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रविवार, 9 अगस्त 2015

घर


   मेरे पिताजी के पास अपने बचपन के घर के बारे में सुनाने को बहुत से किस्से थे। उनकी बातें सुन सुन कर मैं हर गर्मी की छुट्टी में उनके साथ उस घर और फार्म जाने के लिए आतुर रहता था। वहाँ जाकर हम पास बह रही नदी में मछली पकड़ने जाते, उनके उस फार्म पर जाते जहाँ के बारे में वे हमें बताते रहते थे, जहाँ वे बातें हुई थीं जिनके बारे में पिताजी हमे बताते थे। यद्यपि उनका वह निवस-स्थान कभी मेरा घर नहीं रहा था, लेकिन आज भी जब कभी मैं उस स्थान पर अपने बेटे-पोतों के साथ जाता हूँ तो वहाँ की यादें मुझे एक अपनेपन का आभास करवाती हैं, जैसे मैं वहाँ का ही हूँ, वो स्थान मेरा ही है।

   प्रभु यीशु अपने चेलों के साथ अपने स्वर्गीय घर की बातें करते थे, जिसे छोड़कर वे हमारे लिए इस संसार में आए थे। उनके लिए यह कितने आनन्द की बात रही होगी जब उन्होंने अपने चेलों से कहा, "मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। निःसन्देह प्रभु यीशु, जिन्होंने "...उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा..." (इब्रानियों 12:2) अपने पिता के पास उस स्वर्गीय घर में लौटने की बाट जोह रहे थे ताकि अनेक पुत्र और पुत्रियों का उनके स्वर्गीय परमेश्वर पिता से मेल करवा सकें, उन पुत्र और पुत्रियों को परमेश्वर पिता के सामने प्रस्तुत होने का मार्ग दे सकें।

   यह विचार कि प्रभु यीशु संसार के सभी लोगों को इस संसार और पाप के बन्धनों से छुड़ाने आया और जिन्होंने उसे स्वीकार किया है, उन मसीही विश्वासियों अपने और हमारे परमेश्वर पिता के पास अनन्तकाल के हमारे स्वर्गीय घर में ले जाएगा हमें रोमांच से भर देता है, और हमें प्रेरित करता है कि हम उस स्वर्गीय घर के बारे में औरों को भी बताएं, उन्हें भी वहाँ के आनन्द का भागीदार बनने का अवसर प्रदान करें। - जो स्टोवैल


केवल प्रभु यीशु ही हमारे अन्दर उस स्वर्गीय निवास-स्थान की ऐसी लालसा जागृत कर सकता है जैसी हम में पहले कभी नहीं थी।

क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। - 2 कुरिन्थियों 5:1

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-11
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। 
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। 
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। 
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो। 
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू हां जाता है तो मार्ग कैसे जानें? 
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। 
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है। 
John 14:8 फिलेप्पुस ने उस से कहा, हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये बहुत है। 
John 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा। 
John 14:10 क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। 
John 14:11 मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 77-78
  • रोमियों 10