वियतनाम युद्ध के समय, सन १९६८ अमरीकी नौसेना के कमान एडमिरल एल्मो ज़ुम्वौल्ट ने संभाली। अमरीकी सेना के सैनिकों के हताहत होने को कम करने के लिए उन्होंने जल मार्गों के किनारों पर एक रासायनिक Agent Orange छिड़कने का आदेश दिया, जिससे जल तट पर वनस्पति मर गई और शत्रु के सैनिकों के छुप कर हमला बोलने के रास्ते बन्द हो गए।
उन जल मार्गों पर गश्त करने वाली नौसेना की नौकाओं में से एक की कमान एडमिरल एल्मो के २१ वर्षीय पुत्र के हाथ में थी। विडंबना यह हुई कि उस छिड़के हुए रासायनिक के संपर्क में आने के कारण उनके पुत्र को एक घातक किस्म का कैंसर हो गया। पिता और पुत्र दोनो यह जानते थे कि कैंसर का कारण वह रासायनिक ही है। यह एक हृदय विदारक कहानी है एक पिता की जिसके एक निर्णय का दुख उसके पुत्र को उठाना पड़ा, किंतु दोनो ही का यह मानना था कि उस समय रासायनिक छिड़कवाए जाने का वह निर्णय सही था।
मानव जाति के लिए पाप और मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए परमेश्वर पिता ने जान-बूझ कर एक ऐसा निर्णय लिया जिसके कारण उसके एकमात्र और प्रीय पुत्र को बयान से बाहर कष्ट और दुख उठाने पड़े। मानव जाति को उसके बलिदान द्वारा उद्धार दिलवाने के निर्णय के बाद पिता को अपने निर्दोष और निष्कलंक पुत्र का भीड़ द्वारा ठ्ठा उड़ाये जाने, कोड़ों की मार खाने और क्रूस पर हाथों और पैरों में कीलों द्वारा ठोके जाने का दर्दनाक दृश्य देखना और सहना पड़ा। परमेश्वर पिता को खामोशी से बर्दाशत करना पड़ा जब समस्त मानव जाति के पाप उसके निष्पाप पुत्र पर लाद दिये गए और वह दीन और नम्र पुत्र जिसने सदा सबका भला चाहा और किया, वर्णन से बाहर पीड़ा और तिरिस्कार से होकर गुज़रा।
ऐसे में यीशु के प्रति हमारी कृतघन्ता पिता परमेश्वर के दुख को और बढ़ा देती है। उसके अद्भुत बलिदान के लिए हमें सदा उसका कृतज्ञ और धन्यवादी रहना चाहिए तथा साधारण विश्वास के साथ उसके क्रूस पर किए गए कार्य को ग्रहण कर के उद्धार स्वीकर करना चाहिए। - मार्ट डी हॉन
तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया... - मत्ती २७:३५
बाइबल पाठ: मत्ती २७:२७-५०
Mat 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की।
Mat 27:28 और उसके कपड़े उतार कर उसे किरिमजी बागा पहिनाया।
Mat 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेक कर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राज नमस्कार।
Mat 27:30 और उस पर थूका और वही सरकण्डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे।
Mat 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतार कर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Mat 27:32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
Mat 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर।
Mat 27:34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उस ने चख कर पीना न चाहा।
Mat 27:35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया और चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
Mat 27:36 और वहां बैठ कर उसका पहरा देने लगे।
Mat 27:37 और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि यह यहूदियों का राजा यीशु है।
Mat 27:38 तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएं क्रूसों पर चढ़ाए गए।
Mat 27:39 और आने जाने वाले सिर हिला हिला कर उस की निन्दा करते थे।
Mat 27:40 और यह कहते थे, कि हे मन्दिर के ढाने वाले और तीन दिन में बनाने वाले, अपने आप को तो बचा; यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।
Mat 27:41 इसी रीति से महायाजक भी शास्त्रियों और पुरिनयों समेत ठट्ठा कर करके कहते थे, इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।
Mat 27:42 यह तो इस्राएल का राजा है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
Mat 27:43 उस ने परमेश्वर का भरोसा रखा है, यदि वह इस को चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इस ने कहा था, कि मैं परमेश्वर का पुत्र हूं।
Mat 27:44 इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उस की निन्दा करते थे।
Mat 27:45 दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा।
Mat 27:46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
Mat 27:47 जो वहां खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुन कर कहा, वह तो एलिय्याह को पुकारता है।
Mat 27:48 उन में से एक तुरन्त दौड़ा, और स्पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रख कर उसे चुसाया।
Mat 27:49 औरों ने कहा, रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।
