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शनिवार, 23 फ़रवरी 2019

दौड़



      मेरे सबसे पसंदीदा टेलिविज़न प्रोग्रामों में से एक है The Amazing Race जो वास्तविकता में होने वाली एक प्रतिस्पर्धा दौड़ का प्रसारण है। इस रियालिटी शो में दस जोड़ों को विदेश भेजा जाता है जहाँ उन्हें ट्रेन, बस, टैक्सी, बाईक्स, और पैदल यात्रा करके एक से दूसरे स्थान तक पहुँचाना होता है, जहाँ से उन्हें फिर उससे अगले स्थान के लिए निर्देश मिलते हैं। दौड़ का उद्देश्य है कि एक जोड़ा अन्य सभी से पहले अंतिम स्थान पर पहुँचे, और जीतने वाले को दसलाख अमेरिकी डॉलर ईनाम में मिलते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही जीवन की तुलना भी एक दौड़ से की, और कहा कि वह अब तक समापन रेखा तक नहीं पहुँचा है, वरन दौड़ को पूरा करने में प्रयासरत है – “हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह ईनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है” (फिलिप्पियों 3:13-14)।

      पौलुस ने बीते समय की अपनी असफलताओं के दोष-बोध को उसे अपनी इस दौड़ में दौड़ने से बाधित नहीं करने दिया; और न ही उसने अपनी वर्तमान सफलताओं को उसे इस दौड़ में ढीला पड़ने दिया। वह बस मसीह यीशु की समानता में ढलते जाने की इस दौड़ में निरन्तर प्रयास करता रहा।

      हम सभी मसीही विश्वासी पौलुस के समान इस दौड़ में हैं। अपनी असफलताओं या सफलताओं के बावजूद, हम मसीह यीशु की समानता में ढलते जाने के उस अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ने में लगे रहें। हम किसी सांसारिक ईनाम के लिए नहीं दौड़ रहे हैं, वरन मसीह यीशु के साथ अनन्त काल के लिए रहने और आनदित होने के ईनाम के लिए दौड़ रहे हैं। - मारविन विलियम्स


मसीह यीशु का अनुसरण करते रहने को कभी छोड़ न दें।

मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं। - 2 तिमुथियुस 4:7-8

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों  3:12-21
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
Philippians 3:15 सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।
Philippians 3:16 सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
Philippians 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
Philippians 3:18 क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार की है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
Philippians 3:19 उन का अन्‍त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्‍ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्‍तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
Philippians 3:20 पर हमारा स्‍वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं।
Philippians 3:21 वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्‍तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:12-41



रविवार, 24 सितंबर 2017

पाठ


   अमेरिका की तैराक, डारा टॉरेस की 1984 से 2008 तक पाँच ओलंपिक खेलों में प्रगति विलक्षण रही थी। अपने खेल कार्यकाल के अन्त की ओर डारा ने अमेरिका का पचास मीटर की तैराकी का वह कीर्तिमान तोड़ा, जिसे उन्होंने ही पच्चीस वर्ष पूर्व बनाया था। परन्तु उनकी यह यात्रा सदा ही पदक और रिकॉर्ड्स नहीं रही। खिलाड़ी होने के अपने जीवन काल में टॉरेस को अनेकों बाधाओं का भी सामना करना पड़ा, जिनमें चोटें, ऑपरेशन, और अपने से लगभग आधी आयु के खिलाड़ियों के साथ स्पर्धा भी सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा, "बचपन से ही मैं प्रतिदिन, हर बात में विजयी होना चाहती रही थी....मैं यह भी जानती थी कि असफलताओं का भी एक सकारात्मक पहलू है; इससे नए सपनों को बल मिलता है।"

   "असफलताओं का भी एक सकारात्मक पहलू है" जीवन के लिए एक बहुत अच्छा पाठ है। टॉरेस की असफलताओं ने उसे नई ऊँचाईयों को छूने के लिए प्रेरित किया। इसी प्रकार असफलताओं का आत्मिक पहलू भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने कहा, "हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है" (याकूब 1:2-3)।

   जीवन की कठिनाईयों के प्रति यह दृष्टिकोण रखना सरल तो नहीं है, परन्तु लाभदायक अवश्य है। हमारी परीक्षाएं परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के अवसर होते हैं। उन परीक्षाओं से हमें धैर्य के उन पाठों को सीखना आरंभ करने के अवसर भी मिलते हैं, जो सफलताएं हमें कभी नहीं सिखा सकतीं। असफलताएं और परीक्षाएं ही हमें परमेश्वर पर विश्वास बनाए रख कर उसके समय और विधि की प्रतीक्षा करना सिखाती हैं, और इस सब में दृढ़ बने रहने के लिए हमें आवश्यक सामर्थ्य प्रदान करती हैं।

   इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार हम से इस पाठ के विषय कहता है कि, "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह" (भजन 27:14)। - बिल क्राउडर


जीवन में असफलताएं हमें परमेश्वर के समय और विधि की प्रतीक्षा करना 
और उस पर सहायता तथा सामर्थ्य के लिए भरोसा बनाए रखना सिखाती हैं।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 27
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्टगीत 4-5
  • गलतियों 3


मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015

अतीत


   प्रिज़न फ़ेलोशिप (कारावास सेवकाई) के संस्थापक, चक कोल्सन ने जीवन के 40 वर्ष लोगों तक प्रभु यीशु का सुसमाचार पहुँचाने और सुनाने का कार्य किया। जब अप्रैल 2012 में उनका देहान्त हुआ तो एक समाचार पत्र ने मुखपृष्ठ पर इसे मुख्यसमाचार बनाकर इस शीर्षक के साथ छापा: "राष्ट्रपति निक्सन के लिए कुकृत्य करने वाले चार्ल्स कोल्सन का 80 वर्ष की आयु में देहान्त।" यह अचंभित करने वाली बात थी कि प्रभु यीशु को जीवन समर्पण करने से दशकों पहले और केवल कुछ समय तक अपने राजनैतिक स्वामियों के लिए अनैतिक और अन्यायसंगत कार्य करने के कारण कोल्सन की प्रभु यीशु के लिए करी गई सेवा और समर्पण का जीवन नज़रन्दाज़ कर दिया गया; प्रभु यीशु को जानने और मानने से उनके जीवन में आए आमूलचूल परिवर्तन को कोई महत्व नहीं दिया गया, उन्हें उनके अतीत के कुकर्मों के साथ ही स्मरण किया गया।

