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शनिवार, 30 जून 2018

जानता है



      मैं कॉलेज में पढ़ाता हूँ, और जब अपने विषय की कक्षा के नए छात्रों से पहली बार मिलता हूँ तो उन्हें उनके नाम से संबोधित करके उनका स्वागत करता हूँ। कॉलेज के नए सत्र के आरंभ होने से पहले, मैं मेरे विषय की कक्षा में आने छात्रों की सूची प्राप्त कर लेता हूँ, और साथ ही उनकी फोटो और नाम भी। इसलिए जब वे कक्षा में आते हैं तो मैं कक्षा में स्वागत करने के लिए उन्हें उनका नाम लेकर बुलाता हूँ। मैं ऐसा इसलिए करता हूँ क्योंकि मुझे यह पता है कि यदि किसी को उसके नाम से बुलाया जाए तो यह कितना सार्थक होता है।

      परन्तु फिर भी किसी को वास्तव में भली-भांति जानने के लिए हमें उसके बारे में उसके नाम से अधिक की जानकारी चाहिए होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यूहन्ना 10 अध्याय में हम पढ़ते हैं कि हमारा अच्छा चरवाहा प्रभु यीशु हमें नाम लेकर बुलाता है (पद 3); यह कैसे सौहार्द और निकटता तथा प्रेम का सूचक है। परन्तु वह केवल हमारा नाम ही नहीं जानता है, अपितु उसे हमारे विचार, इच्छाएं, भय, गलतियाँ, और हमारी सबसे गहरी आवश्यकताएँ, सभी पता हैं। क्योंकि वह हमारी सभी आवश्यकताओं को भली भांति जानता है, इसलिए उसने हमें अपना जीवन – अनन्त जीवन, दिया है; उसने हमारे पापमय नश्वर जीवन की कीमत अपने प्राणों से चुकाई (पद 11) और हमारे लिए अपने अनन्त जीवन को उपलब्ध करवा दिया।

      हमारे पापों ने हमें परमेश्वर से दूर कर रखा था, इसलिए उस भले चरवाहे प्रभु यीशु ने हमारे पापों को अपने ऊपर लेकर उनका दण्ड सह लिया, अपना जीवन हमारे लिए बलिदान कर दिया। अपने मारे जाने, गाड़े जाने, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठने के द्वारा उसने हमारे लिए पापों से छुटकारा उपलब्ध करवा दिया है; अब हमें उन पापों का दण्ड चुकाने की आवश्यकता नहीं है, हमें केवल विश्वास के द्वारा प्रभु यीशु के कलवारी के क्रूस पर किए गए कार्य को ग्रहण करके, उससे पापों की क्षमा माँग कर, अपने जीवन उसे समर्पित कर देने हैं। जब हम ऐसा करते हैं, उससे अपने लिए उद्धार को स्वीकार कर लेते हैं, और फिर हमारे तथा परमेश्वर के बीच की दूरी समाप्त हो जाते है, हम परमेश्वर की सन्तान, उसके घराने के लोग हो जाते हैं (यूहन्ना 1:12-13)।

      प्रभु यीशु का धन्यवाद कीजिए; वह आपको तथा आपकी सभी आवश्यकताओं को जानता है, और उनके लिए जो भी आवश्यक है, आपके लिए उसने उन सब का प्रावधान किया हुआ है। - डेव ब्रैनन


हमारे विषय परमेश्वर के ज्ञान की कोई सीमा नहीं है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-11
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है।
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है।
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है।
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं।
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती।
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं।
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी।
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23



शुक्रवार, 29 जून 2018

जीवन शैली



      परमेश्वर के वचन बाइबल के एक आधूनिक अनुवाद से लिए गए एक वाक्याँश को सुनकर मैं चौंक गया। उस वाक्याँश, “हमारी जीवन शैली,” से संबंधित परिच्छेद को खोजने के लिए मैंने गूगल की सहायता ली, तो पाया कि खोज परिणामों में से अनेक उन बातों के विषय थे, जिन के कारण लोगों को लगता है कि उनकी जीवन शैली पर खतरा है। उन संभावित खतरों में महत्वपूर्ण कारण थे पर्यावरण, आतंकवाद, और सरकारों की नीतियां।

      मैं सोचने लगा, मसीही अनुयायी होने के कारण वास्तविकता में हमारी जीवन शैली क्या है? क्या यह वह है जो हमें आरामदेह, सुरक्षित, और आनन्दित अनुभव करवाती है; या वह इससे कुछ अधिक है?

