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शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

प्राथमिकताएँ

 

अनुरोध

सभी पाठकों को नव-वर्ष की शुभ कामनाएं।

 

          वर्ष 2020 अप्रत्याशित और अनपेक्षित रीति से भयानक रहा, और इसने सारे विश्व को हिला डाला। वर्ष 2021 का आरंभ वैक्सीन के साथ तो हुआ है, किन्तु साथ ही कोरोना के संक्रमण के नए स्वरूपों की भी संभावना प्रत्यक्ष है, और लोगों को परेशान कर रही है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार, यह नया वर्ष 2021 और भी अधिक भयानक और घातक होगा, और जैसे-जैसे प्रभु के दोबारा आगमन का समय निकट आता जाएगा, यह स्थिति बद से बदतर ही होती जाएगी, सुधरेगी नहीं।

          इसलिए आप सभी से विनम्र निवेदन है कि यदि अभी तक आपने प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता स्वीकार नहीं किया है; उससे अपने पापों की क्षमा माँगकर, अपना जीवन उसे समर्पित नहीं किया है; उसके वचन बाइबल की आज्ञाकारिता में चलने का निर्णय नहीं लिया है, तो कृपया समय रहते यह अभी कर लें; क्योंकि कल क्या होगा, और फिर समय मिलेगा या नहीं, कोई नहीं जानता है। अपने अनन्त जीवन के साथ जोखिम न उठाएं, उसे अभी समय रहते सुरक्षित कर लें।

          यदि आप अपने धर्म-कर्म, और रीति-रिवाजों तथा परम्पराओं के निर्वाह करने के कारण अपने आप को सुरक्षित अनुभव कर रहे हैं, तो आप बहुत घोर और घातक भ्रम में हैं। धर्म-कर्म की धार्मिकता से निकलकर, प्रभु यीशु पर विश्वास लाने के द्वारा परमेश्वर के अनुग्रह से मुफ्त में मिलने वाली धार्मिकता को अभी समय रहते स्वीकार कर लीजिए – केवल वही आपके इस तथा परलोक एवं अनन्त जीवन की एकमात्र गारंटी है – इसे हलके में मत लीजिए; परमेश्वर के इस उपहार को स्वीकार करके अपने जीवन में लागू कर लीजिए।

 

धन्यवाद; आप सभी को स्नेहपूर्ण नमस्कार🙏

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जनवरी 1

प्राथमिकताएँ

          मैं सदा ही चेलो (विशाल वायलिन के समान दिखने वाला वाद्य-यंत्र) बजाना सीखना चाहती थी; परन्तु मुझे कभी समय ही नहीं मिला कि मैं उसे सीखने के लिए कहीं दाखिला ले सकूँ। या, संभवतः यह कहना अधिक सही होगा, कि मैंने कभी उसे सीखने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं निकाला; यह कार्य मेरी इच्छाओं में तो रहा किन्तु मेरी प्राथमिकताओं में नहीं था। फिर मैं सोचने लगी कि संभवतः स्वर्ग में मुझे सीखने के लिए समय मिल जाएगा; और यहाँ पृथ्वी पर मैं उन कार्यों पर ध्यान लगा लेती हूँ जिनमें होकर परमेश्वर अभी के लिए मुझ से सेवा लेना चाहता है।

          जीवन अल्पकालीन है, और हम सभी को यह दबाव अनुभव होता है कि पृथ्वी के अपने समय का सही उपयोग कर लें, इससे पहले कि अवसर हाथ से निकल जाए। किन्तु इस बात का अभिप्राय क्या है?

          परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलैमान ने जीवन के अर्थ पर चिंतन किया और दो सुझाव दिए। पहला, हम जहाँ तक संभव हो, सबसे सार्थक जीवन बिताएँ; इसमें परमेश्वर द्वारा हमें प्रदान की गई सभी भली बातों का आनन्द लेना, जैसे कि खाना-पीना (सभोपदेशक 9:7), वस्त्र और सुगन्धित द्रव्य प्रयोग करना (पद 8), वैवाहिक संबंध निभाना (पद 9), तथा परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए अन्य सभी उपहारों का सदुपयोग करना सम्मिलित हैं – इनमें चेलो बजाना सीखना भी सम्मिलित है!