   प्रेरित पौलुस के मसीही विश्वास में आने और प्रभु यीशु द्वारा परिवर्तित होने को भी आरंभ में लोगों ने सन्देह और भय के साथ देखा क्योंकि वह पहले मसीही विश्वासियों को सतानेवाला व्यक्ति था। जब पौलुस ने प्रभु यीशु का प्रचार करना और यह बताना आरंभ किया कि वह ही परमेश्वर का पुत्र है तो लोगों ने कहा, "...क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्‍ध कर महायाजकों के पास ले आए?" (प्रेरितों 9:21)। जब पौलुस ने यरुशालेम जाकर प्रभु यीशु के चेलों के साथ जुड़ना चाहा, तो उन्होंने उसका विश्वास नहीं किया, वरन वे उससे डरते रहे। बाद के समयों में पौलुस ने कभी अपने अतीत को भुलाया नहीं, लेकिन अपने बीते समयों के कुकृत्यों से मिली बदनामी के वर्णन को परमेश्वर के अनुग्रह के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया (1 तिमुथियुस 1:13-14)।

   पौलुस के समान हमें अपने अतीत की असफलताओं का प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं है, और ना ही यह जताने का प्रयास करना चाहिए कि मानो वे गलत कार्य हमसे हुए ही नहीं। लेकिन हम परमेश्वर का धन्यवाद कर सकते हैं कि उसके प्रेम, अनुग्रह और सामर्थ से प्रभु यीशु में होकर हमारे पाप क्षमा किए गए, हमारे अतीत के दुषपरिणाम मिटा दिए गए, हमारा वर्तमान बदल दिया गया, हमारे भविष्य को आशा और अनन्त आशीष के साथ ज्योतिर्मय कर दिया गया है और स्वर्ग में हमारे लिए एक अजर, अमर और अनन्त मीरास तैयार रखी गई है। - डेविड मैक्कैसलैंड


केवल प्रभु यीशु ही जीवन परिवर्तित कर सकता है।

क्योंकि मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूं, वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। - 1 कुरिन्थियों 15:9-10

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:20-30
Acts 9:20 और वह तुरन्त आराधनालयों में यीशु का प्रचार करने लगा, कि वह परमेश्वर का पुत्र है। 
Acts 9:21 और सब सुनने वाले चकित हो कर कहने लगे; क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्‍ध कर महायाजकों के पास ले आए? 
Acts 9:22 परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्‍द करता रहा।
Acts 9:23 जब बहुत दिन बीत गए, तो यहूदियों ने मिलकर उसके मार डालने की युक्ति निकाली। 
Acts 9:24 परन्तु उन की युक्ति शाऊल को मालूम हो गई: वे तो उसके मार डालने के लिये रात दिन फाटकों पर लगे रहे थे। 
Acts 9:25 परन्तु रात को उसके चेलों ने उसे ले कर टोकरे में बैठाया, और शहरपनाह पर से लटका कर उतार दिया।
Acts 9:26 यरूशलेम में पहुंचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया: परन्तु सब उस से डरते थे, क्योंकि उन को प्रतीति न होता था, कि वह भी चेला है। 
Acts 9:27 परन्तु बरनबास उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जा कर उन से कहा, कि इस ने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और इस ने इस से बातें कीं; फिर दमिश्क में इस ने कैसे हियाव से यीशु के नाम का प्रचार किया। 
Acts 9:28 वह उन के साथ यरूशलेम में आता जाता रहा। 
Acts 9:29 और निधड़क हो कर प्रभु के नाम से प्रचार करता था: और यूनानी भाषा बोलने वाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसके मार डालने का यत्‍न करने लगे। 
Acts 9:30 यह जानकर भाई उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 41-42
  • 1 थिस्सलुनीकियों 1


बुधवार, 8 अक्टूबर 2014

बाधा


   मेरी बेटी डेब्बी एक छोटी बच्ची थी, उसने बैले नृत्य सीखना आरंभ किया था। उस नृत्य के एक अभ्यास में डेब्बी को लपेट कर रखे हुई व्यायाम करने वाली दरी के ऊपर से कूद कर निकलना था। डेब्बी का पहला प्रयास अच्छा नहीं रहा, वह उस बाधा पर लड़खड़ा कर नीचे गिर गई। गिरते ही पल भर को तो वह भूमि पर स्तब्ध पड़ी रही, और फिर उसने रोना आरंभ कर दिया। मैं एक दम कूद कर उसके पास पहुँचा, उसे उठाया, उससे सांत्वना के शब्द कहे, उसे शान्त करवाया और उसे फिर से प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। अब कि बार मैंने उसका हाथ पकड़कर उसके साथ दौड़ लगाई, और तब तक उसके साथ लगा रहा जब तक कि वह उस बाधा पर से सफलतापूर्वक पार नहीं हो गई। उसके बाद डेब्बी उस बाधा से नहीं डरी; लेकिन ऐसा होने तक उसे मेरी सहायता तथा प्रोत्साहन की आवश्यकता बनी हुई थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रेरित पौलुस अपने साथी बरनबास के साथ अपनी पहली सेवकाई की यात्रा पर निकला तो उन्होंने अपने साथ एक जवान, मरकुस को भी ले लिया। यात्रा के समय मरकुस को कुछ कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और वह पौलुस तथा बरनबास को छोड़कर बीच यात्रा से ही वापस घर लौट गया। बाद में जब पौलुस और बरनाबास अपनी दूसरी सेवकाई यात्रा पर निकलने लगे तो बरनबास ने फिर से मरकुस को एक और अवसर देने के लिए साथ ले चलना चाहा, लेकिन पौलुस ने पहली यात्रा के अनुभव के आधार पर इसका विरोध किया। पौलुस और बरनबास में इस बात को लेकर अनबन इतनी बढ़ी कि बरनबास मरकुस के साथ अलग रास्ते चल दिया और पौलुस एक दूसरे साथी को लेकर अलग दिशा में चल दिया (प्रेरितों 15:36-39)।

   बाइबल हमें यह तो नहीं बताती कि सेवकाई की बाधा को पार करवाने के बरनबास के इस प्रयास को लेकर मरकुस की आरंभिक प्रतिक्रीया और अनुभव कैसे थे, या बरनबास ने उससे क्या कहा और कैसे प्रोत्साहित किया, लेकिन यह स्पष्ट है कि मरकुस ने अपने आप को अब कि बार सेवकाई के लिए योग्य प्रमाणित अवश्य कर दिया और फिर आगे चलकर पौलुस के साथ भी उसके मतभेद दूर हो गए, क्योंकि बाद में पौलुस ने मरकुस के विषय में अपनी एक पत्री में लिखा, "...मरकुस को ले कर चला आ; क्योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है" (2 तिमुथियुस 4:11)। साथ ही हम पाते हैं कि बाइबल में दी गई प्रभु यीशु की जीवनियों में से एक मरकुस द्वारा लिखी गई।

