परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई भविष्यवाणियों के प्रति लोगों का नज़रिया बहुत भिन्नता रखता है। कुछ तो उन्हें बिलकुल नज़रन्दाज़ करते हैं और मसीही विश्वास के जीवन में उनके महत्व को कोई स्थान नहीं देते, तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो केवल उन पर ही ध्यान लगाए रहते हैं और संसार में हो रही प्रत्येक घटना को उन भविष्यवाणियों के संदर्भ में ही देखते हैं।
उन भविष्यवाणियों को अपने वचन में लिखवाने के पीछे परमेश्वर का उद्देशय क्या है? इन भविष्यवाणियों को सही परिपेक्ष में रखने के लिए कुछ तथ्यों पर एक दृष्टि डाल लेते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में कुल 31,124 पद हैं; इनमें से 8,352 पद - अर्थात 27 प्रतिशत पद ऐसे हैं जो भविष्यवाणियों से संबंधित हैं। क्योंकि भविष्यवाणी परमेश्वर के वचन के एक चौथाई से भी अधिक भाग का विषय है इसलिए प्रत्येक मसीही विश्वासी को चाहिए कि वह परमेश्वर के प्रकाशन में उसके महत्व को समझे। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि परमेश्वर ने भविष्यवाणी को क्यों रखा। प्रभु यीशु के चेले पतरस ने अपनी दूसरी पत्री को समाप्त करते हुए संसार के अन्त में होने वाली बातों को बताया और उस संदर्भ में अपने पाठकों को निर्देश दिया, "तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए" (2 पतरस 3:11) - कहने का तात्पर्य है कि परमेश्वर ने सब कुछ इसलिए प्रगट किया है कि हम ऐसा सही और भक्तिमय जीवन जीने के लिए प्रतिदिन की बातों में चुनाव करें जो हमारे अनन्त भविष्य के अनुरूप हो।
परमेश्वर ने हमें भविष्य के बारे में इसलिए बताया है जिससे हम सारी सृष्टि और सृष्टि के संचालन पर उसके सर्व-अधिकार को पहचान सकें; उसे आदर देने वाले, उसकी महिमा करने वाले तथा उसके भय में रहने और चलने वाले बन सकें। यही भविष्यवाणी का उद्देश्य है। - डेनिस फिशर
यदि आप प्रभु यीशु मसीह के दूसरे आगमन की बाट जोहेंगे तो आप उसकी आज्ञाकारिता और महिमा के लिए जीवन भी व्यतीत करेंगे।
पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। - 1 पतरस 1:15
बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:1-13
2 Peter 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2 Peter 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था?
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2 Peter 3:6 इन्हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्व बहुत ही तप्त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्त हो कर गल जाएंगे।
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।
एक साल में बाइबल:
- इब्रानियों 5-7