कालेब बीमार था, बहुत बीमार! उसे स्नायु तंत्रिकाओं की बीमारी थी, जिस के कारण वह 5 वर्षीय बालक अस्थायी लकवे से ग्रसित था। उसके चिंतित माता-पिता उसके चँगा होने के लिए प्रार्थना तथा प्रतीक्षा कर रहे थे। धीरे-धीरे कालेब ठीक होने लगा। कई महीनों के बाद डॉक्टरों ने कहा कि अब वह स्कूल जा सकता है, लेकिन तब भी कालेब केवल एक धीमी, असंतुलित चाल ही चल पाता था।
एक दिन उसके पिता उसे देखने स्कूल पहुँचे और उन्होंने अवकाश के समय में कालेब को बड़े प्रयास के साथ रुक-रुक कर सीढ़ी उतरते और खेल के मैदान की ओर आते देखा। साथ ही उन्होंने देखा कि कालेब का मित्र टायलर उसके पास आया और उसके साथ चलने लगा। उस पूरे अवकाश के समय में टायलर अपने मित्र के साथ खेल के मैदान में धीरे-धीरे चलता रहा जबकि बाकि बच्चे दौड़ लगा रहे थे, खेल रहे थे, उछल-कूद कर रहे थे।
परमेश्वर के वचन बाइबल के पात्र, अय्युब का भी मन था कि उसे एक मित्र मिले, जो टायलर के समान ही उसके साथ रहे। लेकिन उसके दुःख में जो मित्र उससे मिलने आए, वे अपनी धारणा में दृढ़ थे कि अय्युब में ही कोई बुराई थी जिसके कारण वह दुःख में पड़ा था; उन मित्रों में से एक, एलिफाज़ ने पूछा, "क्या तुझे मालूम है कि कोई निर्दोष भी कभी नाश हुआ है? या कहीं सज्जन भी काट डाले गए?" (अय्युब 4:7); अपने मित्रों से ऐसे दोषारोपण को सुनकर अय्युब ने उन से कहा, "ऐसी बहुत सी बातें मैं सुन चुका हूँ, तुम सब के सब निकम्मे शान्तिदाता हो। क्या व्यर्थ बातों का अन्त कभी होगा?" (अय्युब 16:2)।
लेकिन प्रभु यीशु का व्यवहार इससे बहुत भिन्न था। क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले की संध्या को, यद्यपि वे जानते थे कि थोड़ी देर में उनके शिष्यों में से एक उन्हें पकड़वाएगा, और फिर यातनाएं देने के बाद उन्हें क्रूस पर चढ़ाया जाएगा, फिर भी उन्होंने अपने शिष्यों का ढाढ़स बढ़ाने और उन्हें आश्वस्त करने, शान्ति देने का कार्य किया। प्रभु ने अपने शिष्यों को पवित्र-आत्मा का आश्वासन दिया, जो सदा उनके साथ रहेगा (यूहन्ना 14:16-17), और उनसे वायदा किया कि, "मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं" (यूहन्ना 14:18)। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के पश्चात, अपने स्वर्गारोहण से ठीक पहले, प्रभु ने अपने शिष्यों को फिर से आश्वस्त किया, "...और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं" (मत्ती 28:20)|
प्रभु आज भी हमें कभी अकेला नहीं छोड़ता है; हमारे प्रत्येक कदम के साथ वह कदम मिला कर चलता है, वह सदा हमारे साथ साथ बना रहता है। - टिम गस्टाफसन
कभी-कभी यीशु के समान होने का एक अच्छा तरीका होता है
शान्ति के साथ किसी आहत मित्र के साथ बैठना।
और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। - यूहन्ना 14:16-17
बाइबल पाठ: अय्युब 16:1-5
Job 16:1 तब अय्यूब ने कहा,
Job 16:2 ऐसी बहुत सी बातें मैं सुन चुका हूँ, तुम सब के सब निकम्मे शान्तिदाता हो। क्या व्यर्थ बातों का अन्त कभी होगा?
Job 16:3 तू कौन सी बात से झिड़ककर उत्तर देता।
Job 16:4 जो तुम्हारी दशा मेरी सी होती, तो मैं भी तुम्हारी सी बातें कर सकता; मैं भी तुम्हारे विरुद्ध बातें जोड़ सकता, और तुम्हारे विरुद्ध सिर हिला सकता।
Job 16:5 वरन मैं अपने वचनों से तुम को हियाव दिलाता, और बातों से शान्ति देकर तुम्हारा शोक घटा देता।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब 34-35
- प्रेरितों 15:1-21