   जब हम किसी मसीही विश्वासी को असफलता के साथ संघर्ष करते देखते हैं, तो हमारा प्रतिक्रीया क्या होती है? क्या हम उसे सहायता तथा प्रोत्साहन द्वारा उठा कर सफलता की सीढ़ी चढ़वाते हैं, या आलोचना द्वारा निरुत्साहित करके असफलता में और गहरा धंसने देते हैं? हमारा कर्तव्य और मसीही विश्वास उसे सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करने को कहता है। क्या आज आपके ध्यान में कोई ऐसा जन है जिसे कोई बाधा पार करने के लिए आपकी सहायता की आवश्यकता है? - डेनिस फिशर


जब समस्याएं और असफलताएं किसी को निराशा में दबाती हैं, तब सहृदयता और प्रेम उन्हें उठा कर खड़ा करवाते हैं।

हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। - गलतियों 6:1

बाइबल पाठ: प्रेरितों 15:36-41
Acts 15:36 कुछ दिन बाद पौलुस ने बरनबास से कहा; कि जिन जिन नगरों में हम ने प्रभु का वचन सुनाया था, आओ, फिर उन में चलकर अपने भाइयों को देखें; कि कैसे हैं। 
Acts 15:37 तब बरनबास ने यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेने का विचार किया। 
Acts 15:38 परन्तु पौलुस ने उसे जो पंफूलिया में उन से अलग हो गया था, और काम पर उन के साथ न गया, साथ ले जाना अच्छा न समझा। 
Acts 15:39 सो ऐसा टंटा हुआ, कि वे एक दूसरे से अलग हो गए: और बरनबास, मरकुस को ले कर जहाज पर कुप्रुस को चला गया। 
Acts 15:40 परन्तु पौलुस ने सीलास को चुन लिया, और भाइयों से परमेश्वर के अनुग्रह पर सौंपा जा कर वहां से चला गया। 
Acts 15:41 और कलीसियाओं को स्थिर करता हुआ, सूरिया और किलिकिया से होते हुआ निकला।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 1-2


बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

असफल?

   अमेरिका में १९३० के आस-पास बड़ी आर्थिक मंदी आई थी और देश की अर्थ व्यवस्था और देश का बुरा हाल हो गया था। बहुत से लोगों को अपने घरों से बेघर होकर प्लाइवुड, तिरपाल, कंबल आदि से बनीं जीर्ण हाल झुग्गियों में रहना पड़ा था। देश की उस स्थिति के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति हर्बट हूवर की नीतियों को उत्तरदायी माना गया था, इसलिए उन जीर्ण झुग्गियों को लोग उस समय ’हूवरविल्स’ कहते थे।

   किंतु विचित्र बात है कि यही हूवर जिन्हें अब इतना अयोग्य माना जा रहा था, उन्हें ही पहले अपनी योग्यता और कुशलता के लिए जाना जाता था। उनके भूवैज्ञानिक इंजिनियरिंग के कौशल के कारण औस्ट्रेलिया और चीन में बड़ी सफल खनन परियोजनाएं आरंभ करी जा सकीं। उन्होंने कई मानवोत्थान के कार्यों के लिए कुशल नेत्रत्व प्रदान किया था। किंतु जब १९२९ में स्टॉक मार्किट गिरा और अर्थ व्यवस्था संकट में आई तो परिस्थितियां हूवर के नियंत्रण के बाहर थीं; फिर भी वे इतिहास में सदा के लिए १९३० की आर्थिक मंदी और इस के कारण हुई देश की बदहाली के साथ जोड़ दिए गए।

   जीवन में घटने वाली किसी एक बड़ी असफलता का अर्थ यह नहीं होता कि उस व्यक्ति का सारा जीवन ही असफल है। यदि ऐसा होता तो हम परमेश्वर के वचन बाइबल के कई पात्रों को असफल व्यक्ति मानते ना कि परमेश्वर के लोगों के रूप में और प्रेर्णादायक जीवन चरित्र वाले। उदाहरण के लिए, क्या हम अब्राहम को झूठा और स्वार्थी (उत्पत्ति १२:१०-२०), मूसा को परमेश्वर का अनाज्ञाकारी (निर्गमन २०:१-३) या दाउद को व्यभिचारी और हत्यारा (२ शमूएल ११) कह कर स्मरण करते हैं, यद्यपि उनके जीवनों में ऐसी कमज़ोरियां घटीं थीं?

   उनके पापों के बावजूद ये सभी मनुष्य अपने स्थिर विश्वास और परमेश्वर के लिए कार्य करने वाले महान जन माने जाते हैं और उनके नाम आदर से लिए जाते हैं। ये, और इनके जैसे कई अन्य लोग वे हैं जो "...विश्वास ही के द्वारा...निर्बलता में बलवन्‍त हुए..." (इब्रानियों ११:३३-३४)।

   यह परमेश्वर की महानता और सामर्थ है कि जो उस पर विश्वास लाते हैं, वह उन निर्बल और अयोग्य पात्रों को भी अपनी महीमा के पात्र बना लेता है और मनुष्यों में भी उन्हें आदर दिलवाता है। यदि हमने अपने पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित किया है तो हमारा बीता जीवन चाहे जैसा भी रहा है, हम असफल नहीं रहेंगे। परमेश्वर हमें अभी भी उपयोगी बना सकता है, बड़े सामर्थी रूप से उपयोग कर सकता है; आवश्यक्ता है तो बस उसके प्रति हमारे विश्वास और आज्ञाकरिता की। - डेनिस फिशर


अकसर असफलता की राख से ही सफलता निकलती है।

...विश्वास ही के द्वारा...निर्बलता में बलवन्‍त हुए... - इब्रानियों ११:३३-३४
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:२४-३४
Heb 11:24 विश्वास ही से मूसा ने सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्‍कार किया।
Heb 11:25  इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।
Heb 11:26 और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्‍योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं।
Heb 11:27 विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्‍योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।
Heb 11:28 विश्वास ही से उस ने फसह और लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करने वाला इस्‍त्राएलियों पर हाथ न डाले।
Heb 11:29  विश्वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब मरे।
Heb 11:30  विश्वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब सात दिन तक उसका चक्कर लगा चुके तो वह गिर पड़ी।
Heb 11:31  विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ना मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिथे कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।
Heb 11:32 अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Heb 11:33 इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते, धर्म के काम किए, प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त कीं, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
Heb 11:34 आग ही ज्‍वाला को ठंडा किया, तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए, लड़ाई में वीर निकले, विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १७-१८ 
  • मत्ती २७:२७-५०

