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गुरुवार, 19 जनवरी 2017

वचन


   मेरे लड़कपन के दिनों में, हमारा परिवार कभी-कभी नेवाडा प्रांत से होकर यात्रा करता था, जो मरुभूमि का इलाका है। उन यात्राओं में हमें मरुभूमि में आने वाले तूफान बहुत अच्छे लगते थे। बिजली के कड़कने और बादलों के ज़ोर से गर्जने के साथ मूसलाधार बारिष मरुभूमि की तपती हुई रेत पर छा जाती। ठण्डक देने वाली वह वर्षा हमें तथा धरती दोनों ही को तर-ओ-ताज़ा कर देती थी।

   सूखे इलाकों में जल अद्भुत परिवर्तन ले आता है; उदाहरण के लिए, सूखे में निर्जीव से दिखने वाले नागफनी के झाड़, ग्रीष्म ऋतु की पहली बारिष के बाद ही फूलने लगते हैं, गुलाबी, सुनहले, और सफेद फूलों से भर जाते हैं। इसी प्रकार इस्त्राएल के सूखे इलाकों में, वर्षा होने के साथ ही भूमि से वनस्पति अँकुरित होने लग जाती है।

   वर्षा द्वारा तर-ओ-ताज़गी देने तथा नया जीवन आरंभ करने के गुण को परमेश्वर के वचन बाइबल में मनुष्यों पर परमेश्वर के वचनों के प्रभाव को समझाने के लिए प्रयुक्त किया गया है: "जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा" (यशायाह 55:10-11)।

   परमेश्वर के वचन में आत्मिक जीवन है, इसीलिए वह निष्फल कभी नहीं लौटता है। जहाँ कहीं भी उसे एक खुला और ग्रहणशील हृदय मिलता है, वहाँ यह वचन ताज़गी, पोषण और नया जीवन ले आता है। - डेनिस फिशर


जैसे मरुभूमि के लिए जल वैसे ही प्यासी आत्मा के लिए परमेश्वर का वचन है।

तू भूमि की सुधि ले कर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार कर के मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है। तू रेघारियों को भली भांति सींचता है, और उनके बीच की मिट्टी को बैठाता है, तू भूमि को मेंह से नरम करता है, और उसकी उपज पर आशीष देता है। - भजन 65:9-10

बाइबल पाठ: यशायाह 55:6-13
Isaiah 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो; 
Isaiah 55:7 दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा। 
Isaiah 55:8 क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। 
Isaiah 55:9 क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है।
Isaiah 55:10 जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, 
Isaiah 55:11 उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।
Isaiah 55:12 क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे। 
Isaiah 55:13 तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 46-48
  • मत्ती 13:1-30