डॉक्टर ब्रायन गोल्डमैन का भरसक प्रयास था कि वे अपने मरीज़ों के इलाज में सिध्द हों। परन्तु एक राष्ट्रीय प्रसारण में उन्होंने यह स्वीकार किया कि ऐसा नहीं हुआ, उन से गलतियाँ हुई हैं। उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने एक महिला का आप्तकालीन विभाग में इलाज किया और फिर उसे घर भेज दिया। उसी दिन, बाद में एक नर्स ने उन से कहा, "क्या आपको वह महिला स्मरण है जिसे आपने घर भेज दिया था? वह वापस आ गई है।" वह महिला वापस आई, उसे अस्पताल में भरती किया गया और फिर उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से वे बहुत आहत हुए। उन्होंने सिध्द होने के अपने प्रयास और बढ़ा दिए; परन्तु उनके सभी प्रयासों के बावजूद जो स्वाभाविक था, वही उन पर प्रगट भी हुआ - सिध्दता असंभव है।
मसीही होने के नाते, हम अपने अन्दर अपने लिए सिध्द होने की अवास्तविक आशाएं बनाए रख सकते हैं। परन्तु हम यदि बाहरी रूप में दिखाने के लिए एक सिध्द जीवन भी लोगों के सामने रखने पाएं, तो भी हमारे विचार और उद्देश्य कभी पूर्णतः सिध्द न तो होंगे और न ही रहेंगे।
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह के शिष्य, यूहन्ना ने लिखा, "यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं" (1 यूहन्ना 1:8)। इसका सामाधान अपने पापों को छुपाकर और सिध्द होने के लिए और अधिक प्रयास करना नहीं है, परन्तु उन पापों को स्वीकार करके उनके लिए प्रभु से परमेश्वर क्षमा माँग लेना, "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9), और उसे समर्पित और उसकी इच्छानुसार जीवन बिताना है, "पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है" (1 यूहन्ना 1:7)।
कैसा हो यदि मसीही अपने पापों को छुपाने वाले नहीं, वरन, परमेश्वर के सत्य और अनुग्रह द्वारा एक दूसरे के प्रति प्रेम रखने और एक दूसरे को संभालने वाले हों? कैसा रहे यदि हम एक दूसरे के साथ जोखिम भरी किंतु स्वस्थ्य ईमानदारी निभाएं, और यह व्यवहार संसार के समक्ष रखें? - टिम गुस्टाफसन
अपने पापों के विषय परमेश्वर के समक्ष हमारी ईमानदारी,
हमारे लिए परमेश्वर से क्षमा और आशीष लाती है।
जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया। - भजन 32:5
बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:5-2:2
1 John 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं।
1 John 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते।
1 John 1:7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।
1 John 1:8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं।
1 John 1:9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।
1 John 1:10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।
1 John 2:1 हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धार्मिक यीशु मसीह।
1 John 2:2 और वही हमारे पापों का प्रायश्चित्त है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी।
एक साल में बाइबल:
- भजन 140-142
- 1 कुरिन्थियों 14:1-20