      प्रेरित पौलुस ने इफसुस के मसीही विश्वासियों को स्मरण दिलाया कि परमेश्वर ने कैसी अद्भुत रीति से उनके जीवनों को परिवर्तित किया था। पौलुस ने लिखा: “परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है)” (इफिसियों 2:4-5)। इसका परिणाम है कि हम “मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया” (पद 10)।

      भले कार्य करना, औरों की सहायता करना, देना, प्रेम करना, और प्रभु यीशु के नाम में सेवकाई करना – यही हमारी जीवन शैली होनी चाहिए। ये सब मसीही विश्वासियों के लिए वैकल्पिक गतिविधियां नहीं हैं, परन्तु प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर की ओर से मिले जीवन का कारण हैं।

      इस बदलते हुए सँसार में, परमेश्वर ने हमें बुलाया और सामर्थी किया है कि हम ऐसी जीवन शैली को अपनाएं जो दूसरों तक सहायतार्थ पहुँचती है और परमेश्वर को आदर देती है। - डेविड मैक्कैसलैंड


उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया।
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43



गुरुवार, 28 जून 2018

अतीत



      क्रिस बेकर एक गोदने (टैट्टू) बनाने वाले कलाकार हैं जो पीड़ा और दासत्व की निशानियों को कलाकृतियों में रूपांतरित करते हैं। उनके ग्राहकों में से अनेकों लोग पहले अपराधिक गिरोहों के सदस्य और मानव व्यापार के शिकार हुए जन हैं। इन लोगों के शरीरों पर पहचान के लिए चिन्ह, नाम, या कोड गोद दिए जाते थे; क्रिस अब उन पुराने गोदनों पर नए चित्र गोद कर, सुन्दर कलाकृतियां बनाते हैं।

      जो कार्य क्रिस बेकर त्वचा के साथ करते हैं, वही कार्य प्रभु यीशु मसीह मनुश्यों की आत्माओं तथा जीवन के साथ करते हैं – जीवन पर आए पाप और बुराई के दागों को हटा कर हमें अपने स्वरूप में रूपांतरित कर देते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि “सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं” (2 कुरिन्थियों 5:17)। प्रभु यीशु के पास आने से पहले हम अपनी ही इच्छाओं के अनुसार चलते हैं, वे इच्छाएं हमें चाहे जहाँ ले जाएँ, और यह हमारी जीवन शैली से झलकता है। जब हम पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित करते हैं, तो हमारे पुराने जीवन की लालसाएं और बुराईयां हमारे जीवनों से हटने लगती हैं, और हम नए स्वरूप में परिवर्तित होने लगते हैं; “और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया...”(2 कुरिन्थियों 5:18)।

      परन्तु इस नए स्वरूप में भी जीवन सदा ही सहज नहीं होता है। पुरानी आदतों से हटने में समय लग सकता है, और जो विचार हमारी पुरानी जीवन शैली का आधार थे, उनके साथ संघर्ष करने पड़ सकते हैं। परन्तु परमेश्वर का आत्मा हम में कार्य करता रहता है, हमें संभाले रहता है, भीतरी सामर्थ्य और प्रभु यीशु के प्रेम की समझ प्रदान करता है। हम अंश अंश करके प्रभु की समानता में बदलते जाते हैं, अतीत को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ते जाते हैं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


भविष्य का आनन्द लेने के लिए, 
अपने अतीत के लिए प्रभु परमेश्वर की क्षमा को स्वीकार कर लें।

...तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:12-21
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं।
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं।
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए।
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा।
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे।
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं।
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21



बुधवार, 27 जून 2018

संपर्क



      हम अपने बेटी को स्कूल के छात्रावास से लेकर लौट रहे थे। हमारा मार्ग समुद्रतट के निकट से होकर निकलता था, इसलिए हम कुछ देर के लिए नाश्ता-पानी के लिए समुद्रतट के निकट चले गए। हम वहाँ बैठे समुद्रतट के दृश्यों का आनन्द ले रहे थे। वहीं तट पर कुछ नावें भी लगी हुई थीं; उन्हें तट से बाँधा हुआ था, जिससे वे बह कर समुद्र में न निकल जाएँ। लेकिन मैंने देखा कि एक नाव थी जो बंधी हुई नहीं थी, और वह समुद्र की लहरों के साथ हिचकोले लेती हुई धीरे-धीरे समुद्र की ओर बहती जा रही थी।

