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बुधवार, 22 दिसंबर 2010

उद्धारकर्ता या न्यायी?

किसी रात जब आप शहर की रौशनी और चकाचौंध से दूर हों तो अपनी नज़रें ऊपर उठाकर देखियेगा, वहां आकाश में आपको क्षितिज से क्षितिज तक चमकते सितारों का पुंज दिखाई देगा और दूधिया आकाशगंगा की पट्टी, जिसका हम एक हिस्सा हैं, दिखाई देगी। परमेश्वर, अपने पवित्र वचन बाइबल में पूछता है "अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा?" (यशायाह ४०:२६)

खगोल शास्त्री साईमन ड्राइवर का कहना है कि यदि आपकी दृष्टि ठीक है तो आप लगभग ५००० सितारे देख सकते हैं। लेकिन इससे भी कहीं आधिक संख्या उन नक्षत्रों की है जिन्हें बिना विशेष उपकरणों के नहीं देखा जा सकता। सन १९९५ में Hubble Deep Field Study के वैज्ञानिक अपने अंत्रिक्ष अनुसंधान द्वारा इस निषकर्ष पर पहुंचे कि आकाश में करोड़ों नक्षत्र पुंज (galaxy) हैं और हर नक्षत्र पुंज में करोड़ों नक्षत्र हैं। एक अनुमान के अनुसार, पृथ्वी के हर ज़र्रे के लिये १० से भी अधिक नक्षत्र आकाश में मौजूद हैं।

लेकिन फिर भी, हर रात परमेश्वर "...इन गणों को गिन गिन कर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है; वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।" (यशायाह ४०:२६) भजनकार कहता है "वह तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है।" (भजन १४७:४) जो ऐसा सामर्थी और सर्वज्ञानी परमेश्वर है उसके लिये फिर क्यों लोग सोचते हैं कि "...मेरा मार्ग यहोवा के छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?" (यशायाह ४०:२७) जो परमेश्वर प्रत्येक नक्षत्र का स्थान निर्धारित करके उसे नाम लेकर बुला सकता और उसको संभाल सकता है, वह आप को भी अपनी उसी सामर्थ से संभाल सकता है। ऐसा अद्भुत परमेश्वर किसी कल्पना का विष्य नहीं है और न ही उसके न्याय को, जिसका प्रमाण उसने प्रभु यीशु को मुर्दों से जिलाकर दिया, हंसी में उड़ाया जा सकता है। "सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों की अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। क्‍योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।" (प्रेरितों १७:२९-३१)

आज रात अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखिये और अपने आप से पूछिये, ऐसे अद्भुत और पराक्रमी परमेश्वर से आप किस रूप में मिलना चाहेंगे - अपने निज उद्धारकर्ता और रक्षक के रूप में, या न्याय सिहांसन पर बैठ कर आपके जीवन का हिसाब लेने वाले के रूप में? फैसला आपका है! - डेविड रोपर


हम आंखों से सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सामर्थ को देखते हैं और मन से उसके प्रेम को अनुभव करते हैं।

अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? - यशायाह ४०:२६


बाइबल पाठ: यशायाह ४०:२५-२७

सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।
अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है; वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में से कोई बिना आए नहीं रहता।
हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?

एक साल में बाइबल:
  • मीका ६, ७
  • प्रकाशितवाक्य १३

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