ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 9 अक्तूबर 2011

विलंब

   क्या कभी आप के साथ ऐसा हुआ कि आपने किसी के लिए कष्ट सह कर उसका कुछ भला किया और ना किसी ने उस भलाई की परवाह करी और ना ही किसी ने आपकी इस भलाई को जाना हो? जब ऐसा होता है तो कितना बुरा लगता है ना? कम से कम मेरी प्रतिक्रिया तो यही होती है। कभी कभी मैं सोचता हूँ कि किसी के लिए कष्ट सह कर भला करने से कोई लाभ है? लेकिन बिना प्रतिफल की इच्छा के भलाई किये जाना, यही परमेश्वर के साथ बने रहने वालों की जीवन शैली है। मसीही विश्वासी होने के नाते हमें अपने द्वारा करी गई भलाई के लिए तुरंत प्रतिफल की इच्छा या आशा नहीं रखनी चाहिए। परमेश्वर चाहता है कि हम इस बात को स्मरण रखें कि वह हर बात को जानता है और सही समय पर सही रीति और बहुतायत से हर भलाई का प्रतिफल देगा।

   अखबार में छपे एक समाचार ने मेरा ध्यान ऐसे विलंब से मिलने वाले प्रतिफल की ओर खींचा। एक कार विक्रेता ने विदेश से आए एक छात्र को एक नई गाड़ी बहुत कम मुनाफे पर और सस्ते में बेची। पन्द्राह वर्ष बाद यह छात्र इरानी ठेकेदारों के संघ के लिए सौदे करने वाला एकमात्र एजेंट बना। उसने उस कार विक्रेता के प्रति अपनी कृतज्ञता उसे ७५० भारी सामान ढोने वाले विशाल ट्रकों और ३५० लौरियों का ठेका दिलवा कर प्रगट करी।

   जैसे उस कार विक्रेता का प्रतिफल विलंब से आया किंतु जब आया तो उसकी कलपना से परे था, वैसे ही परमेश्वर भी हमें प्रतिफल देगा। यदि हमारा उद्देश्य है मात्र यह है कि जिनके प्रति हम भलाई करें, वे तुरंत ही उसके लिए हमें धन्यवाद का प्रतिफल दे दें, तो हमने अपना प्रतिफल मनुष्यों से पा लिया। किंतु यदि हम भलाई परमेश्वर के नाम से और परमेश्वर के अनुयायी होने के कारण करते हैं तो प्रतिफल भी परमेश्वर के हाथों में छोड़ दें, क्योंकि "जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं" (१ कुरिन्थियों २:९); उसके समय में, हमारे प्रतिफल भी उसकी उदारता और महानता के अनुसार ही होंगे। - मार्ट डी हॉन


जो मनुष्यों से प्रतिफल की आशा रखते हैं, उनके लिए परमेश्वर से प्रतिफल की आशा नहीं है।

...तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। - मत्ती ६:४
 
बाइबल पाठ: मत्ती ६:१-६
    Mat 6:1  सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
    Mat 6:2  इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
    Mat 6:3  परन्‍तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
    Mat 6:4  ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
    Mat 6:5  और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्‍योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्‍छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
    Mat 6:6  परन्‍तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा, और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३२-३३ 
  • कुलुस्सियों १

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें