारे पास जाने से वह काम क्यों बन्द रहे?
नहेम्याह 6:4 फिर उन्होंने चार बार मेरे पास वैसी ही बात कहला
भेजी, और मैं ने उन को वैसा ही उत्तर
दिया।
नहेम्याह 6:5 तब पांचवी बार सम्बल्लत ने अपने सेवक को खुली
हुई चिट्ठी देकर मेरे पास भेजा,
नहेम्याह 6:6 जिस में यों लिखा था,
कि जाति जाति के लोगों में यह कहा जाता है, और गेशेम भी यही बात कहता है, कि तुम्हारी और यहूदियों की मनसा बलवा करने की है, और इस कारण तू उस शहरपनाह को बनवाता है; और तू इन बातों के अनुसार उनका राजा बनना चाहता
है।
नहेम्याह 6:7 और तू ने यरूशलेम में नबी ठहराए हैं, जो यह कह कर तेरे विषय प्रचार करें, कि यहूदियों में एक राजा है। अब ऐसा ही समाचार राजा
को दिया जाएगा। इसलिये अब आ, हम एक साथ
सम्मति करें।
नहेम्याह 6:8 तब मैं ने उसके पास कहला भेजा कि जैसा तू कहता
है, वैसा तो कुछ भी नहीं हुआ, तू ये बातें अपने मन से गढ़ता है।
नहेम्याह 6:9 वे सब लोग यह सोच कर हमें डराना चाहते थे, कि उनके हाथ ढीले पड़ें,
और काम बन्द हो जाए। परन्तु अब हे परमेश्वर तू मुझे हियाव दे।
नहेम्याह 6:15 एलूल महीने के पच्चीसवें दिन को अर्थात बावन
दिन के भीतर शहरपनाह बन चुकी।
एक साल में बाइबल:
- भजन 51-53
- रोमियों 2