      घर वापस लौटते हुए, मैं उस नाव के बहने के बारे में सोच रहा था तथा परमेश्वर के वचन बाइबल में, इब्रानियों की पुस्तक में, मसीही विश्वासियों को दी गई चेतावनी, “इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हम ने सुनी हैं और भी मन लगाएं, ऐसा न हो कि बहक कर उन से दूर चले जाएं” (इब्रानियों 2:1) के बारे में विचार कर रहा था। हमारे पास अपने प्रभु परमेश्वर के निकट बने रहने के पर्याप्त कारण हैं। इब्रानियों का लेखक कहता है कि यद्यपि मूसा की व्यवस्था विश्वासयोग्य थी और उसका पालन आवश्यक था, परमेश्वर के पुत्र, प्रभु यीशु मसीह का सन्देश उससे कहीं अधिक उत्तम है। प्रभु के द्वारा मिलने वाल उद्धार इतना महान है कि हम उसकी अवहेलना कर ही नहीं सकते हैं (पद 3)।

      प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास में होकर परमेश्वर के साथ बनने वाले हमारे संबंधों में उसके वचन के पालन से इधर-उधर बहकने का आरम्भ में आभास भी नहीं होता है, क्योंकि यह बहुत धीरे-धीरे होता है। किन्तु यदि हम प्रार्थना और बाइबल अध्ययन के द्वारा उसके साथ नियमित संपर्क बनाए रखते हैं, अपनी गलतियों को उसके सामने स्वीकार करते रहते और उससे उनके लिए क्षमा मांगते रहते हैं, तथा प्रभु यीशु के अन्य अनुयायियों के साथ वार्तालाप एवँ संपर्क बनाए रखते है, तो हम प्रभु के साथ बंधे रहते हैं और तब हम सँसार तथा सँसार की बातों के हिचकोलों में बहक कर प्रभु और उसकी शिक्षाओं एवँ देख-भाल से दूर नहीं हो पाते हैं।

      यदि हम प्रभु के साथ निरन्तर संपर्क बनाए रखेंगे, तो हम सँसार और सँसार की बातों से बहक नहीं जाएँगे, और प्रभु हमें विश्वासयोग्यता से थामे रहेगा। - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर से बहक कर दूर हो जाने से बचने के लिए, 
हमारे उद्धार की चट्टान, प्रभु यीशु मसीह के साथ संपर्क बनाए रखिए।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: इब्रानियों 2:1-4
Hebrews 2:1 इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हम ने सुनी हैं और भी मन लगाएं, ऐसा न हो कि बहक कर उन से दूर चले जाएं।
Hebrews 2:2 क्योंकि जो वचन स्‍वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक ठीक बदला मिला।
Hebrews 2:3 तो हम लोग ऐसे बड़े उद्धार से निश्चिन्त रह कर क्योंकर बच सकते हैं? जिस की चर्चा पहिले पहल प्रभु के द्वारा हुई, और सुनने वालों के द्वारा हमें निश्‍चय हुआ।
Hebrews 2:4 और साथ ही परमेश्वर भी अपनी इच्छा के अनुसार चिन्हों, और अद्भुत कामों, और नाना प्रकार के सामर्थ के कामों, और पवित्र आत्मा के वरदानों के बांटने के द्वारा इस की गवाही देता रहा।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40



मंगलवार, 26 जून 2018

ईमानदारी



      जब चर्च में पास्टर साहब ने एक अगुवे से उपस्थित मण्डली के लोगों की प्रार्थना करने में अगुवाई करने का निवेदन किया, तो उस अगुवे के उत्तर ने सब को चुंका दिया। उसने कहा, “पास्टर साहब, क्षमा कीजिए, परन्तु चर्च आते समय सारे रास्ते मैं अपनी पत्नि के साथ वाद-विवाद करता हुआ या हूँ, और मैं प्रार्थना में अगुवाई करने की स्थिति में नहीं हूँ।” इससे अगला पल अटपटा था; पास्टर साहब ने स्वयँ प्रार्थना की, और उपासना सभा अग्रसर रही। बाद में, पास्टर साहब ने निर्णय लिया कि वे कभी किसी से पहले व्यक्तिगत रीति से पूछे बिना, सबके सामने प्रार्थना करने के लिए नहीं कहेंगे।