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

तिरिस्कार न करें, सुधारें

   कुछ वर्ष पहले की घटना है, एक मानसिक सन्तुलन खो चुका व्यक्ति दौड़ता हुआ ऐम्सटरडैम के एक अजायब घर में आया और विश्व-विख्यात कलाकार रेमब्रां के प्रसिद्ध चित्र Nightwatch पर आकर, अपनी जेब से एक चाकू निकाला और उस चित्र पर वार करके उसमें कई काटे लगा दिये। कुछ समय पश्चात, ऐसी ही एक और घटना में एक विक्षिप्त व्यक्ति रोम के प्रसिद्ध और विशाल सेंट पीटर चर्च में घुसा और मूर्तिकार माईकिलैंजलो की प्रसिद्ध और सुन्दर शिल्प The Pieta को तोड़ डाला।

   क्या अजायब घर और चर्च के रख-रखाव करने वालों ने इन बेमिसाल और अन्मोल कलाकृतियों को इस नुक्सान के कारण अब व्यर्थ और बेमोल समझ लिया और उन्हें कूड़े में फेंक दिया? कदापि नहीं; उन्होंने संसार में उपलब्ध सबसे उत्तम तकनीक और विशेषज्ञों की सहायता ली और फिर से उन्होंने इन बेश्कीमती कलाकृतियों को जहाँ तक संभव था पुनःस्थापित करने का पूरा पूरा प्रयास किया और अपने पास फिर संजो कर रख लिया।

   मसीही विश्वासियों को भी यही रवैया अपने उन साथियों के प्रति रखना चाहिए जिनकी गवाही किसी पाप द्वारा बिगड़ गई है। जब कोई परमेश्वर की सन्तान पाप में फंसती है, तो हमारा पहला प्रयास उसकी निन्दा करने का नहीं वरन उसे पुनःस्थापित करने का होना चाहिए। नम्रता और हमदर्दी के साथ हमें प्रार्थना और सहायता द्वारा उसे आत्मिक रूप से फिर से खड़े करने और मसीही संगति में स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। मूल युनानी भाषा में जो शब्द गलतियों ६:१ में पु्नःस्थापित करने के लिए प्रयोग हुआ है, वही शब्द मत्ती ४:२१ में मछुआरों द्वारा अपने जाल सुधारने के लिए प्रयोग हुआ है। इस शब्द का अर्थ होता है पूरी तरह से ठीक कर देना।

   निन्दा करना सुधारने से अधिक सरल होता है। अपनी विरक्ति और घृणा में हमारी इच्छा एक पाप करने वाले मसीही से अपना मूँह फेर लेने की हो सकती है, किंतु परमेश्वर के वचन की सलाह निन्दा और तिरिस्कार नहीं सुधारना और अपनाना है, जैसे प्रभु यीशु मसीह ने भी हमें तथा पाप में पड़े समस्त संसार को सुधारने और अपनाने के लिए अपने प्राण दिये, ना कि नाश होने के लिए छोड़ दिया। - डेव एग्नर

यदि हम किसी को नीची निगाह से देखते रहेंगे तो फिर उसके साथ नज़र मिला कर बात कैसे कर सकेंगे?

हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। - गलतियों ६:१

बाइबल पाठ: गलतियों ६:१-५
    Gal 6:1  हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो।
    Gal 6:2  तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।
    Gal 6:3  क्‍योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है।
    Gal 6:4  पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्‍तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा।
    Gal 6:5  क्‍योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल २४-२६ 
  • १ पतरस २

गुरुवार, 24 नवंबर 2011

पुनःस्थापना

   एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी अवैध पदार्थों के प्रयोग और विक्रय करने के जुर्म में पकड़ा गया और बन्दीगृह में डाल दिया गया। उसके मित्रों ने इस बात के लिए कहा, "कैसी शर्म की बात है; ज़रा सोचो, यदि वह यह काम ना करता तो कितना कुछ प्राप्त कर सकता था, कितना अधिक आनन्द उठा सकता था।"

   इस खिलाड़ी का अपनी प्रतिभा के अनुरूप कार्य ना करना, एक तरह से समस्त मानव जाति का चित्रण है। परमेश्वर ने हमें अपने स्वरूप में बनाया जिससे हम उसकी आज्ञाकारिता में रहकर उसके साथ संगति का आनन्द उठाएं और उसकी महिमा के लिए इस पृथ्वी पर राज्य करें। किंतु ना तो हम जैसा रहना चाहिए वैसे उसकी आज्ञाकारिता में रहते हैं, ना ही उस की संगति का आनन्द लेते हैं और ना ही पृथ्वी पर जैसे हमें राज्य करना चाहिए वैसे राज्य करते हैं। संसार में लगातार बने और बढ़ते हुए अनैतिकता, अपराध, अकाल, आपसी बैर और संघर्ष, संभावित परमाणु युद्ध और विनाश के खतरे लगातार हमें स्मरण दिलाते रहते हैं कि जो प्रतिभा परमेश्वर ने हम में डालीं थीं, हमने उसके अनुरूप कार्य नहीं किया है।

   लेकिन बात यहीं समाप्त नहीं हो जाती। हमारी इस विफलता के बावजूद, परमेश्वर ने हम में से प्रत्येक को अपनी इस नैतिक असफलता से निकल कर आत्मिक सिद्धता तक उठने का मार्ग उपलब्ध कराया है। प्रभु यीशु के रूप में परमेश्वर स्वयं मनुष्य जाति का हिस्सा बन गया, जिसने सिद्ध जीवन जीया, हमारे पापों को अपने ऊपर लेकर हमारे बदले में उनका दण्ड क्रूस की मृत्यु के रूप में सहा और तीसरे दिन मृत्यु पर जयवन्त होकर फिर जीवित हो गया। आज भी वो प्रत्येक उस व्यक्ति को जो उसके इस बलिदान और उद्धार के कार्य को स्वीकार करता है, उसे स्वीकार करता है, उसके पाप क्षमा करता है और उन्हें उस सृजे गए स्वरूप में बहाल करता है। वह अपने प्रत्येक विश्वासी को अपने साथ, अपने आने वाले अनन्त साम्राज्य में, राज्य करने के लिए राजा और पुरोहित बना देता है (प्रकाशितवाक्य १:५, ६)।

