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गुरुवार, 29 जुलाई 2021

सूचना - ब्लॉग के लेखों में परिवर्तन

 रोज़ की रोटी ब्लॉग के सन्देश 1 अगस्त 2021 से एक बदले हुए स्वरूप में होंगे। अब अंग्रेज़ी की दैनिक मनन के संदेशों की पुस्तिका Our Daily Bread के संदेशों के अनुवाद के स्थान पर, इसी ब्लॉग के लिए लिखे गए सन्देश पोस्ट किए जाएँगे।

           जो पाठक Our Daily Bread के संदेशों को हिन्दी में पढ़ते रहना चाहते हैं, वे इस लिंक के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं: प्रतिदिन की रोटी (www.hindi-odb.org )

अंग्रेज़ी में मुख्य वेब साईट का लिंक है: Our Daily Bread (www.ourdailybread.org)


          1 अगस्त से इसी ब्लॉग के अंतर्गत की एक नई श्रृंखला आरंभ होगी, जिसका विषय होगा “परमेश्वर का वचन – बाइबल”

          इस नई श्रंखला में हम: 

  • बाइबल क्या है? 
  • मसीही विश्वासी इसे परमेश्वर का वचन क्यों कहते हैं
  • इसकी शिक्षाएँ क्या हैं? 
  • इसे कैसे समझा जा सकता है? 
  • क्या यह आज के समय के लिए समकालिक है? 
  • क्या बाइबल विज्ञान की कसौटी पर खरी उतरती है? 
  • बाइबल का लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव होता है? 
    आदि, और भी कई प्रश्नों के उत्तरों को छोटे लेखों के द्वारा पाठकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा जिससे पाठक स्वयं देख और जान लें कि बाइबल की वास्तविकता क्या है; और इसे बदनाम करने के लिए इसके बारे में कितनी झूठी धारणाएँ गढ़ी और फैलाई गई हैं।

 

          पाठकों से निवेदन है कि 1 अगस्त से किए जाने वाले इस परिवर्तन के विषय अपनी राय और टिप्पणियाँ दें।

 

          धन्यवाद

व्यर्थ

 

          मादक पदार्थ हीरोइन की लत बहुत मार्मिक और दुखद होती है। इस का सेवन करने वाले इसके आदि होते चले जाते हैं, इसलिए उसके नशे का वही अनुभव प्राप्त करने के लिए उन्हें और भी अधिक मात्रा में हिरोइन को लेना पड़ता है; और शीघ्र ही उनकी लत और पदार्थ का आदि होना इतनी बढ़ जाते हैं, कि नशे का पर्याप्त अनुभव करने के लिए जिस मात्रा में हिरोइन की उन्हें आवश्यकता महसूस होती है, वह उन्हें मार डालने के लिए काफी होती है। जब इस लत के आदि किसी व्यक्ति को पता चलता है कि इस लत में पड़ा हुआ कोई अन्य व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में हिरोइन लेने से मर गया है, तो उनके मन में पहला विचार उस लत के लिए भय का नहीं, वरन उतनी मात्रा में हिरोइन को प्राप्त करने का होता है – “मुझे इतनी हिरोइन कहाँ से मिलेगी?

