पाईक्स पीक चढ़ाई की दौड़ १३.३२ मील की एक अत्यन्त चुनौती भरी दौड़ है जो पहाड़ की तले से आरंभ होकर पहाड़ पर ७८१५ फीट की उंचाई पर समाप्त होती है। मेरे मित्र डॉन वालेस ने इसमें २० बार हिस्सा लिया है। अन्तिम बार जब उसने हिस्सा लिया तब वह अपने ६७वें जन्म दिन से केवल एक सप्ताह दूर था! डॉन इस की तैयारी दौड़ से कुछ समय पहले आरंभ नहीं करता, वरन उसने नियम बना रखा है कि वह प्रतिदिन ६ मील दौड़ेगा और सारे साल वह ऐसा करता है, चाहे वह जहां भी हो। यह अभ्यास वह लगभग अपने संपूर्ण व्यस्क जीवन करता रहा है और अब भी करता है।
पौलुस, १ कुरिन्थियों ९ अध्याय में अपने अनुशासित मसीही जीवन को जीने की उपमा दौड़ने से देता है। वह उद्देश्य और अनुशासन से दौड़ा जिससे कि अनन्त जीवन में वह जीत का मुकुट पा सके, और उसने औरों को भी ऐसा ही करने को प्रोत्साहित किया: "क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो" (१ कुरिन्थियों ९:२४)।
इससे अगले पद, पद २५ में, वह अपने पाठकों को स्मरण दिलाता है कि जो खिलाड़ी इनाम पाने की आशा रखते हैं वे संयम के साथ नियमित अभ्यास करते हैं, क्योंकि अन्तिम समय पर करी गई किसी भी तैयारी की अपेक्षा ऐसा करना कहीं अधिक महत्वपूर्ण और कार्यकारी होता है।
जो जीवन की दौड़ हमारे सामने रखी है (इब्रानियों १२:१), हम उसे कैसा लेते हैं - परमेश्वर को प्रसन्न करने के निश्चय और उद्देश्य के अनुशासन के साथ या हलके में और लापरवाही से?
मसीही जीवन की दौड़ को सफलता से पूरी करने की कुंजी, प्रतिदिन उसके अनुशासन का नियमित अभ्यास है। - डेविड मैककैसलैंड
क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४
बाइबल पाठ:१ कुरिन्थियों ९:२४-२७
क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं, ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।
एक साल में बाइबल:
पौलुस, १ कुरिन्थियों ९ अध्याय में अपने अनुशासित मसीही जीवन को जीने की उपमा दौड़ने से देता है। वह उद्देश्य और अनुशासन से दौड़ा जिससे कि अनन्त जीवन में वह जीत का मुकुट पा सके, और उसने औरों को भी ऐसा ही करने को प्रोत्साहित किया: "क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो" (१ कुरिन्थियों ९:२४)।
इससे अगले पद, पद २५ में, वह अपने पाठकों को स्मरण दिलाता है कि जो खिलाड़ी इनाम पाने की आशा रखते हैं वे संयम के साथ नियमित अभ्यास करते हैं, क्योंकि अन्तिम समय पर करी गई किसी भी तैयारी की अपेक्षा ऐसा करना कहीं अधिक महत्वपूर्ण और कार्यकारी होता है।
जो जीवन की दौड़ हमारे सामने रखी है (इब्रानियों १२:१), हम उसे कैसा लेते हैं - परमेश्वर को प्रसन्न करने के निश्चय और उद्देश्य के अनुशासन के साथ या हलके में और लापरवाही से?
मसीही जीवन की दौड़ को सफलता से पूरी करने की कुंजी, प्रतिदिन उसके अनुशासन का नियमित अभ्यास है। - डेविड मैककैसलैंड
मसीही जीवन की दौड़ को दौड़ने के लिये समर्पण और अनुशासन अनिवार्य हैं।
क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४
बाइबल पाठ:१ कुरिन्थियों ९:२४-२७
क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं, ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।
एक साल में बाइबल:
- भजन ९१-९३
- रोमियों १५:१-१३