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रविवार, 23 अक्टूबर 2011

लक्षय पर दृष्टि

   पौल पोवेल ने एक चित्र का वर्णन लिखा जिसमें पुराने समय के माल तथा यात्रि ले जाने वाली घोड़ा गाड़ियों के एक काफिले को दिखाया गया है। रात्रि का समय है, सुरक्षा के लिए सभी घोड़ा गाड़ियों को गोलाकार खड़ा किया गया है, गोलाकार के मध्य में आग के चारों ओर काफिले के लोग एकत्रित हैं और काफिले का अगुआ उनसे कुछ बात कर रहा है। अगुए के सामने एक नक्षा बिछा हुआ है जिसपर एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा द्वारा उनका अब तब का तय किया हुआ मार्ग अंकित है। उस रेखा के एक सिरे पर अगुए की एक अंगुली रखी हुई है, चेहरे पर दृढ़ निश्चय झलक रहा है और दूसरा हाथ दूर हलके से दिख रहे पर्वत श्रंखला की ओर संकेत कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह कह रहा हो कि चाहे हमें इस ओर से पर्वत श्रंखला से होकर जाना पड़े अथवा दूसरी ओर से बहती नदी में से होकर, लेकिन हमारा लक्षय उधर पश्चिम दिशा की ओर ही रहेगा।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी को भी ऐसे ही दृढ़ निश्चय के साथ अपने निशाने की ओर बढ़ना चाहिए। मसीही जीवन यात्रा आसान नहीं है। जो मार्ग हमारे परमेश्वर ने हमारे लिए चुना है उस में पर्वत हो सकते हैं, कठिनाईयां और प्रलोभन हमें मार्ग से भटकाने के लिए सामने आ सकते हैं, किंतु यदि हम अपनी दिशा और लक्षय - प्रभु यीशु मसीह पर अपनी नज़रें लगाए रहें तो हम मार्ग से नहीं भटकेंगे। यदि हम अपने प्रभु के पीछे विश्वासयोग्यता से होकर चलते रहें तो अपने लक्षय तक अवश्य पहुंचेंगे।

   जब कभी मार्ग में प्रलोभन या ध्यान भंग करने वाली बातें हमें मार्ग से भटका कर ले जाएं, तो हम अपनी इस गलती को मान कर उसके लिए प्रभु यीशु से क्षमा मांग सकते हैं और फिर अपनी नज़रें अपने लक्षय की ओर लगा कर आगे बढ़ सकते हैं। जब तक हमारी दृष्टि हमारे प्रभु पर लगी रहेगी, हमारी दृष्टि सही दिशा और लक्षय पर भी लगी रहेगी। - डेव एगनर


यदि दृष्टि लक्ष्य पर टिकी रहे तो कोई बाधा हमें रोक नहीं पाएगी।

...तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें;... - इब्रानियों १२:१, २
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:३२-१२:२
    Heb 11:32  अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
    Heb 11:33  इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
    Heb 11:34  आग की ज्‍वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
    Heb 11:35  स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
    Heb 11:36  कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने, और कोड़े खाने, वरन बान्‍धे जाने और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
    Heb 11:37  पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
    Heb 11:38  और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
    Heb 11:39  संसार उन के योगय न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्‍छी गवाही दी गई, तौभी उन्‍हें प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तु न मिली।
    Heb 11:40  क्‍योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
    Heb 12:1  इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
    Heb 12:2  और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर से ताकते रहें; जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह १-२ 
  • १ तिमुथियुस ३