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सोमवार, 30 जुलाई 2018

विश्वास



      हमारे लिए विश्वास को एक ऐसा जादूई मन्त्र मान लेना, जिसके द्वारा सब कुछ किया जा सकता है, बड़ा प्रलोभनकारी होता है। हम सोचते हैं, या हमें सिखाया जाता है कि यदि हम पर्याप्त विश्वास रखें तो हम धनी हो सकते हैं, स्वस्थ रह सकते हैं, जीवन में संतुष्टि आ सकती है, और सभी प्रार्थनाओं के उत्तर स्वतः ही प्राप्त किए जा सकते हैं। परन्तु जीवन ऐसे मन्त्रों के द्वारा नहीं चलाया जाता है। प्रमाण के रूप में, परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों का लेखक, बाइबल के पुराने नियम खण्ड के विश्वास के महान लोगों में से कुछ के जीवनों की समीक्षा करता है (इब्रानियों 11), और “सच्चे विश्वास” को समझाने का प्रयास करता है।

      लेखक स्पष्ट कहता है कि “और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है” (इब्रानियों 11:6)। विश्वास को परिभाषित करते समय वह “दृढ़ बने रहने” के उदाहरण देता है (पद 27)। परमेश्वर में अपने विश्वास के कारण, विश्वास के उन नायकों में से कुछ जयवंत हुए: कुछ ने सेनाओं को मार भगाया, और कोई सिंहों से बच निकला। परन्तु ऐसे विश्वासी भी थे जिनके अन्त सुखद नहीं हुए: कितनों को कोड़े पड़े, पत्थरवाह किए गए, आरे से चीरे गए, परन्तु विश्वास में बने रहे। अध्याय का अन्त होता है “संसार उन के योगय न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तौभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली” (पद 39)।

      इस अध्याय से परमेश्वर में विश्वास रखने का जो चित्र उभर का आता है वह किसी सरल सूत्र में नहीं समाता है। कभी विश्वास विजय और यश को ले जाता है; तो कभी किसी भी कीमत पर विश्वास में बने रहने के लिए बहुत धैर्य और दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है – और ऐसों के लिए लिखा गया है “...इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उसने उन के लिये एक नगर तैयार किया है” (पद 16)।

      हमारे विश्वास का आधार है, कि अन्ततः परमेश्वर ही हर बात पर नियंत्रण बनाए रखता है, और वह अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा भी करेगा – यह चाहे इस जीवन में हो या आने वाले जीवन में। - फिलिप यैन्सी


दुःख में हमारी सबसे महान सांत्वना है हमारा विश्वास, कि परमेश्वर नियंत्रण रखे हुए है।

हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। - याकूब 1:2-3

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:32-11:6
Hebrews 10:32 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे।
Hebrews 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी।
Hebrews 10:34 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है।
Hebrews 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।
Hebrews 10:36 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ।
Hebrews 10:37 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा।
Hebrews 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।
Hebrews 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।
Hebrews 11:1 अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है।
Hebrews 11:2 क्योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्छी गवाही दी गई।
Hebrews 11:3 विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्‍टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्‍तुओं से बना हो।
Hebrews 11:4 विश्वास ही से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
Hebrews 11:5 विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला; क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उसने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।
Hebrews 11:6 और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 51-53
  • रोमियों 2