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शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

दृढ़ प्रतिज्ञा

   कोहरे के कारण कार के शीशे धुँधला गए थे और ऐन्जी ठीक से बाहर का दृश्य देख नहीं पा रही थी और अन्जाने में ही उसने कार एक सामने से आते हुए ट्रक के मार्ग में मोड़ दी। दुर्घटना भयानक थी, ऐन्जी जीवित तो बच गई लेकिन उसके मस्तिष्क को भारी क्षति पहुँची और वह कुछ भी बोलने में और अपनी देखभाल आप ही कर पाने में बिलकुल असमर्थ हो गई।

   तब से अब तक कई वर्ष बीत चुके हैं और मैं ऐन्जी के माता-पिता का हौंसला देखकर चकित होता हूँ। हाल ही में मैंने उनसे पूछा, "इस कटु अनुभव से होकर आप कैसे निकलने पाए?" ऐन्जी के पिता ने कुछ विचार करके उत्तर दिया, "सच कहूँ तो यह केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि हम परमेश्वर के निकट बने रहे। उसी ने हमें यह सामर्थ दी कि हम इस दुर्घटना को सह सकें और इससे उभर सकें।" ऐन्जी की माँ ने भी सहमति जताते हुए कहा कि दुर्घटना के तुरंत बाद उनका दुख और शोक इतना गहरा था कि उन्हें कोई आशा नहीं थी कि वे फिर कभी आनन्दित हो पाएंगे।

   ऐन्जी के माता-पिता ने इस दुख और निराशा में परमेश्वर को अपना सहारा बनाया और उसपर निर्भर होकर रहने लगे, और उन्होंने पाया कि अनेक अनपेक्षित आत्मिक और भौतिक प्रावधान और मार्ग ऐन्जी की देखभाल करने एवं ऐन्जी तथा सारे परिवार की सहायता के लिए उपलब्ध होने लगे उनके साथ खड़े होने लगे। चाहे ऐन्जी कभी बोलने नहीं पाएगी, लेकिन वह माता-पिता की देखभाल के प्रत्युत्तर में मुस्कराती है, जो उन्हें आनन्दित करता है। आज भी ऐन्जी के माता-पिता का मनपसन्द बाइबल पद है" "क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा" (भजन 30:5)।

   क्या आप भी किसी बड़े दुख का सामना कर रहे हैं? प्रभु यीशु को अपना सहारा बना लीजिए, उसके आश्रय में आजाईए। उसकी दृढ़ प्रतिज्ञा है कि वह आपको विश्राम देगा (मत्ती 11:28) और आपके वर्तमान आँसुओं के बावजूद एक आनन्दमय भविष्य आपके लिए तैयार रहेगा। - डेनिस फिशर


अपने सभी दुख प्रभु यीशु को सौंप दें और उससे उसकी अनन्तकाल की शांति ले लें।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है। - मत्ती 11:28-30

बाइबल पाठ: भजन 30:5
Psalms 30:1 हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया।
Psalms 30:2 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है।
Psalms 30:3 हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।
Psalms 30:4 हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो।
Psalms 30:5 क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 40-42 
  • प्रेरितों 27:1-26