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गुरुवार, 21 मई 2020

क्षमा



     अमेरिका में कुछ दक्षिणी प्रान्तों में लागू रंगभेद नीति को हटाए जाने और वहां के स्थानीय नियमों में लाए गए कानूनी परिवर्तनों के बाद भी समाज की मानसिकता से इस कुरीति के प्रभावों को हटने में बहुत समय लगा। सन 1960 में छः वर्षीय रूबी ब्रिजेस पहली अश्वेत छात्रा थी जिसे एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में, जो ‘केवल श्वेत लोगों के लिए’ कहा जाता था, दाखिला मिला। प्रति दिन, कई महीनों तक, शासकीय सुरक्षा अधिकारी रूबी के साथ हो कर उसे स्कूल तक ले जाया और लाया करते थे, जबकि मार्ग पर अनेकों क्रुद्ध श्वेत माता-पिता उसे गालियाँ देते थे, उस पर लानतें डालते थे, उसे धमकाते थे। स्कूल के अन्दर वह एक कक्षा में अकेली एक ही शिक्षिका – बारबरा हेनरी के साथ बैठती थी, क्योंकि कोई अन्य शिक्षक उसे पढ़ाने के लिए तैयार नहीं था, और अन्य माता-पिताओं ने अपने बच्चों को उस के साथ मिलने और स्कूल की गतिविधियों में सम्मिलित होने से मना कर रखा था।

     जाने-माने बच्चों के मनोवैज्ञानिक, रॉबर्ट कोल्स, कई महीनों तक रूबी के साथ मिलते रहे, उस के भय और तनाव में से उसे ऊपर उठने में उस की सहायता करने के लिए। रॉबर्ट कोल्स उस प्रार्थना से चकित थे जो रूबी प्रतिदिन स्कूल जाते और लौटते समय किया करती थी, “परमेश्वर, कृपया इन लोगों को क्षमा कर दें, क्योंकि वे नहीं जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं” जो परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह द्वारा उन्हें क्रूस पर मारे जाने के लिए टाँगे जाने पर उन्होंने अपने सताने वालों के लिए कही थी (लूका 23:34)।

     प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर कहे गए वे शब्द उनके प्रति कहे जा रहे घृणा और अपमान के अनेकों शब्दों से कहीं अधिक बलवंत थे। अपने पृथ्वी के जीवन के सब से अधिक पीड़ा से भरे क्रूस पर टंगे हुए उन घंटों में हमारे प्रभु ने उस अस्वाभाविक व्यवहार को प्रत्यक्ष जी कर दिखाया, जिसे उन्होंने अपने शिष्यों को सिखाया था: “परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो। जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो। जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो” (लूका 6:27-28, 36)।

     यह अद्भुत स्वभाव वहीं संभव है जहाँ प्रभु द्वारा दिए गए उस अद्भुत प्रेम की उपस्थिति है – सबसे गहन घृणा से भी अधिक प्रबल क्षमा कर देने वाला प्रेम। रूबी ब्रिजेस ने भी उन लोगों के लिए वही क्षमा दिखाई। - डेविड सी. मैक्कैसलैंड

जो तुम्हें श्राप दें उन्हें आशीष दो और जो तुम्हारा दुरुपयोग करें उनके लिए प्रार्थना करो।

तब यीशु ने कहा; हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहें हैं और उन्होंने चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए। - लूका 23:34

बाइबल पाठ: लूका 6:27-36
लूका 6:27 परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो।
लूका 6:28 जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो।
लूका 6:29 जो तेरे एक गाल पर थप्पड़ मारे उस की ओर दूसरा भी फेर दे; और जो तेरी दोहर छीन ले, उसको कुरता लेने से भी न रोक।
लूका 6:30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग।
लूका 6:31 और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो।
लूका 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं।
लूका 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं।
लूका 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं।
लूका 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।
लूका 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27