   यदि हमें किसी चकनाचूर कर देने वाली हार का भी सामना करना पड़े, तौभी हमें निराषा में पड़े रहने की आवश्यक्ता नहीं है। सुसमाचार हमारे लिए अच्छी खबर है - प्रभु यीशु में विश्वास के द्वारा परमेश्वर हमें नया जीवन देता है, हमें हमारी असफलताओं से निकालता है और पुनः हम में अपने पूर्व-निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उठा कर खड़ा करता है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

प्रभु यीशु से मिले उद्धार द्वारा निकम्मे पापी उपयोगी सन्त बन जाते हैं।

और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे: जो हम से प्रेम रखता है, और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है। और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन। - प्रकाशितवाक्य १:५, ६

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य १:१-८
    Rev 1:1  यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्‍य जो उसे परमेश्वर ने इसलिये दिया, कि अपने दासों को वे बातें, जिन का शीघ्र होना अवश्य है, दिखाए: और उस ने अपने स्‍वर्गदूत को भेज कर उसके द्वारा अपने दास यूहन्ना को बताया।
    Rev 1:2  जिस ने परमेश्वर के वचन और यीशु मसीह की गवाही, अर्थात जो कुछ उस ने देखा था उस की गवाही दी।
    Rev 1:3  धन्य है वह जो इस भविष्यद्वाणी के वचन को पढ़ता है, और वे जो सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों को मानते हैं, क्‍योंकि समय निकट आया है।
    Rev 1:4  यूहन्ना की ओर से आसिया की सात कलीसियाओं के नाम: उस की ओर से जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; और उन सात आत्माओं की ओर से, जो उसके सिंहासन के साम्हने है।
    Rev 1:5  और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा, और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम है, तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे: जो हम से प्रेम रखता है, और जिस ने अपने लोहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है।
    Rev 1:6  और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन।
    Rev 1:7  देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन जिन्‍होंने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हां। आमीन।
    Rev 1:8  प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; जो सर्वशक्तिमान है: यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमिगा हूं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल २२-२३ 
  • १ पतरस १

बुधवार, 23 नवंबर 2011

उद्यमी क्षेत्र

   कुछ नगरों में उनके बिगड़े हुए क्षेत्रों को सुधारने के कोई प्रयास देखने को नहीं मिलते और वे क्षेत्र समय के साथ साथ बद से बदतर होते जाते हैं। कुछ अन्य नगरों में इन बिगड़े हुए क्षेत्रों को सुधारने के साहसी प्रयास देखने को मिलते हैं और समय के साथ साथ उन बिगड़े हुए क्षेत्रों की दशा में आशा से भी बहुत अधिक सुधार देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नगर की व्यवस्था के संचालन करने वालों ने इन बिगड़े हुए क्षेत्रों को "उद्यमी क्षेत्र" के रूप में देखना आरंभ किया, जिसके साथ स्वतः ही समय और प्रयास के साथ सुधार हो पाने की संभावना जुड़ जाती है। अपने नगर की समस्याओं को इस नज़रिए से देखने के कारण, वे लोग इसमें सुधार ला पाने की नई संभावनाएं तलाश पाते हैं, बिगड़े हुए को और बिगड़ने नहीं देते और फिर व्यापक सुधार के मार्ग खुलने लगते हैं, कार्यकारी होने लगते हैं और सुधार दिखने भी लगता है।

   मसीही विश्वासियों को भी ऐसा ही नज़रिया अपनाए रखना चाहिए। अपनी असफलताओं के कारण अपने जीवन के कठिन भागों में उन्नति पाने कि बजाए असफलताओं से निराश होकर बैठने वालों को अपनी असफलताओं को "उद्यमी क्षेत्र" के रूप में देखना चाहिए जहाँ निरंतर प्रार्थना और सतत प्रयास रचनात्मक सुधार ला सकता है।

   किसी मसीही विश्वासी को आत्मिक हताशा और विफलता में जीते रहने की आवश्यक्ता नहीं है क्योंकि किसी पाप अथवा असफलता में यह सामर्थ नहीं है कि वह उस पर हावी होकर रह सके। क्रूस पर मसीह यीशु के बलिदान ने, उसके अनुयायियों के जीवन से, पाप के बन्धनों और आधिपत्य को सदा के लिए पराजित कर दिया है (रोमियों ६:१४) और अब संसार कि हर सामर्थ से कहीं अधिक सामर्थी परमेश्वर की सामर्थ प्रत्येक मसीही विश्वासी में निवास करती है "हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्‍योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है" (१ युहन्ना ४:४)।

   जब कभी हम किसी पाप या कमज़ोरी या असफलता के चंगुल में फंसें तो विश्वास के साथ परमेश्वर की सहायता को पुकारें, उस बात के विषय में अपनी नकारात्मक प्रवृति को सकारात्मक बनाएं, और अपनी असफलता के उस क्षेत्र को "उद्यमी क्षेत्र" बना कर प्रार्थना और प्रयासों द्वारा अपनी असफलता को सफलता में परिवर्तित कर लें। - डेव एग्नर

बीते हुए कल की पराजयों को आते कल के प्रयासों पर हावी ना होने दें।

सो हम क्‍या कहें क्‍या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्‍योंकर जीवन बिताएं? - रोमियों ६:१, २

बाइबल पाठ: रोमियों ६:१-१८
    Rom 6:1  सो हम क्‍या कहें क्‍या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
    Rom 6:2  कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्‍योंकर जीवन बिताएं?
    Rom 6:3  क्‍या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया;
    Rom 6:4  सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
    Rom 6:5  क्‍योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुड़ गए हैं, तो निश्‍चय उसके जी उठने की समानता में भी जुड़ जाएंगे।
    Rom 6:6  क्‍योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्‍व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्‍व में न रहें।
    Rom 6:7  क्‍योंकि जो मर गया, वह पाप से छूट कर धर्मी ठहरा।
    Rom 6:8  सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
    Rom 6:9  क्‍योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
    Rom 6:10  क्‍योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्‍तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
    Rom 6:11  ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्‍तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
    Rom 6:12  इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
    Rom 6:13  और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
    Rom 6:14  और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्‍योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।
    Rom 6:15  तो क्‍या हुआ? क्‍या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं बरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।
    Rom 6:16  क्‍या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्‍त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्‍त धामिर्कता है
    Rom 6:17  परन्‍तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
    Rom 6:18  और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए।
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल २०-२१ 
  • याकूब ५

