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रविवार, 11 जनवरी 2015

चश्मदीद गवाह


   जब लोगों की जीवनियों पर आधारित हमारे टेलिविज़न कार्यक्रम, Day of Discovery में प्रसारण के लिए हमारी टीम लोगों से साक्षात्कार द्वारा उनके अनुभव रिकॉर्ड करती है तो हमें सबसे अधिक आनन्द ऐसे लोगों की बातों से आता है जो उस व्यक्ति को जिसकी जीवनी हम दिखाने का प्रयास कर रहे हैं व्यक्तिगत रीति से या निकटता से जानते थे। वर्षों से चले आ रहे इस कार्यक्रम में प्रसारण के लिए हमने साक्षात्कार लिया एक ऐसे व्यक्ति का जो चीन में कैदखाने में एरिक लिडिल के साथ उनके कमरे में रहता था; एक ऐसी महिला का जो अपनी किशोरावस्था में दूसरे विश्व-युद्ध के काल में सी. एस. लूइस के घर में रहा करती थी; एक ऐसे व्यक्ति का जो डॉ० जॉर्ज वॉशिंग्टन कारवर की दक्षिणी अमेरिका प्रचार यात्रा में उनकी गाड़ी का चालक होकर उनके साथ-साथ रहा। वे सब बड़े खुले तौर से उस व्यक्ति के बारे में बताते थे जिसे एक विशेष व्यक्तित्व के रूप में उन्होंने निकट से जाना था।

   जब प्रभु यीशु के एक शिष्य यूहन्ना ने अपनी वृद्धावस्था में मसीही विश्वासियों को पत्री लिखी, तो उस पत्री के आरंभिक शब्दों के द्वारा उसने अपने आप को प्रभु यीशु का एक करीबी सहयोगी और उसके जीवन का चश्मदीद गवाह स्थापित किया: "यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ" (1 यूहन्ना 1:2); और पत्री लिखने के अपने उद्देश्य को स्पष्ट किया: "जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए" (1 यूहन्ना 1:3-4)।

   प्रभु यीशु मसीह के साथ रहने और कार्य करने वाले उनके चेलों की आँखों देखी तथा व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर दी गई गवाही हमें प्रभु यीशु पर विश्वास लाने में सहायता करती है; चाहे आज हम प्रभु यीशु को अपनी शारीरिक आँखों से नहीं देखते हैं, लेकिन उन चश्मदीद गवाहों के बयान हमें उस पर विश्वास करने को प्रेरित करते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया। - प्रभु यीशु (यूहन्ना 20:29)

क्योंकि यह तो हम से हो नहीं सकता, कि जो हम ने देखा और सुना है, वह न कहें। - प्रेरितों 4:20

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:1-10
1 John 1:1 उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ। 
1 John 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ)। 
1 John 1:3 जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। 
1 John 1:4 और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए।
1 John 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं। 
1 John 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। 
1 John 1:7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 
1 John 1:8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। 
1 John 1:9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। 
1 John 1:10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 27-28
  • मत्ती 8:18-34