      उस अगुवे ने, ऐसे समय और स्थान पर जहाँ दिखावा करना सरल होता, चौंका देने वाली ईमानदारी दिखाई थी। परन्तु यहाँ प्रार्थना के विषय एक महत्वपूर्ण पाठ भी है। यदि मैं, पति होने के नाते, अपनी पत्नि का – जो परमेश्वर की एक प्रिय पुत्री है – आदर नहीं करता हूँ, तो उसका स्वर्गीय पिता मेरी प्रार्थनाएं क्यों सुनेगा?

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रेरित पतरस ने इस विषय में रोचक बात कही है। उसने पतियों से कहा कि वे अपनी पत्नियों का आदर करें, मसीह में समान वारिस होने के नाते, जिससे “...जिस से तुम्हारी प्रार्थनाएं रुक न जाएं” (1 पतरस 3:7)। इस बात का मूल सिद्धान्त यह है कि हमारे व्यक्तिगत संबंध हमारे प्रार्थना का जीवन को प्रभावित करते हैं।

      क्या हो यदि हम इतवार को आराधना के समय धार्मिकता और मुस्कराहट के मुखौटों को उतार कर अपने मसीही भाई-बहनों के प्रति सच्ची ईमानदारी को दिखाएँ? यदि हम जैसा अपने लिए वैसे ही अपने मसीही भाई-बहनों के प्रति प्रेम दिखाएँ, उनके लिए प्रार्थनाएं करें, तो परमेश्वर हमारे द्वारा क्या कुछ नहीं कर सकेगा! – टिम गुस्ताफ्सन


प्रार्थना परमेश्वर के साथ ईमानदारी से किया गया वार्तालाप है।

इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। - मत्ती 6:14-15

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:7-12
1 Peter 3:7 वैसे ही हे पतियों, तुम भी बुद्धिमानी से पत्‍नियों के साथ जीवन निर्वाह करो और स्त्री को निर्बल पात्र जान कर उसका आदर करो, यह समझ कर कि हम दोनों जीवन के वरदान के वारिस हैं, जिस से तुम्हारी प्रार्थनाएं रुक न जाएं।
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे।
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25



सोमवार, 25 जून 2018

स्थिर



      जोर्जिया प्रांत के सवाना शहर का नदी किनारे का एतिहासिक क्षेत्र ऊबड़-खाबड़ पत्थरों से बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सदियों पहले ये पत्थर अटलांटिक महासागर को पार करने वाले जल-पोतों में भरकर, यात्रा के दौरान उन्हें स्थिरता प्रदान करने के लिए प्रयोग किए जाते थे। जब वे जल-पोत जोर्जिया में आकर माल लादते थे तो उन पत्थरों का कार्य समाप्त हो जाता था, और उन्हें निकाल कर बंदरगाह के आसपास के क्षेत्र में डाल दिया जाता था, जहाँ उन्हें फिर मार्गों पर बिछा दिया जाता था। उन पत्थरों का प्राथमिक कार्य पूरा हो चुका था – खतरनाक जल-यात्रा के दौरान जल-पोत को स्थिर करना।

      हम जिन दिनों में जी रहे हैं, कभी-कभी वे हमें अशांत समुद्र में की जा रही हिचकोलों से भरी यात्रा के समान लग सकते हैं। प्राचीन काल के उन जल-पोतों के समान हमें भी जीवन यात्रा के तूफानों में स्थिर रखने के लिए कुछ चाहिए होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, दाऊद ने भी खतरों का सामना किया, और उसने अपने कठिन समय में परमेश्वर से मिली स्थिरता के लिए परमेश्वर को सराहा। दाऊद ने कहा, “उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है” (भजन 40:2)। दाऊद ने संघर्ष, व्यक्तिगत असफलता, और पारिवारिक कलह के कठिन समयों का अनुभव किया था, परन्तु फिर भी परमेश्वर ने उसे खड़े होने के लिए स्थिर स्थान दिया। इसलिए दाऊद  ने यह “परमेश्वर की स्तुति” (पद 3) का भजन लिखा।

