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शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

सहायता



      चुआंग अपनी पत्नि से नाराज़ था क्योंकि जिस प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में भोजन करने के लिए वे जाना चाहते थे, वहाँ पहुँचने के सही निर्देश वह ठीक से प्राप्त नहीं करने पाई थी। वे लोग पारिवारिक छुट्टी पर घूमने के लिए जापान आए हुए थे और वापस घर जाने से पहले वे उस रेस्टोरेंट में भोजन करके वापसी की उड़ान लेने वाले थे। परन्तु अब देर होते जा रही थी और उन्हें वह भोजन कर पाना कठिन लग रहा था। चुआंग ने खिसियाहट में अपने पत्नि की आलोचना की, ठीक से कार्य-योजना न बनाने के लिए उससे कटु शब्द कहे।

      बाद में चुआंग को अपने शब्दों के लिए खेद हुआ। उसे बोध हुआ कि वह आवश्यकता से अधिक कटु हो गया था, साथ ही उसे यह भी एहसास हुआ कि वह स्वयँ भी तो रेस्टोरेंट के लिए दिशानिर्देश ले सकता था, जो उसने नहीं किया था। उसे यह भी ध्यान आया कि उसकी पत्नि के अच्छे आयोजन के कारण ही वे लोग पिछले सात दिन से अपनी छुट्टियों का भरपूरी से आनन्द ले रहे थे।

      हम में से बहुतेरे चुआंग के समान व्यवहार करने के दोषी हो सकते हैं। जब हम किसी बात को लेकर क्रोधित होते हैं तो आपा खो देते हैं और अनियंत्रित होकर बोलना आरंभ कर देते हैं। हमें परमेश्वर के वचन बाइबल के भजनकार के समान “हे यहोवा, मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे हाठों के द्वार पर रखवाली कर” (भजन 141:3) प्रार्थना करने की कितनी अधिक आवश्यकता रहती है!

      किन्तु हम यह किस प्रकार से कर सकते हैं? इसके लिए एक सहायक परामर्श है, बोलने से पहले विचार कर लें कि क्या जो शब्द आप बोलने जा रहे हैं वे भले और सहायक, अनुग्रहपूर्ण तथा दयालु हैं (देखें इफिसियों 4:29-32)?

      मुँह पर पहरा बैठाने का अर्थ है हम जब भी चिढ़े हुए या क्रोधित हों, तो अपने मुँह को बन्द रखें, तथा कुछ भी कहने से पहले परमेश्वर की सहायता मांगे कि वह हमें सही शब्द और सही तरीका प्रदान करे; या हमें बिलकुल शान्त हो जाने की सामर्थ्य प्रदान करे। अपने शब्दों पर काबू रखना आजीवन कार्य है। हम परमेश्वर के धन्यवादी हों कि वह सदा हमारी सहायता करता रहता है। - पो फैंग चिया

मन भावने वचन मधु भरे छते के समान प्राणों को मीठे लगते
और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं। - नीतिवचन 16:24

प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: भजन 141
Psalms 141:1 हे यहोवा, मैं ने तुझे पुकारा है; मेरे लिये फुर्ती कर! जब मैं तुझ को पुकारूं, तब मेरी ओर कान लगा!
Psalms 141:2 मेरी प्रार्थना तेरे साम्हने सुगन्ध धूप, और मेरा हाथ फैलाना, संध्या काल का अन्नबलि ठहरे!
Psalms 141:3 हे यहोवा, मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे हाठों के द्वार पर रखवाली कर!
Psalms 141:4 मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे; मैं अनर्थकारी पुरूषों के संग, दुष्ट कामों में न लगूं, और मैं उनके स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं में से कुछ न खाऊं!
Psalms 141:5 धर्मी मुझ को मारे तो यह कृपा मानी जाएगी, और वह मुझे ताड़ना दे, तो यह मेरे सिर पर का तेल ठहरेगा; मेरा सिर उस से इन्कार न करेगा। लोगों के बुरे काम करने पर भी मैं प्रार्थना में लवलीन रहूंगा।
Psalms 141:6 जब उनके न्यायी चट्टान के पास गिराए गए, तब उन्होंने मेरे वचन सुन लिये; क्योंकि वे मधुर हैं।
Psalms 141:7 जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हडि्डयां अधोलोक के मुंह पर छितराई हुई हैं।
Psalms 141:8 परन्तु हे यहोवा, प्रभु, मेरी आंखे तेरी ही ओर लगी हैं; मैं तेरा शरणागत हूं; तू मेरे प्राण जाने न दे!
Psalms 141:9 मुझे उस फन्दे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
Psalms 141:10 दुष्ट लोग अपने जालों में आप ही फंसें, और मैं बच निकलूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 43-45
  • इब्रानियों 5