Mat 27:50 तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्ला कर प्राण छोड़ दिए।
एक साल में बाइबल:
उन जल मार्गों पर गश्त करने वाली नौसेना की नौकाओं में से एक की कमान एडमिरल एल्मो के २१ वर्षीय पुत्र के हाथ में थी। विडंबना यह हुई कि उस छिड़के हुए रासायनिक के संपर्क में आने के कारण उनके पुत्र को एक घातक किस्म का कैंसर हो गया। पिता और पुत्र दोनो यह जानते थे कि कैंसर का कारण वह रासायनिक ही है। यह एक हृदय विदारक कहानी है एक पिता की जिसके एक निर्णय का दुख उसके पुत्र को उठाना पड़ा, किंतु दोनो ही का यह मानना था कि उस समय रासायनिक छिड़कवाए जाने का वह निर्णय सही था।
मानव जाति के लिए पाप और मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए परमेश्वर पिता ने जान-बूझ कर एक ऐसा निर्णय लिया जिसके कारण उसके एकमात्र और प्रीय पुत्र को बयान से बाहर कष्ट और दुख उठाने पड़े। मानव जाति को उसके बलिदान द्वारा उद्धार दिलवाने के निर्णय के बाद पिता को अपने निर्दोष और निष्कलंक पुत्र का भीड़ द्वारा ठ्ठा उड़ाये जाने, कोड़ों की मार खाने और क्रूस पर हाथों और पैरों में कीलों द्वारा ठोके जाने का दर्दनाक दृश्य देखना और सहना पड़ा। परमेश्वर पिता को खामोशी से बर्दाशत करना पड़ा जब समस्त मानव जाति के पाप उसके निष्पाप पुत्र पर लाद दिये गए और वह दीन और नम्र पुत्र जिसने सदा सबका भला चाहा और किया, वर्णन से बाहर पीड़ा और तिरिस्कार से होकर गुज़रा।
ऐसे में यीशु के प्रति हमारी कृतघन्ता पिता परमेश्वर के दुख को और बढ़ा देती है। उसके अद्भुत बलिदान के लिए हमें सदा उसका कृतज्ञ और धन्यवादी रहना चाहिए तथा साधारण विश्वास के साथ उसके क्रूस पर किए गए कार्य को ग्रहण कर के उद्धार स्वीकर करना चाहिए। - मार्ट डी हॉन
परमेश्वर के प्रेम का सच्चा माप यही है कि उसके प्रेम को कभी मापा नहीं जा सकता।
तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया... - मत्ती २७:३५
बाइबल पाठ: मत्ती २७:२७-५०
Mat 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की।
Mat 27:28 और उसके कपड़े उतार कर उसे किरिमजी बागा पहिनाया।
Mat 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेक कर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राज नमस्कार।
Mat 27:30 और उस पर थूका और वही सरकण्डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे।
Mat 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतार कर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Mat 27:32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
Mat 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर।
Mat 27:34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उस ने चख कर पीना न चाहा।
Mat 27:35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया और चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
Mat 27:36 और वहां बैठ कर उसका पहरा देने लगे।
Mat 27:37 और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि यह यहूदियों का राजा यीशु है।
Mat 27:38 तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएं क्रूसों पर चढ़ाए गए।
Mat 27:39 और आने जाने वाले सिर हिला हिला कर उस की निन्दा करते थे।
Mat 27:40 और यह कहते थे, कि हे मन्दिर के ढाने वाले और तीन दिन में बनाने वाले, अपने आप को तो बचा; यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।
Mat 27:41 इसी रीति से महायाजक भी शास्त्रियों और पुरिनयों समेत ठट्ठा कर करके कहते थे, इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।
Mat 27:42 यह तो इस्राएल का राजा है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
Mat 27:43 उस ने परमेश्वर का भरोसा रखा है, यदि वह इस को चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इस ने कहा था, कि मैं परमेश्वर का पुत्र हूं।
Mat 27:44 इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उस की निन्दा करते थे।
Mat 27:45 दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा।
Mat 27:46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
Mat 27:47 जो वहां खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुन कर कहा, वह तो एलिय्याह को पुकारता है।
Mat 27:48 उन में से एक तुरन्त दौड़ा, और स्पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रख कर उसे चुसाया।
Mat 27:49 औरों ने कहा, रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।
Mat 27:50 तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्ला कर प्राण छोड़ दिए।
एक साल में बाइबल:
- २ शमूएल १२-१३
- लूका १६