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

अगला प्रयास सर्वोत्तम होगा

   मैं जब भी गोल्फ खेलता हूँ तो गलतियाँ करता हूँ, क्योंकि मैं इसे इतना नहीं खेलता कि इसकी सभी बारीकियाँ समझ सकूँ और अपने खेल के स्तर को सुधार सकूँ। जब खेलता हूँ तो कभी गेंद गन्तव्य स्थान की बजाए कहीं और जा गिरती है, कभी निकट बहते किसी पानी की नाले में जा पड़ती है तो कभी बाईं ओर जाने की बजाए दाहिनी ओर घूम जाती है।

   इसलिए मुझे ग्रांटलैंड राइस द्वारा अपनी पुस्तक The Tumult and the Shouting में लिखे ये शब्द पसन्द हैं: "गोल्फ एक ऐसा खेल है जो एक साधारण सी बात - बल्ला घुमा कर गेंद को मारना, में  मनुष्य द्वारा होने वाली अनेक गलतियों और खामियों को प्रगट कर देता है, इसलिए खेलने वाले को यह खेल जितना कष्ट देता है और कुण्ठित करता है, शायद अन्य कोई नहीं करता। जितनी शीघ्र गोल्फ का खिलाड़ी अपने खेल के बिगड़े हुए प्रयास को भूल कर अगले प्रयास की तैयारी में लग जाए उतना ही उसके लिए लाभदायी और उस के खेल को सुधारने में सहायक होगा और उसे अपने खेल में आनन्द ले पाने में सक्षम करेगा। बिती गलतियों पर मन लगा कर पछतावे के साथ बैठे रहने से कुछ हासिल नहीं होता।" फिर राइस ने आगे लिखा, "गोल्फ में अगला प्रयास ही सर्वोत्तम प्रयास होता है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों को लिखी अपनी पत्री के तीसरे अध्याय में प्रेरित पौलुस ने भी अपने पाठकों को लगभग यही सलाह दी। उसने कहा कि मसीही विश्वास के जीवन में आगे बढ़ने का गुर है अपनी आँखें अपने निशाने पर गड़ाए रखना और आगे बढ़ने के प्रयास में लगे रहना। यदि हम पीछे की ओर मुड़कर देखने लगेंगे और अपनी गलतियों के बारे में सोचते रहेंगे तो शीघ्र ही निराशाओं में घिर जाएंगे।

   जब पाप हमें गिरा दे, या किसी असफलता के कारण कोई निराशा हमें घेर ले तो बाहर निकलने का सीधा सा मार्ग है - उसे परमेश्वर के सामने मान लें, उससे क्षमा माँग लें और उसकी दी गई क्षमा पर विश्वास करके तथा उस पाप अथवा असफलता पर बैठे रहने की बजाए उस को अपने पीछे करके फिर आगे की ओर बढ़ना आरंभ कर दें।

   गोल्फ के समान, मसीही विश्वास के जीवन में भी अगला प्रयास ही सर्वोत्तम प्रयास होता है। - डेव एग्नर


हमें कभी विफलता को अपनी सफलता छीनने नहीं देनी चाहिए।

हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्‍तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों ३:१३, १४

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१२-१६
    Php 3:12  यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
    Php 3:13  हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्‍तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।
    Php 3:14  निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
    Php 3:15  सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।
    Php 3:16  सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल १८-१७ 
  • याकूब ४

सोमवार, 21 नवंबर 2011

असफलता की रचना

   मेंढक की शारीरिक संरचना ऐसी है कि वह अपने वातावरण के तापमान जैसे ही अपने शरीर के तापमान को करता रहता है। यदि धीरे-धीरे गर्म होते पानी में मेंढक को रखा जाए तो वह इस बात से अनभिज्ञ कि वह बढ़ते तापमान से मरने वाला है, अपने शरीर के तापमान को बढ़ाता रहता है और इससे पहले कि वह खतरे को भांपे, गर्म पानी द्वारा मौत उसे आ दबोचती है।

   पतरस का पतन भी अचानक घटने वाली घटना नहीं था, यह एक धीमे धीमे होने वाले आत्मिक पतन का नतीजा था। उसने प्रभु द्वारा अपने पकड़वाए जाने की चेतावनी को हलके में लिया और उसपर विश्वास नहीं किया, प्रभु यीशु के साथ अन्तिम भोज में जब प्रभु इस बारे में और सिखा रहा था तब पतरस अपने आत्मविश्वास और योग्यता के घमंड में था। फिर गतस्मनी के बाग़ में जब प्रभु ने उससे प्रार्थना के लिए कहा तो वह प्रार्थना करने की बजाए सो गया। जब उसी बाग़ में सैनिकों ने प्रभु को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाए तो पतरस ने शारीरिक प्रतिक्रीया के अन्तरगत अपनी तलवार निकाल कर चलाई और महापुरोहित के सेवक का कान काट डाला। और पतन का निम्न बिन्दु था अपने प्रभु के चेले के रूप में पहचाने जाने के बाद, भय से ग्रसित हो कर उसने तीन बार सेवक लड़की के सामने प्रभु का इन्कार किया।

   पतरस द्वारा प्रभु के इन्कार का दुख उन सभी मसीही विश्वासियों को पता है जिन्होंने विश्वास करने के बाद भी किसी न किसी रूप में अपने जीवन में प्रभु यीशु को ठोकर दी है और फिर उसका एहसास होने के बाद खेद में अपने हाथ मले हैं। पतरस के समान ही हमारी असफलताएं भी अचानक होने वाली घटना नहीं वरन एक पतन के सिलसिले का अन्त होती हैं जो किसी छोटी प्रतीत होने वाली अनआज्ञाकारिता या किसी घमण्ड से आरंभ होकर धीरे धीरे हमें भयानक अन्त तक ले आती हैं।

   इसलिए यह अनिवार्य है कि प्रतिदिन हम परमेश्वर पर निर्भर रहें और उसके वचन का पालन करते रहें। केवल यही एक तरीका है उस मेंढक के समान बिना पहचाने ही धीरे धीरे अपने आप को मृत्यु तक ले जाने से बचाने का। - मार्ट डी हॉन

मसीही जीवन में असफलता कभी अचानक नहीं होती, वह मसीही जीवन में आत्मिक पतन के सिलसिले का नतीजा होती है।

इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे कि कहीं गिर न पड़े। - १ कुरिन्थियों १०:१२