      कठिनाइयों के समय में, हम भी अपने सर्व-सामर्थी परमेश्वर की ओर उस स्थिरता के लिए देख सकते हैं जो केवल उस ही से मिलती है। परमेश्वर की भरोसेमंद देखरेख के कारण हम भी दाऊद के साथ कह सकते हैं “हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं...” (पद 5)। - बिल क्राउडर


जब हमारे चारों का सँसार बिखर रहा हो, 
तो मसीह ही वह स्थिर चट्टान है जिस पर हम स्थिर खड़े रह सकते हैं।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: भजन 40:1-5
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी।
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है।
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो।
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60



रविवार, 24 जून 2018

उपथिति



      जब हमें पता चला कि हमारी मित्र सिंडी को कैंसर है तो हमारे दिल बैठ गए। सिंडी एक ऐसी जोशीली महिला थी जिसके जीवन से हर वह व्यक्ति आशीषित हो जाता था जो उसके संपर्क में आता था। जब उपचार के दौरान पता चला के कैंसर काबू में आ गया है तो हम बहुत आनन्दित हुए, परन्तु कुछ ही महीनों में वह कैंसर बड़ी प्रबलता से लौट आया। हमारे मनों में, अभी मृत्यु के लिए वह उम्र में छोटी थी। उसके पति ने हमें उसके अंतिम कुछ घंटों के बारे में बताया। जब वह बहुत कमज़ोर हो गई थी और उसके लिए बोलना भी कठिन हो गया था, तब उसने अपने पति से फुसफुसा कर कहा, “मेरे पास बने रहो।” उन अंतिम क्षणों में सिंडी को केवल अपने पति की प्रेम भरी उपस्थिति चाहिए थी।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी पत्री के लेखक ने अपने पाठकों को प्रोत्साहित करने के लिए व्यवस्थाविवरण 31:6 में से उध्दृत किया, जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से कहता है “...मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा” (इब्रानियों 13:5)। हमारे जीवन के सबसे अन्धकार पूर्ण पलों में भी, उसकी प्रेम भरी उपस्थिति का आश्वासन, हमें भरोसा देता है कि हम अकेले नहीं हैं। वह हमें सहन करने के लिए अनुग्रह देता है, यह समझने के लिए बुद्धि देता है कि हर बात में वह हमारे पक्ष में ही कार्य कर रहा है, और यह आश्वासन देता है कि मसीह “हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है” (4:15)।

      आज हम प्रभु यीशु की प्रेम भरी उपस्थित को गले लगाएँ, जिससे कि हम भरोसे के साथ कहा सकें कि “प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है” (13:6)। - जो स्टोवेल


परमेश्वर की उपस्थिति में शान्ति है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: इब्रानियों 13:1-6
Hebrews 13:1 भाईचारे की प्रीति बनी रहे।
Hebrews 13:2 पहुनाई करना न भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्‍वर्गदूतों की पहुनाई की है।
Hebrews 13:3 कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद हो; और जिन के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि लिया करो, कि हमारी भी देह है।
Hebrews 13:4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्‍कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।
Hebrews 13:5 तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।
Hebrews 13:6 इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43



शनिवार, 23 जून 2018

सेवा



      मेरी एक सहेली ने कहा कि वह सेक्रेटरी का कार्य करती है, और जब लोगों को यह बताती है तो सामान्यतः वे उसकी ओर दया-भाव से देखते हैं; परन्तु जब उन्हें मालूम चलता है कि मैं किस की सेक्रटरी हूँ तो उनकी आँखें अचरज और प्रशंसा से फटी रह जाती हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि समाज कुछ कार्यों को औरों से अधिक महत्वपूर्ण समझता है, जब तक कि वे कार्य किसी धनी अथवा प्रसिद्ध व्यक्ति से किसी रीति से संबंधित न हों।

