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गुरुवार, 29 मार्च 2012

धन्यवादी

   हमारे मानव-संसाधन दल ने RBC Ministries में परस्पर संबंधों को प्रगाढ़ करने और उत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम बनाया है जो प्रभावी है, प्रोत्साहित करता है और कृतज्ञकता पर आधारित है।

   जब भी कोई कर्मचारी किसी दूसरे कर्मचारी को कोई अच्छा कार्य करते देखता है, तो वह हमारे मानव-संसाधन द्ल द्वारा बनाया गया एक विशेष धन्यवादी कार्ड लेकर अपनी प्रशंसा और प्रोत्साहन के कुछ शब्द लिखकर उसे दे देता है। जब हम प्रातः अपने अपने कार्य पर पहुँचते हैं और अपने लिए कोई धन्यवाद का कार्ड पाते हैं तो यह एक बहुत सुखद अनुभव होता है, प्रोत्साहित करता है और आपसी सम्बंधों को सुधारता है।

   क्या आपको नहीं लगता कि किसी अच्छे प्रकार से किए गए कार्य के लिए प्रशंसा मिलना भली बात है? क्या दूसरों से गर्मजोशी के साथ मिला धन्यवाद और प्रोत्साहन आपके दिन को संवार नहीं देता? क्या यह धन्यवाद, उस धन्यवाद देने वाले के साथ आपके संबंधों को कुछ बेहतर नहीं कर देता?

   धन्यवाद मिलना हर किसी को पसन्द आता है, परमेश्वर को भी। हमारा परमेश्वर पिता, उसके प्रति हमारे धन्यवाद की अभिव्यक्तियों से प्रसन्न होता है। यह उसकी इच्छा भी है कि उसके बच्चे उसके धन्यवादी रहें। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अपनी पत्रियों में लिखा: "हर बात में धन्यवाद करो: क्‍योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यहीं इच्‍छा है" (१ थिस्सलुनीकियों ५:१८); और परमेश्वर के प्रति धन्यावादी होने को परमेश्वर की शांति प्राप्त करने का माध्यम बताया "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सु्रक्षित रखेगी" (फिलिप्पियों ४:६, ७)।

   धन्यवाद वह कुंजी है जो बेहतर संबंधों के लिए द्वार खोलती है, मनुष्यों और परमेश्वर दोनो के साथ। धन्यवादी होने के अवसर ढूँढ़ते रहें, अपने सम्बंधों को बेहतर करते रहें, परमेश्वर से भी और मनुष्यों से भी।

   परमेश्वर का आदर करने, उसकी आराधना करने का सबसे बुनियादी तरीका है हर बात और हर परिस्थिति में उसके प्रति धन्यवादी होना और धन्यवादी बने रहना। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर को ग्रहणयोग्य आराधना वही है जो उसके प्रति धन्यवादी और समर्पित मन से निकली हो।

यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो, देश देश के लोगों में उसके कामों का प्रचार करो! - भजन १०५:१
बाइबल पाठ: भजन १०५:१-५
Psa 105:1  यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो, देश देश के लोगों में उसके कामों का प्रचार करो!
Psa 105:2  उसके लिये गीत गाओ, उसके लिये भजन गाओ, उसके सब आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करो!
Psa 105:3  उसके पवित्र नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो!
Psa 105:4  यहोवा और उसकी सामर्थ को खोजो, उसके दर्शन के लगातार खोजी बने रहो!
Psa 105:5  उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो!
एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों ७-८ 
  • लूका ५:१-१६