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सोमवार, 2 अक्टूबर 2017

फल


   वह जवान माँ अपने पास उपलब्ध थोड़े से सामान से अपनी 3 वर्षीय बेटी के लिए दोपहर का भोजन तैयार कर रही थी। उस छोटे से रसोई में रखी फलों की खाली टोकरी को देखकर उसने ठंडी साँस लेते हुए सुनी जाने लायक ऊँची आवाज़ में कहा, "यदि हमारे पास फलों से भरी टोकरी होती तो मैं अपने आप को संपन्न समझती।" उसकी छोटी पुत्री ने यह सुन लिया। इस बात को कुछ सप्ताह बीत गए; परमेश्वर उस परिवार की देखभाल करता रहा, उनकी आवश्यकताएं पूरी करता रहा; परन्तु वह माँ भी चिन्ता करती ही रही। फिर एक दिन वह छोटी लड़की आनन्द से भरी भागती हुई रसोई में आई और मेज़ पर रखी फलों से भरी हुई टोकरी की ओर संकेत कर के बोली, "देखो माँ, हम संपन्न हो गए हैं।" उनके परिवार की स्थिति में कोई परिवर्तन नही आया था, बस उन्होंने एक थैला सेब खरीद लिए थे।

   जब इस्त्राएलियों का अगुवा, यहोशु अपने अन्त समय के निकट था, तो उसने इस्त्राएलियों के साथ परमेश्वर से मिला एक सन्देश बाँटा, जिसमें परमेश्वर ने उन इस्त्राएलियों के लिए जो कुछ किया था, उसका ब्योरा था। यहोशु ने परमेश्वर की ओर से उन से कहा, "और जब तुम ने यहोवा की दोहाई दी तब उसने तुम्हारे और मिस्रियों के बीच में अन्धियारा कर दिया, और उन पर समुद्र को बहाकर उन को डुबा दिया; और जो कुछ मैं ने मिस्र में किया उसे तुम लोगों ने अपनी आंखों से देखा; फिर तुम बहुत दिन तक जंगल में रहे" (यहोशु 24:7); फिर उसने कहा, "फिर मैं ने तुम्हें ऐसा देश दिया जिस में तुम ने परिश्रम न किया था, और ऐसे नगर भी दिए हैं जिन्हें तुम ने न बसाया था, और तुम उन में बसे हो; और जिन दाख और जलपाई के बगीचों के फल तुम खाते हो उन्हें तुम ने नहीं लगाया था" (पद 13)। परमेश्वर के प्रावधानों का स्मरण बनाए रखने के लिए यहोशु ने एक बड़ा पत्थर खड़ा किया (पद 26)।

   उन इस्त्राएलियों के समान, चुनौतियों और कमी-घटियों का समय झेलने के बाद अब वह परिवार एक नए स्थान पर रहता है, जहाँ उस स्थान के भूतपूर्व स्वामी द्वारा लगाए गए कई फलदार वृक्ष हैं, जिनका वे आनन्द लेते हैं। यदि आप उनके घर जाएं, तो उनके रसोई में फलों से भरी एक टोकरी सदा रखी रहती है। वह टोकरी उन्हें स्मरण दिलाती रहती है परमेश्वर की देखभाल और भलाई की, और कैसे परमेश्वर ने एक तीन वर्षीय बालिका दे द्वारा उस परिवार में विश्वास, आनन्द और सही दृष्टिकोण का संचार किया। - टिम गुस्टाफसन


बीते हुए कल में मिली परमेश्वर की देखभाल के स्मरण करने से
 आज के लिए आशा और सामर्थ्य प्राप्त होते हैं।

और यहोवा ने उन सब बातों के अनुसार, जो उसने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर कही थीं, उन्हें चारों ओर से विश्राम दिया; और उनके शत्रुओं में से कोई भी उनके साम्हने टिक न सका; यहोवा ने उन सभों को उनके वश में कर दिया। जितनी भलाई की बातें यहोवा ने इस्राएल के घराने से कही थीं उन में से कोई भी न छूटी; सब की सब पूरी हुई। - यहोशु 21:44-45

बाइबल पाठ: यहोशु 24:2, 8-14
Joshua 24:2 तब यहोशू ने उन सब लोगों से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस प्रकार कहता है, कि प्राचीन काल में इब्राहीम और नाहोर का पिता तेरह आदि, तुम्हारे पुरखा परात महानद के उस पार रहते हुए दूसरे देवताओं की उपासना करते थे। 
Joshua 24:8 तब मैं तुम को उन एमोरियों के देश में ले आया, जो यरदन के उस पार बसे थे; और वे तुम से लड़े और मैं ने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया, और तुम उनके देश के अधिकारी हो गए, और मैं ने उन को तुम्हारे साम्हने से सत्यानाश कर डाला। 
Joshua 24:9 फिर मोआब के राजा सिप्पोर का पुत्र बालाक उठ कर इस्राएल से लड़ा; और तुम्हें शाप देने के लिये बोर के पुत्र बिलाम को बुलवा भेजा, 
Joshua 24:10 परन्तु मैं ने बिलाम की सुनने के लिये नाहीं की; वह तुम को आशीष ही आशीष देता गया; इस प्रकार मैं ने तुम को उसके हाथ से बचाया। 
Joshua 24:11 तब तुम यरदन पार हो कर यरीहो के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिब्बी, और यबूसी तुम से लड़े, तब मैं ने उन्हें तुम्हारे वश में कर दिया। 
Joshua 24:12 और मैं ने तुम्हारे आगे बर्रों को भेजा, और उन्होंने एमोरियों के दोनों राजाओं को तुम्हारे साम्हने से भगा दिया; देखो, यह तुम्हारी तलवार वा धनुष का काम नहीं हुआ। 
Joshua 24:13 फिर मैं ने तुम्हें ऐसा देश दिया जिस में तुम ने परिश्रम न किया था, और ऐसे नगर भी दिए हैं जिन्हें तुम ने न बसाया था, और तुम उन में बसे हो; और जिन दाख और जलपाई के बगीचों के फल तुम खाते हो उन्हें तुम ने नहीं लगाया था। 
Joshua 24:14 इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर कर के यहोवा की सेवा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 14-16
  • इफिसियों 5:1-16