ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 14 जून 2018

धन्यवादी


   औरों की गवाहियाँ सुनना कि कैसे परमेश्वर ने उनके जीवनों में अद्भुत कार्य किए हैं, हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हम प्रार्थनाओं के उत्तर में हुए कार्यों के लिए आनन्दित हो सकते हैं, किन्तु साथ ही यह विचार भी रख सकते हैं कि परमेश्वर ने हाल ही में हमारे लिए कुछ अद्भुत क्यों नहीं किया है?

   यह सोच रखना सरल है कि यदि परमेश्वर हमारे पास भी उन अद्भुत रीतियों से आता जैसे वह अब्राहम के पास आया करता था, तो हम भी परमेश्वर के और अधिक प्रभावी तथा वफादार सेवक होते। लेकिन यदि हम परमेश्वर के वचन बाइबल में ध्यान से देखें तो पाएँगे कि परमेश्वर अब्राहम के पास 12 से 14 वर्षों के अन्तराल में ही आया करता था, और अब्राहम की अधिकांश जीवन यात्रा सामान्य सी ही थी (देखिए उत्पत्ति 12:1-4; 15:1-6; 16-17:12)।

   अधिकाँशतः परमेश्वर का कार्य जीवन की सामान्य बातों के द्वारा और उसके सामने आए बिना ही होता है। वह हर परिस्थिति में हमारा ध्यान रखता है, हमें हमारी सामर्थ्य से बाहर परिक्षा में पड़ने से बचाए रखता है और परीक्षाओं से निकलने के मार्ग भी बनाकर देता रहता है (1 कुरिन्थियों 10:13)। प्रतिदिन, प्रतिपल परमेश्वर हमें शैतान के घातक हमलों से बचाता रहता है, अन्यथा हम पूर्णतयाः असफल हो गए होते। और जब शैतान के प्रलोभन और परीक्षाएं हम पर आते हैं, तब परमेश्वर हमारे निकास के मार्ग बनाकर देता है, जिससे हम उनसे बच कर निकल सकें।

   आज रात सोने से पहले परमेश्वर का धन्यवाद करें कि आज दिन भर के जीवन की सामान्य प्रतीत होने वाले बातों में उसने कैसे अद्भुत रीति से हमारे लिए कितने ही कार्य किए हैं। इसलिए यह लालसा करते रहने के स्थान पर कि परमेश्वर हमारे लिए कुछ अद्भुत कर दे, हमें उसका धन्यवादी रहना चाहिए उन सभी बातों के लिए जो वह आज तक हमारे जीवनों में करता आया है। - जो स्टोवैल


परमेश्वर अदृश्य रहता है किन्तु सदा प्रत्येक परिस्थिति को
 अपने नियंत्रण में बनाए रखता है, “साधारण” दिनों में भी।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 12:1-4; 17:1-2
Genesis 12:1 यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।
Genesis 12:2 और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा।
Genesis 12:3 और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे।
Genesis 12:4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।
Genesis 17:1 जब अब्राम निन्नानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर हूं; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।
Genesis 17:2 और मैं तेरे साथ वाचा बान्धूंगा, और तेरे वंश को अत्यन्त ही बढ़ाऊंगा।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एज्रा 9-10
  • प्रेरितों 1