संसार
भर में फैली और परस्पर जुड़ी हुई कंप्यूटर प्रणाली में आई खराबी के कारण संसार भर
में अनेकों स्थानों पर हवाई यात्राएं बाधित हो जाती हैं, उन्हें रद्द करना पड़ता
है, जिसके कारण हज़ारों यात्री हवाई अड्डों पर फंस जाते हैं, उनकी योजनाएं ठप्प हो
जाती हैं। किसी बर्फीले तूफ़ान के कारण सड़कों पर अनेकों गाड़ियों की आपस में भिड़न्त
हो जाती है और कई प्रमुख सड़क मार्ग बंद हो जाते हैं, यातायात बंद हो जाता है। जिस
व्यक्ति ने वायदा किया था कि वह “तुरंत ही” उत्तर दे देगा, वह ऐसा नहीं करता है,
और अनिश्चितता तथा असमंजस की स्थिति बनी रहती है। इन और ऐसी सभी परिस्थितयों के
कारण विलम्ब होता है, और विलम्ब होने के कारण अकसर क्रोध और खिसियाहट होती है, जिस
के फिर अन्य कई गलत या बुरे परिणाम होते हैं। परन्तु प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी
होने के नाते, हमारे पास यह विशेषाधिकार और सौभाग्य है कि ऐसी प्रत्येक परिस्थिति
में हम प्रभु से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में धैर्य बनाए रखने वालों के महान उदाहरणों में से एक है यूसुफ,
जिसे उसके ईर्ष्यालु भाइयों ने दासों का व्यापार करने वालों को बेच दिया,
जिन्होंने फिर उसे मिस्र ले जाकर बेच दिया; वहां उसके स्वामी की पत्नी ने उस पर झूठे
आरोप लगा कर उसे बंदीगृह में डलवा दिया। लेकिन परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि
उन परिस्थितियों में भी “यहोवा यूसुफ के संग संग रहा, और उस पर करूणा की, और बन्दीगृह के दरोगा के अनुग्रह
की दृष्टि उस पर हुई” (उत्पत्ति 39: 21)। इसके कई वर्षों
के बाद जब यूसुफ ने फिरौन के स्वप्नों का अर्थ बताया तो उसे मिस्र में राजा के बाद
का दूसरा सबसे ऊँचा स्थान दिया गया (अध्याय 41)।
यूसुफ
के धैर्य रखने का सबसे विलक्षण प्रतिफल तब आया जब वहां पड़े अकाल के समय में उसके
वे ईर्ष्यालु भाई, उसकी स्थिति से अनजान, उसके ही पास आए कि उससे अन्न लें और अपने
परिवारों को बचाएं। यूसुफ ने उन से कहा, “...मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं,
जिस को तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था। अब तुम लोग मत
पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे
प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।... इस रीति अब मुझ को यहां पर
भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा” (उत्पत्ति 45:4-5, 8)।
हमारे
जीवनों की प्रत्येक परिस्थिति में, सभी विलंबों में, वह चाहे जितना भी छोटा या
लंबा हो, हमें भी यूसुफ के समान धैर्य, सही दृष्टिकोण, और शान्ति के साथ प्रभु में
विश्वास को बनाए रखना चाहिए; अन्ततः परिणाम सर्वोत्तम होंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड
परमेश्वर में हमारा भरोसा,
हमें अपने
विश्वास को धैर्य के साथ निभाने के लिए सक्षम करता है।
और हम जानते हैं, कि
जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें
मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो
उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 45:1-8
Genesis 45:1 तब यूसुफ उन सब के साम्हने,
जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका;
और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को
बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न
रहा।
Genesis 45:2 तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने
लगा: और मिस्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी
इसका समाचार मिला।
Genesis 45:3 तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने
लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब
तब जीवित है? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।
Genesis 45:4 फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से
कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उसने कहा,
मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिस को तुम ने
मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
Genesis 45:5 अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो;
क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से
भेज दिया है।
Genesis 45:6 क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश
में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।
Genesis 45:7 सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे
आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
Genesis 45:8 इस रीति अब मुझ को यहां पर
भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे
फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 43-45
- मत्ती 12:24-50
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