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शुक्रवार, 6 मार्च 2020

बच्चों के समान



      वह छोटी लड़की स्तुति के संगीत पर गलियारे में आनंदपूर्वक और शालीनता के साथ अकेली ही नृत्य कर रही थी। वह गलियारे में अकेली ही थी, परन्तु इससे वह थिरकने, हाथ हिलाने, घूमने और अपने पांवों को संगीत के साथ उठाने से रुक नहीं रही थी; और उसकी माँ भी मुस्कुराती हुई उसे देख रही थी किन्तु उसे रोक नहीं रही थी।

      उसे देखते हुए मेरा मन भी उत्साहित हुआ, और बहुत लालसा हुई कि मैं भी उसके साथ नृत्य करूं – परन्तु मैंने नहीं किया। मैं बहुत पहले ही आनंद और कौतूहल की अपनी बचपने की निःसंकोच अभिव्यक्ति को कहीं खो चुकी थी। यद्यपि हम से अपेक्षा रखी जाती है कि हम अपने बचपन की बातों को पीछे छोड़कर व्यसक और परिपक्व होंगे, किन्तु कभी हम से यह अपेक्षा नहीं की गई है कि हम परमेश्वर के साथ अपने संबंध में बचपन के उस आनंद और कौतूहल को कहीं खो देंगे।

      हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि जब प्रभु यीशु पृथ्वी पर थे, तो वे बच्चों का उनके पास आने का स्वागत करते थे, और अपनी शिक्षाओं में अकसर उनका उल्लेख करते थे (मत्ती 11:25; 18:3; 21:16)। एक बार तो उन्होंने अपने शिष्यों को डांटा, क्योंकि वे बच्चों को आशीष देने के लिए उनके पास लाने से माता-पिताओं को रोक रहे थे; प्रभु ने कहा, “बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है” (मरकुस 10:14)। प्रभु उन बच्चों के समान गुणों के बारे में कह रहे थे जो हमें मसीह को स्वीकार करने के लिए तैयार करते हैं – आनन्द और कौतूहल, परन्तु साथ ही सादगी, निर्भरता, भरोसा, और नम्रता भी।

      बच्चों के समान आनन्द और कौतुहल हमारे मनों को उसे स्वीकार करने के लिए और भी अधिक संवेदनशील बनाते हैं। प्रभु हमारी प्रतीक्षा में है, कि हम बच्चों के समान उसकी बाहों में चले आएं। - एलिसन कीडा

भरोसा सबसे अधिक बच्चे के समान मन में ही चमकता है।

उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है। - मत्ती 11:25

बाइबल पाठ: मरकुस 10:13-16
Mark 10:13 फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उन को डांटा।
Mark 10:14 यीशु ने यह देख क्रुध हो कर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है।
Mark 10:15 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक के समान ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा।
Mark 10:16 और उसने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 1-2
  • मरकुस 10:1-31