      परन्तु परमेश्वर की सन्तान, हम मसीही विश्वासी, किसी भी पेशे को, हमारा सांसारिक स्वामी चाहे कोई भी हो, गर्व के साथ कर सकते हैं, क्योंकि हम अन्ततः प्रभु यीशु की सेवा करते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में इफिसियों 6 अध्याय में पौलुस प्रेरित अपनी पत्री के द्वारा स्वामियों और सेवकों, दोनों को संबोधित करता है। वह दोनों को स्मरण कराता है कि हम एक ही स्वामी की सेवा करते हैं, जो स्वर्ग में है। इसलिए हमें प्रत्येक कार्य मन की सच्चाई, पूर्ण निष्ठा, और आदर के साथ करना चाहिए क्योंकि हम मसीह के लिए कार्य कर रहे हैं, उसी की सेवा कर रहे हैं। पौलुस ने लिखा, “और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो” (इफिसियों 6:7)।

      यह हम मसीही व्श्वासियों का कैसा अनुपम सौभाग्य है कि हम अपने प्रत्येक कार्य में परमेश्वर की सेवा करते हैं। वह चाहे फोन का उत्तर देना हो, या कार चलाना हो, या घरेलू कार्य करना हो अथवा कोई व्यवसाय चलाना हो। हम अपना हर कार्य एक मुस्कराहट के साथ करें, यह ध्यान रखते हुए कि हम चाहे जो भी करें, हम परमेश्वर ही की सेवा करते हैं। - कीला ओकोआ


सेवा करना परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम को दर्शाता है।

और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो। - कुलुस्सियों 3:17

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:5-9
Ephesians 6:5 हे दासों, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो।
Ephesians 6:6 और मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों के समान दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों के समान मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो।
Ephesians 6:7 और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो।
Ephesians 6:8 क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्‍वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा।
Ephesians 6:9 और हे स्‍वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्‍वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21



शुक्रवार, 22 जून 2018

प्रावधान



      ट्रिस्टान डा कुन्हा द्वीप अपनी भौगोलिक स्थिति और एकान्तता के लिए प्रसिद्ध है। उसपर निवास करने वाले 288 लोगों के कारण, वह विश्व का सबसे दूरस्त बसा हुआ द्वीप है। यह द्वीप दक्षिणी अटलांटिक महासागर में, दक्षिणी अफ्रीका से 1,750 मील दूर स्थित है, जो इससे निकटतम भूभाग है, और यदि किसी को वहाँ जाना हो तो उसे नाव से सात दिन की यात्रा करनी पड़ेगी, क्योंकि उस द्वीप पर कोई हवाई-पट्टी नहीं है।

      प्रभु यीशु मसीह और उसके अनुयायी एक एकांत स्थल पर थे जब प्रभु ने हज़ारों भूखे लोगों के लिए आश्चर्यकर्म द्वारा भोजन का प्रावधान किया। यह आश्चर्यकर्म करने से पहले प्रभु ने अपने अनुयायियों से कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं। यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूं, तो मार्ग में थक कर रह जाएंगे; क्योंकि इन में से कोई कोई दूर से आए हैं” (मरकुस 8:2-3)। क्योंकि वे निर्जन स्थान में थे जहाँ भोजन सरलता से उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्हें पूर्णतः प्रभु यीशु पर निर्भर होना था। उनके पास और कोई विकल्प नहीं था।

      कभी-कभी परमेश्वर हमें ऐसे सुनसान स्थानों में आ लेने देता है जहाँ केवल वह ही हमारी सहायता हो सकता है। उसके द्वारा हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति होना हमारी परिस्थितयों पर निर्भर नहीं है। यदि परमेश्वर इस सृष्टि को ‘कुछ नहीं’ से बना सकता है तो निश्चय ही वह हमारी प्रत्येक आवश्यकता को भी पूरा कर सकता है, हमारी परिस्थिति चाहे कैसी भी हो। परमेश्वर अपनी महिमा के धन के अनुसार प्रभु यीशु में होकर, सदा हमारे लिए प्रावधान कर सकता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम भरोसा रख सकते हैं कि परमेश्वर वह कर सकता है जो हम नहीं कर सकते हैं।

