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शनिवार, 11 अक्टूबर 2014

घबराहट या प्रार्थना


   एक 85 वर्षीय वृद्धा जो उस समय एक मठ में अकेली थी, लिफ्ट में 4 रात तथा 3 दिन तक फंसी रही। संयोग से उसके पास एक बर्तन में पानी, कुछ खाने का सामान और खाँसी की गोलियाँ थीं। उसने पहले तो लिफ्ट का दरवाज़ा खोलने और सेल-फोन का सिग्नल प्राप्त करने का असफल प्रयास किया, और फिर प्रार्थना में परमेश्वर की ओर मुड़ गई। बाद में उसने सी.एन.एन. को दिए साक्षात्कार में बताया, उसके सामने दो ही विकल्प थे, या तो वह परिस्थिति से घबरा कर कुछ उल्टा-सीधा करती या फिर प्रार्थना कर के शान्ति से रहती। अपनी विकट परिस्थिति में उसने परमेश्वर पर भरोसा रखा और अपने बचाए जाने की प्रतीक्षा शान्ति से करी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यहूदियों के एक राजा आसा के पास भी यही विकल्प थे - घबराए या प्रार्थना करे (2 इतिहास 14)। आसा पर कुश (इतोपिया) देश के राजा ने दस लाख सैनिकों के साथ चढ़ाई करी थी। इस बड़े आक्रमण का सामना करने के लिए ना तो आसा ने किसी सैनिक रणनीति पर भरोसा किया और ना ही भयभीत होकर छिपने का प्रयास किया, वरन तुरंत ही वह प्रार्थना में परमेश्वर की ओर मुड़ गया। एक विनम्र किंतु प्रभावी प्रार्थना में आसा ने परमेश्वर पर अपनी संपूर्ण निर्भरता का अंगीकार किया, उससे सहायता मांगी, और परमेश्वर से विनती करी कि वो अपने नाम के निमित उन्हें बचाने का प्रयोजन करे (2 इतिहास 14:11)। परमेश्वर ने आसा की प्रार्थना सुनी और उसका उत्तर दिया, और आसा ने उस आक्रमण को विफल कर दिया, आक्रमणकारियों पर जयवन्त हुआ।

   हम सब के जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ आ सकती हैं जब हम किसी कठिन परिस्थिति में पड़ जाएं, हमारे पास संसाधन कम हों, समस्याओं का एक बड़ा समूह हमें घेर ले, किसी परिस्थिति का कोई समाधान हमें सूझ ना पड़ रहा हो, इत्यादि। ऐसे समय घबराने और हड़बड़ी में कुछ उल्टा-सीधा करने के नहीं वरन प्रार्थना में परमेश्वर के पास आने के समय होने चाहिएं, क्योंकि परमेश्वर अपने लोगों के लिए, जो उस पर भरोसा रखते हैं, लड़ता है, उन्हें विजयी करता है। - मार्विन विलियम्स


प्रार्थना परेशानी और घबराहट में शान्ति पाने का मार्ग है।

तब आसा ने अपने परमेश्वर यहोवा की यों दोहाई दी, कि हे यहोवा! जैसे तू सामथीं की सहायता कर सकता है, वैसे ही शक्तिहीन की भी; हे हमारे परमेश्वर यहोवा! हमारी सहायता कर, क्योंकि हमारा भरोसा तुझी पर है और तेरे नाम का भरोसा कर के हम इस भीड़ के विरुद्ध आए हैं। हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है; मनुष्य तुझ पर प्रबल न होने पाएगा। - 2 इतिहास 14:11

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 14:1-15
2 Chronicles 14:1 निदान अबिय्याह अपने पुरखाओं के संग सो गया, और उसको दाऊदपुर में मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र आसा उसके स्थान पर राज्य करने लगा। इसके दिनों में दस वर्ष तक देश में चैन रहा। 
2 Chronicles 14:2 और आसा ने वही किया जो उसके परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में अच्छा और ठीक था। 
2 Chronicles 14:3 उसने तो पराई वेदियों को और ऊंचे स्थानों को दूर किया, और लाठों को तुड़वा डाला, और अशेरा नाम मूरतों को तोड़ डाला। 
2 Chronicles 14:4 और यहूदियों को आज्ञा दी कि अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करें और व्यवस्था और आज्ञा को मानों। 
2 Chronicles 14:5 और उसने ऊंचे स्थानों और सूर्य की प्रतिमाओं को यहूदा के सब नगरों में से दूर किया, और उसके साम्हने राज्य में चैन रहा। 
2 Chronicles 14:6 और उसने यहूदा में गढ़ वाले नगर बसाए, क्योंकि देश में चैन रहा। और उन बरसों में उसे किसी से लड़ाई न करनी पड़ी क्योंकि यहोवा ने उसे विश्राम दिया था। 
2 Chronicles 14:7 उसने यहूदियों से कहा, आओ हम इन नगरों को बसाएं और उनके चारों ओर शहरपनाह, गढ़ और फाटकों के पल्ले और बेड़े बनाएं; देश अब तक हमारे साम्हने पड़ा है, क्योंकि हम ने, अपने परमेश्वर यहोवा की खोज की है हमने उसकी खोज की और उसने हम को चारों ओर से विश्राम दिया है। तब उन्होंने उन नगरों को बसाया और कृतार्थ हुए। 
2 Chronicles 14:8 फिर आसा के पास ढाल और बछीं रखने वालों की एक सेना थी, अर्थात यहूदा में से तो तीन लाख पुरुष और बिन्यामीन में से फरी रखने वाले और धनुर्धारी दो लाख अस्सी हजार ये सब शूरवीर थे। 
2 Chronicles 14:9 और उनके विरुद्ध दस लाख पुरुषों की सेना और तीन सौ रथ लिये हुए जेरह नाम एक कूशी निकला और मारेशा तक आ गया। 
2 Chronicles 14:10 तब आसा उसका साम्हना करने को चला और मारेशा के निकट सापता नाम तराई में युद्ध की पांति बान्धी गई। 
2 Chronicles 14:11 तब आसा ने अपने परमेश्वर यहोवा की यों दोहाई दी, कि हे यहोवा! जैसे तू सामथीं की सहायता कर सकता है, वैसे ही शक्तिहीन की भी; हे हमारे परमेश्वर यहोवा! हमारी सहायता कर, क्योंकि हमारा भरोसा तुझी पर है और तेरे नाम का भरोसा कर के हम इस भीड़ के विरुद्ध आए हैं। हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है; मनुष्य तुझ पर प्रबल न होने पाएगा। 
2 Chronicles 14:12 तब यहोवा ने कूशियों को आसा और यहूदियों के साम्हने मारा और कूशी भाग गए। 
2 Chronicles 14:13 और आसा और उसके संग के लोगों ने उनका पीछा गरार तक किया, और इतने कूशी मारे गए, कि वे फिर सिर न उठा सके क्योंकि वे यहोवा और उसकी सेना से हार गए, और यहूदी बहुत सा लूट ले गए। 
2 Chronicles 14:14 और उन्होंने गरार के आस पास के सब नगरों को मार लिया, क्योंकि यहोवा का भय उनके रहने वालों के मन में समा गया और उन्होंने उन नगरों को लूट लिया, क्योंकि उन में बहुत सा धन था। 
2 Chronicles 14:15 फिर पशु-शालाओं को जीत कर बहुत सी भेड़-बकरियां और ऊंट लूट कर यरूशलेम को लौटे।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 11-14