बाइबल पाठ: लूका २२:५४-६२

    Luk 22:54  फिर वे उसे पकड़ कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।
    Luk 22:55  और जब वे आंगन में आग सुलगा कर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।
    Luk 22:56  और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देख कर और उस की ओर ताक कर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।
    Luk 22:57  परन्तु उस ने यह कह कर इन्‍कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।
    Luk 22:58  थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देख कर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा, हे मनुष्य मैं नहीं हूं।
    Luk 22:59  कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था क्‍योंकि यह गलीली है।
    Luk 22:60  पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्‍या कहता है वह कह ही रहा था कि तुरन्‍त मुर्ग ने बांग दी।
    Luk 22:61  तब प्रभु ने घूम कर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्‍कार करेगा।
    Luk 22:62  और वह बाहर निकल कर फूट फूट कर रोने लगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल १६-१७ 
  • याकूब ३

रविवार, 20 नवंबर 2011

खेद की दवा

   एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने अपने आप को समाज और अपने चर्च के लोगों से अलग-थलग कर लिया क्योंकि वह अपने बीते दिनों की गलती के कारण अति खेदित था, जिस कारण उसका परिवार टूट कर बिखर गया। एक वृद्ध स्त्री को बार-बार उभारे जाने और संभाले जाने की आवश्यक्ता रहती है क्योंकि वह ५० वर्ष पूर्व के एक प्रेम संबंध के खेद को भूल नहीं पा रही है। एक जवान युवती को मनोवैज्ञानिक चिकित्सा की आवश्यक्ता रहती है क्योंकि वह अपने गर्भपात कराने के निर्णय के लिए अपने आप को क्षमा नहीं कर पा रही है और इस कारण सदा खेदित रहती है। खेद बहुत से मनुष्यों के जीवन में ज़हर घोल देता है और उनके आनन्द तथा शान्ति को छीन लेता है।

   लेकिन मसीही विश्वासी के पास इसकी दवा है। यदि किसी को खेदित होकर निकम्मा हो जाने का कोई कारण था तो वह था प्रभु यीशु का चेला पतरस। उसने बहुत कायरता का व्यवहार किया जब अपने प्रभु को अपने कई दावों के बावजूद वह गतस्मनी के बाग़ में अकेला छोड़कर भाग गया, और फिर प्रभु के पकड़वाए जाने के बाद अधिकारियों की सेवक लड़कियों के सामने तीन बार उसने इस बात का भी इन्कार कर दिया कि वह प्रभु यीशु को जानता है। बाद में उसे इस बात का ऐसा खेद हुआ कि वह अपने इस व्यवहार के लिए फूट-फूट कर रोया। लेकिन उसने अपनी असफलताओं को प्रभु के लिए अपनी सेवकाई में आड़े नहीं आने दिया - क्योंकि उसने प्रभु यीशु द्वारा दी गई क्षमा को स्वीकार किया और प्रभु यीशु ही से नई सामर्थ और नई आशा प्राप्त करी, जब तीन बार प्रभु यीशु ने उससे कहा, "मेरी भेड़ों की रखवाली कर"। प्रेरितों १:१५ में हम पतरस को पहले के समान पुनः चेलों की अगुवाई करते देखते हैं। प्रभु यीशु कि क्षमा को हृदय से ग्रहण करने और फिर स्वयं अपने आप को भी क्षमा करने के कारण पतरस अपने अतीत की कमज़ोरी को मसीह के लोहू के नीचे दबा सका और उस गलती के खेद द्वारा उत्पन्न हो सकने वाले निकम्मेपन पर जयवंत हो सका।

   जब हम अपने पापों को प्रभु यीशु के समक्ष पश्चाताप के साथ मान लेते हैं, तब हम उन्हें वहीं उसके कदमों पर छोड़ कर उन्हें भुला भी सकते हैं क्योंकि, "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (१ युहन्ना १:९)।

   तब हम उस दुखदायी अतीत से आगे बढ़कर आनन्द के साथ उसकी सेवा में लग सकते हैं। खेद कभी हमारे आनन्द को नष्ट नहीं कर सकता क्योंकि प्रत्येक मसीही विश्वासी के पास खेद की कारगर दवा है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

जिन पापों को परमेश्वर ने अपनी क्षमा द्वारा मसीही विश्वासी के जीवन-वृतांत से हटा दिया है, उन्हें मसीही विश्वासी को अपने मन से भी हटा देना चाहिए।

और उन्‍हीं दिनों में पतरस भाइयों के बीच में जो एक सौ बीस व्यक्ति के लगभग इकट्ठे थे, खड़ा होकर कहने लगा। - प्रेरितों १:१५

बाइबल पाठ: यूहन्ना २१:१५-१९
    Joh 21:15  भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्‍या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उस ने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उस ने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा।
    Joh 21:16  उस ने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्‍या तू मुझ से प्रेम रखता है? उस ने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उस ने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर।
    Joh 21:17  उस ने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्‍या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उस ने उसे तीसरी बार ऐसा कहा कि क्‍या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा।
    Joh 21:18  मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तू जवान था, तो अपनी कमर बान्‍ध कर जहां चाहता था, वहां फिरता था; परन्‍तु जब तू बूढ़ा होगा, तो अपने हाथ लम्बे करेगा, और दूसरा तेरी कमर बान्‍धकर जहां तू न चाहेगा वहां तुझे ले जाएगा।
    Joh 21:19  उस ने इन बातों से पता दिया कि पतरस कैसी मृत्यु से परमेश्वर की महिमा करेगा; और यह कहकर, उस से कहा, मेरे पीछे हो ले।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल १४-१५ 
  • याकूब २

शनिवार, 19 नवंबर 2011

पहचान

   साधारणतया फलों की गुणवन्ता जाँचने के लिए उनके रंग और ठोस होने को परखा जाता है, किंतु क्रैन्बेरी नामक एक फल ऐसा है जिसे उसके गेंद के समान उछाल लेने के द्वारा परखा जाता है - जितना अच्छा उछाल, क्रैनबेरी उतनी ही बेहतर मानी जाती है। Science Digest में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ताज़ी तोड़ी गई क्रैनबेरियों को सीढ़ीनुमा पट्टीयों पर नीचे की ओर लुढ़्काया जाता है, और जो क्रैन्बेरियाँ ८-१० इंच ऊँची उछलती हैं वे ही अच्छी मानी जाती हैं और स्वीकार करी जाती हैं।

   मसीही विश्वासी भी ऐसे ही परखे जा सकते हैं; उनके विश्वास की गुण्वन्ता इस बात से परखी जा सकती है कि किसी असफलता का सामना करने के बाद वे उछल कर पुनः अपने विश्वास की पूर्व स्थिति पर आ जाते हैं कि नहीं। यद्यपि असफलता दुखदायी होती है, लेकिन वह अवसर भी देती है कि हम मसीह में अपने विश्वास की दृढ़ता को और उसके प्रति अपने समर्पण को जाँच सकें।

