शरद ऋतु की एक रात, संगीतज्ञ योहान सेबस्टियन बॉक अपनी एक नई रचना चर्च में प्रस्तुत करने जा रहे थे। वे चर्च इस आशा के साथ पहुँचे कि चर्च श्रोताओं से भरा हुआ होगा; लेकिन वहाँ उन्हें मालुम पड़ा कि चर्च खाली था, कोई भी उस कार्यक्रम के लिए नहीं आया था। बिना किसी हिचकिचाहट के बॉक ने अपने साथी संगीतवादकों से कहा कि जैसा निर्धारित था वे वैसे ही संगीत प्रस्तुत करेंगे। सब ने अपने अपने स्थान लिए और बॉक संचालक के मंच पर आए, और शीघ्र ही चर्च शानदार संगीत से भर गया।
इस घटना को जानने के बाद मैंने कुछ आत्मविष्लेषण किया - क्या मैं लिखती यदि परमेश्वर अकेला ही मेरा पाठक होता? यदि ऐसा होता तो क्या में मेरी रचना में कोई फर्क होता?
नए लेखकों को अकसर सलाह दी जाती है कि वे अपने विचार केंद्रित करने के लिए किसी एक व्यक्ति को ध्यान में रख कर लिखें। मैं अपने इन सन्देशों को लिखते समय यही करती हूँ, मैं अपने पाठकों को ध्यान में रखती हूँ, कि वे अपने आत्मिक जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्या पढ़ना चाहेंगे?
लेकिन आत्मिक सन्देशों के लेखक भजनकार दाऊद, परमेश्वर के वचन बाइबल में जिसके लिखे भजनों के संकलन की ओर हम बारंबार तसल्ली और प्रोत्साहन के लिए मुड़ते हैं, किन पाठकों को ध्यान में रखकर लिखता था? उसकी सभी रचनाएं केवल एक ही दर्शक, एक ही पाठक, एक ही श्रोता को ध्यान में रखकर, केवल उसी के लिए रची गई थीं - परमेश्वर!
आज के बाइबल पाठ में उल्लेखित हमारे "कार्य", चाहे वे कलात्मक कृतियाँ हों अथवा सेवा के कार्य हों, हम यह ना भूलें कि वे सभी केवल हमारे और परमेश्वर के बीच ही हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई अन्य उन्हें जानता, देखता, पढ़ता, सुनता है या नहीं। बस यही ध्यान रहे कि परमेश्वर ही हमारा दर्शक, पाठक, श्रोता है; सब उसी के लिए है। - जूली ऐकैरमैन लिंक
एक ही दर्शक है, उसी की सेवा के लिए करें।
उसने उन से कहा; तुम तो मनुष्यों के साम्हने अपने आप को धर्मी ठहराते हो: परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है। - लूका 16:15
बाइबल पाठ: मत्ती 6:1-7
Matthew 6:1 सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
Matthew 6:2 इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
Matthew 6:3 परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
Matthew 6:4 ताकि तेरा दान गुप्त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
Matthew 6:5 और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े हो कर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
Matthew 6:6 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
Matthew 6:7 प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 16-17
- मत्ती 5:27-48