ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 11 मार्च 2019

सहायता



      विपत्ति में सहायता माँगने के लिए निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय संकेत “May Day” (मे-डे) सदा ही तीन बार – “मे-डे, मे-डे, मे-डे” दोहराया जाता है जिससे खतरनाक आपातकाल में परिस्थति को भली-भांति जीवन के लिए खतरे की स्थिति समझा जा सके। यह संकेत सन 1923 में फ्रेड्रिक स्टैनली मौक्फोर्ड द्वारा बनाया गया था, जो उस समय लंडन के क्रौएडन एयरपोर्ट पर वरिष्ठ रेडियो अफसर थे। अब बन्द किए जा चुके उस हवाई-अड्डे पर फ्रांस के पेरिस शहर से अनेकों उड़ानें आया करती थीं। नैशनल मैरिटाइम म्यूज़ियम के अनुसार मौक्फोर्ड ने यह शब्द फ्रांसीसी शब्द “m’aidez” जिसका अर्थ होता है “मेरी सहायता कीजिए” से बनाया था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि राजा दाऊद, अपने जीवन भर खतरनाक जोखिम भरी परिस्थितियों का, जिनसे निकल पाने का मार्ग सूझ नहीं पड़ता था, सामना करता रहा। फिर भी हम भजन 86 में पढ़ते हैं कि अपने सबसे कठिन समय में दाऊद का भरोसा प्रभु पर था: “हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन। संकट के दिन मैं तुझ को पुकारूंगा, क्योंकि तू मेरी सुन लेगा” (पद 6, 7)।

      दाऊद ने तात्कालिक खतरे से आगे के लिए भी परमेश्वर से मार्गदर्शन माँगा, “हे यहोवा अपना मार्ग मुझे दिखा, तब मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूंगा, मुझ को एक चित्त कर कि मैं तेरे नाम का भय मानूं” (पद 11)। जब विपत्ति टल गई, तब भी वह परमेश्वर के साथ ही चलते रहना चाहता था।

      हमारी सबसे अधिक कठिन परिस्थितियाँ हमारे लिए परमेश्वर के साथ और प्रगाढ़ संबंध विकसित करने के मार्ग बन सकती हैं। इसका आरंभ हमारी कठिनाईयों में उसे सहायता के लिए पुकारने के द्वारा होता है। फिर सहायता के बाद उससे मार्गदर्शन पाने के अनुरोध के द्वारा यह और आगे बढ़ता है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर सहायता के लिए हमारी पुकार को सुनता है और हमें अपने मार्ग में लिए चलता है।

जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। - यशायाह 26:3

बाइबल पाठ: भजन 86:1-13
Psalms 86:1 हे यहोवा कान लगा कर मेरी सुन ले, क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं।
Psalms 86:2 मेरे प्राण की रक्षा कर, क्योंकि मैं भक्त हूं; तू मेरा परमेश्वर है, इसलिये अपने दास का, जिसका भरोसा तुझ पर है, उद्धार कर।
Psalms 86:3 हे प्रभु मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तुझी को लगातार पुकारता रहता हूं।
Psalms 86:4 अपने दास के मन को आनन्दित कर, क्योंकि हे प्रभु, मैं अपना मन तेरी ही ओर लगाता हूं।
Psalms 86:5 क्योंकि हे प्रभु, तू भला और क्षमा करने वाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सभों के लिये तू अति करूणामय है।
Psalms 86:6 हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन।
Psalms 86:7 संकट के दिन मैं तुझ को पुकारूंगा, क्योंकि तू मेरी सुन लेगा।
Psalms 86:8 हे प्रभु देवताओं में से कोई भी तेरे तुल्य नहीं, और न किसी के काम तेरे कामों के बराबर हैं।
Psalms 86:9 हे प्रभु जितनी जातियों को तू ने बनाया है, सब आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, और तेरे नाम की महिमा करेंगी।
Psalms 86:10 क्योंकि तू महान और आश्चर्य कर्म करने वाला है, केवल तू ही परमेश्वर है।
Psalms 86:11 हे यहोवा अपना मार्ग मुझे दिखा, तब मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूंगा, मुझ को एक चित्त कर कि मैं तेरे नाम का भय मानूं।
Psalms 86:12 हे प्रभु हे मेरे परमेश्वर मैं अपने सम्पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम की महिमा सदा करता रहूंगा।
Psalms 86:13 क्योंकि तेरी करूणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है।  

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 14-16
  • मरकुस 12:28-44