ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 10 फ़रवरी 2019

सहारा



      कभी-कभी जब मैं रात को सोने के लिए अपना सिर तकिए पर रखता हूँ तो कल्पना करता हूँ के मैं यीशु पर सिर रखकर उसका सहारा ले रहा हूँ। ऐसा करते समय मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना का स्मरण हो आता है। स्वयँ यूहन्ना ने अपने विषय में लिखा कि कैसे वह उस रात्रि, प्रभु यीशु के पकड़वाए जाने के पहले के अंतिम भोज के समय, प्रभु के बहुत निकट बैठा था: “उसके चेलों में से एक जिस से यीशु प्रेम रखता था, यीशु की छाती की ओर झुका हुआ बैठा था” (यूहन्ना 13:23)।

      यूहन्ना ने अपने लिए “[चेला] जिस से यीशु प्रेम करता था” शब्दों का प्रयोग किया। वह उस समय के इस्राएल के भोज की विधि को भी बताता है, जब भोज की मेज़ हमारी आज की मेज़ से बहुत नीची होती थी, लगभग घुटनों तक की ऊँचाई की। उस मेज़ के चारों ओर लोग चट्टाइयों अथवा गद्दियों पर बैठते थे। यूहन्ना प्रभु यीशु के इतने समीप बैठा था कि उसके लिए कहा गया है कि “तब उसने उसी तरह यीशु की छाती की ओर झुक कर पूछा” (यूहन्ना 13:25)।

      यूहन्ना की उस समय की प्रभु यीशु के साथ की निकटता आज हमारे जीवनों में सहायता के लिए एक उदाहरण प्रदान करती है। आज चाहे हम प्रभु यीशु को सशरीर स्पर्श नहीं कर सकते हैं, परन्तु हम निःसंकोच उस पर अपने जीवन की सबसे भारी समस्या भी रख सकते हैं, हर बात के लिए उसकी सहायता और उसका सहारा ले सकते हैं। प्रभु यीशु ने कहा, “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा” (मत्ती 11:28)।

      हम मसीही विश्वासी कितने धन्य हैं कि हमारा ऐसा मुक्तिदाता है जो हमारे जीवनों की प्रत्येक परिस्थिति में हमारे प्रति भरोसेमंद बना रहता है! क्या आपने प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवन का सहारा बना लिया है? – जेम्स बैंक्स


हमारी प्रत्येक आवश्यकता और शान्ति के लिए प्रभु यीशु पर्याप्त है।

क्योंकि मैं ने थके हुए लोगों का प्राण तृप्त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है। - यिर्मयाह 31:25

बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:12-26
John 13:12 जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहनकर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया?
John 13:13 तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वही हूं।
John 13:14 यदि मैं ने प्रभु और गुरू हो कर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
John 13:15 क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।
John 13:16 मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
John 13:17 तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।
John 13:18 मैं तुम सब के विषय में नहीं कहता: जिन्हें मैं ने चुन लिया है, उन्हें मैं जानता हूं: परन्तु यह इसलिये है, कि पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हो, कि जो मेरी रोटी खाता है, उसने मुझ पर लात उठाई।
John 13:19 अब मैं उसके होने से पहिले तुम्हें जताए देता हूं कि जब हो जाए तो तुम विश्वास करो कि मैं वहीं हूं।
John 13:20 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मेरे भेजे हुए को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है, और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।
John 13:21 ये बातें कहकर यीशु आत्मा में व्याकुल हुआ और यह गवाही दी, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।
John 13:22 चेले यह संदेह करते हुए, कि वह किस के विषय में कहता है, एक दूसरे की ओर देखने लगे।
John 13:23 उसके चेलों में से एक जिस से यीशु प्रेम रखता था, यीशु की छाती की ओर झुका हुआ बैठा था।
John 13:24 तब शमौन पतरस ने उस की ओर सैन कर के पूछा, कि बता तो, वह किस के विषय में कहता है
John 13:25 तब उसने उसी तरह यीशु की छाती की ओर झुक कर पूछा, हे प्रभु, वह कौन है? यीशु ने उत्तर दिया, जिसे मैं यह रोटी का टुकड़ा डुबोकर दूंगा, वही है।
John 13:26 और उसने टुकड़ा डुबोकर शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती को दिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 8-10
  • मत्ती 25:31-46



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें