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शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

विश्वासयोग्यता

   पिछले कुछ समय से सारा संसार जिस आर्थिक संकट से जूझ रहा है, उसने लोगों को अपने कर्ज़ की स्थिति की ओर बारीकी से ध्यान देने को बाध्य किया है। जब कर्ज़ लेना आसान था तो लोग उसके प्रति लापरवाह हो गए और उसका ठीक उपयोग नहीं किया। उन्होंने इस बात का आँकलन नहीं किया कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए; बस जो चाहा, उसे कर्ज़ के माध्यम से ले लिया; कर्ज़ चुकाना उनके लिए कोई ध्यान देने वाली बात नहीं थी। किंतु वर्तमान संकट में अब ऐसा नहीं है। अब अचानक ही कर्ज़ लेने वाले लोगों की आर्थिक विश्वासयोग्यता एक बहुत अहम मुद्दा बन गई है।

   एक कर्ज़ चुकाने के तरीकों में सहायता करने वाली एक कंपनी के विज्ञापन के तुरंत बाद सन्देश दिया गया, "आर्थिक विश्वासयोग्यता कहीं से खरीदी नहीं जा सकती, इसे सतत प्रयास सहित कार्य करके बनाना पड़ता है।"

   यही सिद्धांत हमारे जीवनों की विश्वासयोग्यता पर भी लागू होता है। हम अपनी विश्वासयोग्यता कहीं से खरीद नहीं सकते, इसे पाने के लिए हमें उसके अनुरूप कार्य करने पड़ते हैं, जीवन शैली दिखानी पड़ती है। हो सकता है कि कुछ विश्वासयोग्य लोगों की संगति में रहकर हम कुछ समय के लिए थोड़ी विश्वासयोग्यता ’उधार’ ले लें, किंतु यह अधिक समय नहीं चल सकता, देर-सवेर हमें अपनी निज विश्वासयोग्यता प्रकट करने की आवश्यक्ता पड़ ही जाती है।

   विश्वासयोग्यता बनाने के लिए हमें ऐसा बनना पड़ता है जिसके द्वारा लोग हम पर विश्वास रख सकें। मसीह विश्वासियों के लिए तो यह अति अनिवार्य है क्योंकि उनके जीवन परमेश्वर के नाम और प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं (१ पतरस २:१२)। जब हम अपने आप को मसीही विश्वासी कहते हैं तो मसीह की प्रतिष्ठा हमारे नाम के साथ जुड़ जाती है। यदि लोग हमें विश्वासयोग्य नहीं पाएंगे तो वे हमारे आदर्श और हमारे प्रभु पर भी विश्वास नहीं ला पाएंगे।

   विश्वासयोग्य बनने के लिए सम्मान्नीय जीवन जीना होगा। तभी लोग हम पर विश्वास कर सकेंगे, जिससे फिर वे हमारे प्रभु पर भी विश्वास कर के परमेशवर की महिमा कर सकेंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


यदि हम अपने चरित्र का ध्यान रखें तो हमारी विश्वास्योग्यता स्वतः ही बन जाएगी।

अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें। - १ पतरस २:१२

बाइबल पाठ: १ पतरस २:११-२१
1Pe 2:11  हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12  अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13  प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14  और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15  क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16  और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझकर चलो।
1Pe 2:17  सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18  हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19  क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1Pe 2:20  क्‍योंकि यदि तुम ने अपराध करके घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्‍या बड़ाई की बात है पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1Pe 2:21  और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्‍योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्‍ह पर चलो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति ३१-३२ 
  • मत्ती ९:१८-३८