   प्रभु यीशु मसीह जानते थे कि पतरस अपनी योग्यताओं पर अपने अत्याधिक आत्मविश्वास और उत्साह के कारण ठोकर खाकर गिरने वाला है, और तीन बार उसका इन्कार करेगा। लेकिन प्रभु यीशु इसके आगे भी जानते थे कि इस असफलता के बाद उसके अन्दर पश्चाताप होगा और उसका विश्वास बहाल होगा। जब प्रभु यीशु ने पतरस के लिए प्रार्थना करी कि उसका विश्वास जाता ना रहे, और इसका आश्वासन पतरस को दिया, तो प्रभु यीशु का उससे कहने का तात्पर्य था कि "पतरस, मैं जानता हूँ कि तू गिरने के बाद पुनः उछल कर खड़ा हो जाएगा और मेरे लिए फिर उपयोगी होगा।"

   यदि आपने किसी आत्मिक असफलता का सामना किया है तो निराश मत हों, मसीह आपको भी बहाल कर सकता है। किसी बड़ी ठोकर और गिरने के बाद भी मसीह आपको अपने लिए पुनः उपयोगी बना सकता है। परमेश्वर की क्षमाशीलता और आपके विश्वास की उछाल आपके पुनः स्थापित हो पाने की पहचान हैं। - मार्ट डी हॉन

पराजय तब ही कड़ुवी लगती है जब हम उसे निगलते हैं।

परन्‍तु मैं ने तेरे लिये बिनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना। - लूका २२:३२

बाइबल पाठ: लूका २२:३१-३४
    Luk 22:31  शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को मांग लिया है कि गेंहूं की नाई फटके।
    Luk 22:32  परन्‍तु मैं ने तेरे लिये बिनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।
    Luk 22:33  उस ने उस से कहा, हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्‍दीगृह जाने, वरन मरने को भी तैयार हूं।
    Luk 22:34  उस ने कहा, हे पतरस मैं तुझ से कहता हूं, कि आज मुर्ग बांग न देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्‍कार न कर लेगा कि मैं उसे नहीं जानता।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ११-१३ 
  • याकूब १

बुधवार, 3 नवंबर 2010

भय से सहायता

विभिन्न लोगों के लिये, भय विभिन्न अर्थ रखता है। पेशावर गोल्फ खिलाड़ी पैडरैग हैरिंगटन के लिये, भय प्रेरणा का कारण है जो उसे अपना सर्वोतम प्रदर्शन करने को उकसाता है। सन २००८ में, जब हैरिंगटन ने दो बड़ी प्रतियोगिताएं जीतीं, British Open और PGA Championship, तब उसने बताया " हां, भय मेरे जीवन का एक मुख्य भाग है। यद्यपि मैं कहना चाहुंगा कि मेरे पास विश्वास और धैर्य है तथा मैं शांत रहता हूँ, लेकिन वास्तविकता यह नहीं है। भय ही है जो मुझे आगे धकेलता है, भय ही है जो मुझे व्ययाम करने और अभ्यास करने को उकसाता है। मैं भय का उपयोग करके ही आगे बढ़ पाता हूँ।"

हो सकता है कि हैरिंगटन का यह भय असफलता का भय हो , या फिर अपने वर्चस्व को खोने का। उस भय का आधार जो भी हो, हैरिंगटन ने उसे अपने व्यवसायिक जीवन के लिये फायदेमन्द बना लिया है।

मसीही विश्वासी भी भय द्वारा सहायता पा सकते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें चिताती है कि हम परमेश्वर के प्रति श्रद्धापूर्ण भय में जीवन व्यतीत करें। यह भय वह भय है जो सब प्रकार के भय से शेष्ट है। परमेश्वर का भय हमें उसके अनाज्ञाकारी होने या उसके मार्गों के विरोध में चलने के प्रति सचेत करता है। इस भय का अर्थ है हमारे महान परमेश्वर के प्रति आदर और श्रद्धा रखना, उसकी सिद्ध इच्छा की पूर्ति को समर्पित रहना और उसके ज्ञान और समझ के खोजी रहना और उनके अनुसार अपना जीवन चलाना। इसी कारण नीतिवचन ९:१० में लिखा है "यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्वर को जानना ही समझ है।"

परमेश्वर के सही भय में रहकर हम इस अनिश्चित संसार में बुद्धिमानी से रह सकते हैं। - बिल क्राउडर


यदि परमेश्वर के भय में रहोगे तो फिर किसी अन्य भय से कभी भयभीत नहीं रहोगे।

यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्वर को जानना ही समझ है। - नीतिवचन ९:१०


बाइबल पाठ: नीतिवचन ९:१-१२

बुद्धि ने अपना घर बनाया और उसके सातों खंभे गढ़े हुए हैं।
उस ने अपने पशु वध करके, अपने दाखमधु में मसाला मिलाया है, और अपनी मेज़ लगाई है।
उस ने अपनी सहेलियां, सब को बुलाने के लिये भेजी हैं; वह नगर के ऊंचे स्थानों की चोटी पर पुकारती है,
जो कोई भोला है वह मुड़कर यहीं आए! और जो निर्बुद्धि है, उस से वह कहती है,
आओ, मेरी रोटी खाओ, और मेरे मसाला मिलाए हुए दाखमधु को पीओ।
भोलों का संग छोड़ो, और जीवित रहो, समझ के मार्ग में सीधे चलो।
जो ठट्ठा करने वाले को शिक्षा देता है, सो अपमानित होता है, और जो दुष्ट जन को डांटता है वह कलंकित होता है।
ठट्ठा करने वाले को न डांट ऐसा न हो कि वह तुझ से बैर रखे, बुद्धिमान को डांट, वह तो तुझ से प्रेम रखेगा।
बुद्धिमान को शिक्षा दे, वह अधिक बुद्धिमान होगा; धर्मी को चिता दे, वह अपनी विद्या बढ़ाएगा।
यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्वर को जानना ही समझ है।
मेरे द्वारा तो तेरी आयु बढ़ेगी, और तेरे जीवन के वर्ष अधिक होंगे।
यदि तू बुद्धिमान हो, तो बुद्धि का फल तू ही भोगेगा, और यदि तू ठट्ठा करे, तो दण्ड केवल तू ही भोगेगा।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ३०, ३१
  • फिलेमौन