लिओ प्लास ने 99 वर्ष की आयु में ईस्टर्न ओरेगन विश्वविद्यालय से कॉलेज स्नातक होने का अपना डिपलोमा प्राप्त किया। लिओ ने 1930 के दशक में पढ़ाई छोड़कर काम करना आरंभ किया था जिससे वह कुछ कमाई कर सके। अब 79 वर्ष बाद उस अधूरी छूटी हुई पढ़ाई को उन्होंने पूरा किया और कॉलेज से स्नातक होने की उपाधि प्राप्त करके अपने जीवन का वह महत्वपूर्ण अधूरा कार्य पूरा किया।
हम में से अनेक जन लिओ से सीख ले सकते हैं। संभवतः हमारे जीवनों में भी कुछ अधूरे कार्य हो सकते हैं, जैसे कि किसी से क्षमा माँगना, या उससे भी बढ़कर कुछ ऐसे आवश्यक आत्मिक निर्णय लेना, जिन्हें हम टालते आ रहे हैं। प्रभु यीशु के साथ जो दो डाकू क्रूस पर चढ़ाए गए थे, उनमें से एक ने निर्णय लेने की इस अनिवार्यता को पहचाना। वह जीवन के अन्तिम पलों में था जब उसे यह बोध हुआ कि प्रभु यीशु कौन है, तथा उसने अपने बारे में पहचाना कि वह पापी है और निष्पाप प्रभु यीशु अभी उसके पाप क्षमा करने में सक्षम है; उसने विश्वास किया कि वह प्रभु यीशु के साथ स्वर्ग में जा सकता है। जीवन की अन्तिम साँसों में उसने प्रभु यीशु से विनती करी, "...हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना" (लूका 23:42), और तुरंत ही प्रभु यीशु ने उसे आश्वासन दिया, "...मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा" (लूका 23:43)। निर्णय के उस एक पल में उस डाकू के लिए वह अधूरा कार्य पूरा हो गया और वह परमेश्वर के पास स्वर्ग में अनन्तकाल तक रहने के योग्य बन गया।
हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर पिता नहीं चाहता कि हम में से एक भी जन अपने पापों में नाश हो। इसलिए परमेश्वर द्वारा प्रभु यीशु में विश्वास लाने और पापों की क्षमा माँगने के द्वारा सारे संसार के सभी लोगों के लिए, वे चाहे किसी भी उम्र, स्थान, जाति, रंग, आदि के क्यों ना हों उद्धार और परमेश्वर की सन्तान बनने का गौरव, इस पृथ्वी पर उनकी अन्तिम श्वास तक सेंत-मेंत उपलब्ध है। यदि आपने परमेश्वर के इस प्रस्ताव को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, तो अभी आप के लिए अवसर है, इस अधूरे कार्य को पूरा कर लीजिए, "क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है" (2 कुरिन्थियों 6:2)।
यह निर्णय लेने में देर नहीं कीजिए; इस अति महत्वपूर्ण और अभी तक अधूरे कार्य को समय रहते पूरा कर लीजिए; क्या जानें कि बाद में अवसर हो या नहीं, आप निर्णय लेने लायक हालत में हों या नहीं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
इस पृथ्वी पर मिले उद्धार का अर्थ है स्वर्ग में अनन्तकाल के लिए सुरक्षित भविषय।
प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। - 2 पतरस 3:9
बाइबल पाठ: लूका 23:32-43
Luke 23:32 वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले।
Luke 23:33 जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया।
Luke 23:34 तब यीशु ने कहा; हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहें हैं और उन्होंने चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए।
Luke 23:35 लोग खड़े खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर कर के कहते थे, कि इस ने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले।
Luke 23:36 सिपाही भी पास आकर और सिरका देकर उसका ठट्ठा कर के कहते थे।
Luke 23:37 यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा।
Luke 23:38 और उसके ऊपर एक पत्र भी लगा था, कि यह यहूदियों का राजा है।
Luke 23:39 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्दा कर के कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा।
Luke 23:40 इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है।
Luke 23:41 और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।
Luke 23:42 तब उसने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
Luke 23:43 उसने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
एक साल में बाइबल:
- एज़्रा 3-5
- यूहन्ना 20