जुलाई १९६९ में मैं अमेरिका के एक सैनिक प्रशिक्षण स्थल में सेना का अफसर होने का प्रशिक्षण ले रहा था। यह प्रशिक्षण बहुत जटिल था और हमें सखती से नियमों का पालन करने का बहुत ध्यान रखना होता था। २० जुलाई की सन्ध्या को हम सब को अपनी कम्पनी के हॉल में बुलाया गया और टेलिविज़न सेट के सामने कुछ देखने को बैठा दिया गया, और हमसे इतना ही कहा गया "यह इतिहास होगा।"
विस्मित बैठे हम सब ने अपोलो ११ के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रोंग को चन्द्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम मनुष्य बनते देखा और सुना कि उसने कहा "मनुष्य का यह छोटा कदम मानव जाति के लिये एक बड़ी छलांग है।" हम लोगों के लिये लागू रात के नियमों को उस रात टाल दिया गया और हम देर रात तक बैठे बातें करते रहे, न सिर्फ उसके बारे में जो हमने देखा था पर ज़िन्दगी, परमेश्वर और अनन्तता के बारे में। हमारा व्यस्त समय कार्यक्रम कुछ देर के लिये थम गया और हम उन बातों की ओर ध्यान लगा सके जो जीवन के लिये वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।
में से प्रत्येक जन को अपना ध्यान प्रतिदिन की व्यस्तता से हटा कर परमेश्वर के साथ समय बिताना है। अपने व्यवसाय की व्यस्तता से हटकर, प्रार्थना करने और बाइबल पढ़ने के द्वारा परमेश्वर पर ध्यान लगाने के लिये प्र्तिदिन का एक निश्चित समय हमें निर्धारित करना चाहिये। इस प्रकार जब हम पौलुस की शिक्षा "और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ (इफिसियों ४:२३)" का पालन करेंगे तो उससे हमारे विचार और कार्य भी संवरते जायेंगे।
हमारा प्रतिदिन का यह छोटा सा कदम, हमारे मसीही विश्वास के जीवन की उन्नति के लिये एक बड़ी छलांग का साधन बन जायेगा। - डेविड मैक्कैसलैंड
इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें।
पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
बरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।
और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ।
और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
एक साल में बाइबल:
विस्मित बैठे हम सब ने अपोलो ११ के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रोंग को चन्द्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम मनुष्य बनते देखा और सुना कि उसने कहा "मनुष्य का यह छोटा कदम मानव जाति के लिये एक बड़ी छलांग है।" हम लोगों के लिये लागू रात के नियमों को उस रात टाल दिया गया और हम देर रात तक बैठे बातें करते रहे, न सिर्फ उसके बारे में जो हमने देखा था पर ज़िन्दगी, परमेश्वर और अनन्तता के बारे में। हमारा व्यस्त समय कार्यक्रम कुछ देर के लिये थम गया और हम उन बातों की ओर ध्यान लगा सके जो जीवन के लिये वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।
में से प्रत्येक जन को अपना ध्यान प्रतिदिन की व्यस्तता से हटा कर परमेश्वर के साथ समय बिताना है। अपने व्यवसाय की व्यस्तता से हटकर, प्रार्थना करने और बाइबल पढ़ने के द्वारा परमेश्वर पर ध्यान लगाने के लिये प्र्तिदिन का एक निश्चित समय हमें निर्धारित करना चाहिये। इस प्रकार जब हम पौलुस की शिक्षा "और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ (इफिसियों ४:२३)" का पालन करेंगे तो उससे हमारे विचार और कार्य भी संवरते जायेंगे।
हमारा प्रतिदिन का यह छोटा सा कदम, हमारे मसीही विश्वास के जीवन की उन्नति के लिये एक बड़ी छलांग का साधन बन जायेगा। - डेविड मैक्कैसलैंड
विश्वास में रखा हर छोटा कदम उन्नति के लिये एक विशाल कदम होता है।
बाइबल पाठ: इफिसियों ४:१७-२४इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें।
पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
बरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।
और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ।
और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
एक साल में बाइबल:
- भजन २६-२८
- प्रेरितों के काम २२