और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों 4:19

बाइबल पाठ: मरकुस 8:1-13
Mark 8:1 उन दिनों में, जब फिर बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई, और उन के पास कुछ खाने को न था, तो उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा।
Mark 8:2 मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं।
Mark 8:3 यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूं, तो मार्ग में थक कर रह जाएंगे; क्योंकि इन में से कोई कोई दूर से आए हैं।
Mark 8:4 उसके चेलों ने उसको उत्तर दिया, कि यहां जंगल में इतनी रोटी कोई कहां से लाए कि ये तृप्‍त हों?
Mark 8:5 उसने उन से पूछा; तुम्हारे पास कितनी रोटियां हैं? उन्होंने कहा, सात।
Mark 8:6 तब उसने लोगों को भूमि पर बैठने की आज्ञा दी, और वे सात रोटियां लीं, और धन्यवाद कर के तोड़ीं, और अपने चेलों को देता गया कि उन के आगे रखें, और उन्होंने लोगों के आगे परोस दिया
Mark 8:7 उन के पास थोड़ी सी छोटी मछिलयां भी थीं; और उसने धन्यवाद कर के उन्हें भी लोगों के आगे रखने की आज्ञा दी।
Mark 8:8 सो वे खाकर तृप्‍त हो गए और शेष टृकड़ों के सात टोकरे भरकर उठाए।
Mark 8:9 और लोग चार हजार के लगभग थे; और उसने उन को विदा किया।
Mark 8:10 और वह तुरन्त अपने चेलों के साथ नाव पर चढ़कर दलमनूता देश को चला गया।
Mark 8:11 फिर फरीसी निकलकर उस से वाद-विवाद करने लगे, और उसे जांचने के लिये उस से कोई स्‍वर्गीय चिन्ह मांगा।
Mark 8:12 उसने अपनी आत्मा में आह मार कर कहा, इस समय के लोग क्यों चिन्‍ह ढूंढ़ते हैं? मैं तुम से सच कहता हूं, कि इस समय के लोगों को कोई चिन्ह नहीं दिया जाएगा।
Mark 8:13 और वह उन्हें छोड़कर फिर नाव पर चढ़ गया और पार चला गया।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6



गुरुवार, 21 जून 2018

प्रेम



      प्रेम केवल सँसार को चलाता ही नहीं है, वरन वह हमें भावनात्मक और चोट खाने के लिए खुला भी कर देता है। हम समय-समय पर अपने आप से कहते हैं, “क्यों प्रेम करें जब दूसरे कोई सराहना नहीं करते हैं?” या “क्यों प्रेम में पड़कर मैं अपने आप को दुखी होने के लिए खुला करूँ?” परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस प्रेम करते रहने का स्पष्ट और सीधा कारण देता है: “पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई हैं, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।  प्रेम का अनुकरण करो...” (1 कुरिन्थियों 13:13-14:1)।

      बाइबल के व्याख्याकर्ता सी. के. बैरट लिखते हैं, “प्रेम क्रिया है, स्वयं परमेश्वर की क्रिया; और जब मनुष्य उससे या अन्य मनुष्यों से प्रेम करते हैं, तब वे (चाहे जितने भी असिद्ध रीति से) वही करते हैं जो परमेश्वर करता है। और जब हम परमेश्वर के समान कार्य करते हैं, तो परमेश्वर प्रसन्न होता है।

      प्रेम के मार्ग का अनुकरण करने के लिए, विचार कीजिए कि आप 1 कुरिन्थियों 13:4-7 में दिए गए गुणों को अपने जीवन में कार्यशाली किस प्रकार से प्रदर्शित कर सकते हैं? उदाहरण के लिए, अपने आप से पूछिए, जैसा धैर्य परमेश्वर मेरे प्रति दिखाता है, मैं अपनी सन्तान के प्रति वैसा ही धैर्य कैसे दिखा सकता हूँ? मैं अपने माता-पिता के प्रति आदर और दया कैसे दिखा सकता हूँ? अपने कार्य-स्थल पर  कार्य करते समय मैं औरों के हित के बारे में कैसे ध्यान कर सकता हूँ? जब मेरे किसी मित्र के साथ कुछ अच्छा होता है तो क्या मैं उसके साथ आनन्दित होता हूँ या ईर्ष्या करता हूँ?