          सुप्रसिद्ध मसीही लेखक सी. एस. ल्युईस ने अपनी पुस्तक ‘स्क्रू टेप लेटर्स में इस निरंतर पतन की ओर जाते हुए चक्र के विषय में चेतावनी दी। उनकी यह पुस्तक एक काल्पनिक वर्णन है, कैसे एक दुष्टात्मा दूसरी दुष्टात्मा को विभिन्न दुष्टताओं में लोगों को फंसाने के बारे में सिखा रही है। शिक्षक दुष्टात्मा कहती है कि किसी सुख की अभिलाषा के साथ आरंभ करो – यदि संभव हो तो परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले किसी सुख के साथ – और उसे उस व्यक्ति को एक ऐसे तरीके से परोसो, जिसे परमेश्वर ने वर्जित किया हो। एक बार व्यक्ति जाल में आ जाए, तो उसे और अधिक पाने के प्रलोभन में फंसाओ, किन्तु पहले से कम मात्रा में उसका सुख प्रदान करो। इस व्यर्थता के चक्र में उसे फंसाकर ऐसा प्रयोजन करो कि उसकी लालसा बढ़ती जाए, किन्तु जो उसे मिलता है, वह घटता चला जाए, और अन्ततः हम उसकी आत्मा तक पहुँच जाएंगे और बदले में उसे कुछ नहीं देंगे।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 7 अध्याय में इसी विनाशकारी व्यर्थता के चक्र का वर्णन यौन पापों के विषय किया गया है। यौन संबंध परमेश्वर द्वारा हमें दिया गया एक अच्छा उपहार है, किन्तु जब हम इसके सुख की अभिलाषा वैवाहिक बंधनों के बाहर रखने लगते हैं, तो हम वध के लिए ले जाए जा रहे बैल के समान हो जाते हैं (पद 22)। हम से भी अधिक शक्तिशाली लोगों ने अपने आप को यौन दुराचार में फंसाकर बर्बाद कर लिया है। इसलिए ध्यान दें और अपने मनों को गलत मार्गों पर न जाने दें (पद 24-25)। पाप मोहित करने वाला और लत में फंसाने वाला हो सकता है, किन्तु सदा ही उसकी अभिलाषा व्यर्थ ही होती ही, उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है (पद 27)।

          परमेश्वर की सामर्थ्य और मार्गदर्शन के द्वारा पाप करने के प्रलोभन से बचने से हम व्यर्थ की हानिकारक बातों से बचकर, परमेश्वर में सच्चे आनन्द और संतुष्टि को प्राप्त कर सकते हैं। - माइक व्हिटमर

 

प्रभु पवित्र आत्मा, मैं अपने आप में प्रलोभनों पर जयवंत नहीं हो सकता हूँ; 

मुझे आपके सामर्थ्य और मार्गदर्शन की आवश्यकता है।


तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: नीतिवचन 7:10-27

नीतिवचन 7:10 और उस से एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी।

नीतिवचन 7:11 वह शान्ति रहित और चंचल थी, और अपने घर में न ठहरती थी;

नीतिवचन 7:12 कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी।

नीतिवचन 7:13 तब उसने उस जवान को पकड़ कर चूमा, और निर्लज्जता की चेष्टा कर के उस से कहा,

नीतिवचन 7:14 मुझे मेलबलि चढ़ाने थे, और मैं ने अपनी मन्नतें आज ही पूरी की हैं;

नीतिवचन 7:15 इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, सो अभी पाया है।

नीतिवचन 7:16 मैं ने अपने पलंग के बिछौने पर मिस्र के बेल-बूटे वाले कपड़े बिछाए हैं;

नीतिवचन 7:17 मैं ने अपने बिछौने पर गन्घरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।

नीतिवचन 7:18 इसलिये अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।

नीतिवचन 7:19 क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;

नीतिवचन 7:20 वह चान्दी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा।

नीतिवचन 7:21 ऐसी ही बातें कह कह कर, उसने उसको अपनी प्रबल माया में फंसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश में कर लिया।

नीतिवचन 7:22 वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, और जैसे बैल कसाई-खाने को, या जैसे बेड़ी पहने हुए कोई मूढ़ ताड़ना पाने को जाता है।

नीतिवचन 7:23 अन्त में उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस चिडिय़ा के समान है जो फन्दे की ओर वेग से उड़े और न जानती हो कि उस में मेरे प्राण जाएंगे।

नीतिवचन 7:24 अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ।

नीतिवचन 7:25 तेरा मन ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे, और उसकी डगरो में भूल कर न जाना;

नीतिवचन 7:26 क्योंकि बहुत से लोग उस के द्वारा मारे पड़े हैं; उसके घात किए हुओं की एक बड़ी संख्या होगी।

नीतिवचन 7:27 उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुंचाता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 49-50
  • रोमियों 1