          उसका दूसरा सुझाव था कि हम पूरी शक्ति तथा सूझ-बूझ के साथ अपने कार्य को करें (पद 10)। जीवन अवसरों से भरा है, और सदा ही करने के लिए कुछ-न-कुछ रहता ही है। हमें परमेश्वर द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों का सदुपयोग करना चाहिए, उनका ठीक से लाभ उठाने के लिए उससे बुद्धि मांगनी चाहिए, और उससे कार्य तथा मनोरंजन के बीच सही तालमेल बैठाने तथा अपनी प्राथमिकताओं को सही रीति से निर्धारित करके उनका निर्वाह करने की समझ-बूझ भी माँगनी चाहिए, जिससे कि हम उसके द्वारा हमें दिए गए वरदानों और योग्यताओं का, उसके लिए सही और सकारात्मक उपयोग कर सकें।

          जीवन परमेश्वर द्वारा दिया गया अद्भुत उपहार है। जब हम उसके इस उपहार, तथा इसके साथ जुड़ी हुई आशीषों और अन्य उपहारों का सही उपयोग करते हैं, तो हम परमेश्वर का आदर करते हैं। जीवन की प्राथमिकताओं का सही निर्धारण ही जीवन की आशीषों का सही आनन्द लेने की कुंजी है।

 

हम परमेश्वर की आशीषों का स्वयं भी आनन्द ले सकते हैं; तथा औरों के लिए भी आशीष बन सकते हैं।


जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। - यूहन्ना 9:4

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 9:4-12

सभोपदेशक 9:4 उसको परन्तु जो सब जीवतों में है, उसे आशा है, क्योंकि जीवता कुत्ता मरे हुए सिंह से बढ़कर है।

सभोपदेशक 9:5 क्योंकि जीवते तो इतना जानते हैं कि वे मरेंगे, परन्तु मरे हुए कुछ भी नहीं जानते, और न उन को कुछ और बदला मिल सकता है, क्योंकि उनका स्मरण मिट गया है।

सभोपदेशक 9:6 उनका प्रेम और उनका बैर और उनकी डाह नाश हो चुकी, और अब जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उस में सदा के लिये उनका और कोई भाग न होगा।

सभोपदेशक 9:7 अपने मार्ग पर चला जा, अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, और मन में सुख मान कर अपना दाखमधु पिया कर; क्योंकि परमेश्वर तेरे कामों से प्रसन्न हो चुका है।

सभोपदेशक 9:8 तेरे वस्त्र सदा उजले रहें, और तेरे सिर पर तेल की घटी न हो।

सभोपदेशक 9:9 अपने व्यर्थ जीवन के सारे दिन जो उसने सूर्य के नीचे तेरे लिये ठहराए हैं अपनी प्यारी पत्नी के संग में बिताना, क्योंकि तेरे जीवन और तेरे परिश्रम में जो तू सूर्य के नीचे करता है तेरा यही भाग है।

सभोपदेशक 9:10 जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है।

सभोपदेशक 9:11 फिर मैं ने धरती पर देखा कि न तो दौड़ में वेग से दौड़ने वाले और न युद्ध में शूरवीर जीतते; न बुद्धिमान लोग रोटी पाते न समझ वाले धन, और न प्रवीणों पर अनुग्रह होता है, वे सब समय और संयोग के वश में है।

सभोपदेशक 9:12 क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछलियां दुखदाई जाल में और चिड़ियां फन्दे में फँसती हैं, वैसे ही मनुष्य दुखदाई समय में जो उन पर अचानक आ पड़ता है, फँस जाते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • उत्पत्ति 1-3
  • मत्ती 1