      जब हम “प्रेम का अनुकरण” करेंगे, तो हम पाएँगे कि हम बहुधा प्रेम के स्त्रोत, परमेश्वर, तथा प्रभु यीशु, जो प्रेम का सबसे महान उदाहरण है, की ओर मुड़ते हैं। और तब ही हम सच्चे प्रेम की गहरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, तथा परमेश्वर के समान औरों से प्रेम करने की सामर्थ्य पा सकते हैं। - पो फैंग चिया


हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। - 1 यूहन्ना 4:7

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 13
1 Corinthians 13:1 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।
1 Corinthians 13:2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं।
1 Corinthians 13:3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं।
1 Corinthians 13:4 प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं।
1 Corinthians 13:5 वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता।
1 Corinthians 13:6 कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है।
1 Corinthians 13:7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।
1 Corinthians 13:8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्‍त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।
1 Corinthians 13:9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी।
1 Corinthians 13:10 परन्तु जब सवर्सिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा।
1 Corinthians 13:11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों के समान बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दी।
1 Corinthians 13:12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं।
1 Corinthians 13:13 पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42



बुधवार, 20 जून 2018

हू-आ


      अमरीकी सेना की उक्ति “हू-आ” सैनिकों द्वारा सहमति में उच्चारित किया गया प्रत्युत्तर है। इसका मूल अर्थ तो इतिहास में कहीं खो गया है, परन्तु कुछ का कहना है कि यह एक प्राचीन परिवर्णी शब्द HUA – Heard (सुना), Understood (समझा), Acknowledged (स्वीकार किया) से आया है। मैंने इसे सबसे पहले अपने आरंभिक सैन्य-प्रशिक्षण में सुना था।

      कई वर्षों के पश्चात यह शब्द पुनः मेरी शब्दावली में सम्मिलित हो गया, जब मैंने बुधवार प्रातः बाइबल अध्ययन के लिए कुछ लोगों के साथ जमा होना आरंभ किया। एक प्रातः एक पुरुष ने, जो एक सैनिक रहा था, तथा परमेश्वर के वचन बाइबल में से एक भजन को पढ़ रहा था, जब वह उस भजन में लिखे संकेत शब्द सेला पर आया तो उसने सेला के स्थान पर कहा “हू-आ”; और तब से वह हमारे लिए सेला के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला शब्द बन गया।

      कोई यह निश्चित नहीं जानता है कि सेला का वास्तविक अर्थ क्या होता है। कुछ कहते हैं यह भजन के संगीत से संबंधित संकेत शब्द है। यह बहुधा एक ऐसे सत्य के बाद प्रयोग होता है, जिसके लिए एक गंभीर, भावनात्मक उत्तर की अपेक्षा की जाती है। इस अभिप्राय में, मेरे लिए सेला के स्थान पर “हू-आ” उपयुक्त है।
      आज प्रातः मैंने भजन 68:19 पढ़ा: “धन्य है प्रभु, जो प्रति दिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता ईश्वर है”। सेला

      ज़रा भजनकार द्वारा कही गई इस बात की कल्पना कीजिए, प्रति प्रातः परमेश्वर हमें अपने कंधों पर उठाता है और दिन भर लिए फिरता है। वही हमारा उद्धार है। हम उसमें सुरक्षित एवँ सकुशल हैं, हमें किसी बात की चिंता करने की या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए मैं इसके लिए कहता हूँ, “हू-आ”! – डेविड रोपर


आराधना परमेश्वर को वह सर्वोत्तम अर्पित करना है जो उसने हमें दिया है। - ओसवाल्ड चैम्बर्स

तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा। सेला – भजन 32:7

बाइबल पाठ: भजन 68:7-10, 19-20
Psalms 68:7 हे परमेश्वर, जब तू अपनी प्रजा के आगे आगे चलता था, जब तू निर्जल भूमि में सेना समेत चला,
Psalms 68:8 तब पृथ्वी कांप उठी, और आकाश भी परमेश्वर के साम्हने टपकने लगा, उधर सीनै पर्वत परमेश्वर, हां इस्राएल के परमेश्वर के साम्हने कांप उठा।
Psalms 68:9 हे परमेश्वर, तू ने बहुत से वरदान बरसाए; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तु तू ने उसको हरा भरा किया है;
Psalms 68:10 तेरा झुण्ड उस में बसने लगा; हे परमेश्वर तू ने अपनी भलाई से दीन जन के लिये तैयारी की है।
Psalms 68:19 धन्य है प्रभु, जो प्रति दिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता ईश्वर है। सेला
Psalms 68:20 वही हमारे लिये बचाने वाला ईश्वर ठहरा; यहोवा प्रभु मृत्यु से भी बचाता है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21