ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 30 जनवरी 2013

प्रत्यक्ष


   लड़कियों की सॉफ्टबॉल खेल स्पर्धा थी। खेल के अम्पायर ने लड़कियों के पीछे अपना स्थान लिया, खेल आरंभ हुआ और थोड़ी देर में पीछे से कुछ आवाज़ें आनी शुरू हो गईं, फिर थोड़ी ही समय बाद एक खिलाड़ी कि माँ ने कहना आरंभ कर दिया "हमें नया अम्पायर चहिए! हमें नया अम्पायर चहिए!" उस माँ के आलाप के पीछे-पीछे कुछ अन्य माताओं ने भी यही दोहराना आरम्भ कर दिया। अम्पायर मुस्कुराया, पीछे की भीड़ की ओर मुड़ा और ऊँची आवाज़ में कहना आरंभ कर दिया "हमें नए अभिभावक चाहिएं! हमें नए अभिभावक चाहिएं!" अभिभावकों का शोर यह सुनते ही शाँत हो गया।

   माता-पिता के लिए यह बहुत अनिवार्य है कि वे कैसा उदाहरण अपने बच्चों के समक्ष रखते हैं, क्योंकि बच्चे उनकी हर बात देखते हैं और उससे सीखते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल मसीही विश्वासी माता-पिता के लिए कुछ निर्देष देती है जिससे वे अपने बच्चों में अच्छी आदतें और आचरण बचपन से ही डाल सकें:
  • बच्चों के लिए और बच्चों के साथ प्रार्थना करें - जिससे वे परमेश्वर से बात करना सीख सकें, "प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उस में जागृत रहो" (कुलुस्सियों ४:२)।

  • उन्हें बाइबल से सिखाएं और सुनाएं - जिससे वे परमेश्वर के वचन की सच्चाई को सीख सकें, "और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना" (व्यवस्थाविवरण ६:७)।

  • उन्हें प्रभु यीशु मसीह के बारे में सिखाएं - जिससे वे बचपन से ही जगत के उद्धारकर्ता पर विश्वास करना सीख सकें, "यीशु ने उसको उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता" (यूहन्ना ३:३)।


   बच्चों के सामने एक अच्छा उदाहरण रखने का सर्वोत्तम मार्ग है अपने विश्वास को उनके प्रत्यक्ष जी कर दिखाना। जो वे प्रत्येक्ष देखेंगे, उसी पर विश्वास करेंगे और उसे ही अपनाएंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपके बिना कुछ बोले ही आपके जीवन आपके बच्चों को क्या सिखा रहे हैं। जो वे आज सीखेंगे उसे कल करेंगे। - सिंडी हैस कैसपर


बच्चों को अपने अभिभावकों के गुणों विरासत में चाहे ना भी मिलें, परन्तु बच्चे अपने अभिभावकों के मूल्यों और आदर्शों को सहजता से अपना लेते हैं।

लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। - नीतिवचन २२:६

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ११:१८-२१
Deuteronomy11:18 इसलिये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और प्राण में धारण किए रहना, और चिन्हानी के लिये अपने हाथों पर बान्धना, और वे तुम्हारी आंखों के मध्य में टीके का काम दें।
Deuteronomy11:19 और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चर्चा कर के अपने लड़के-बालों को सिखाया करना।
Deuteronomy11:20 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना;
Deuteronomy11:21 इसलिये कि जिस देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर कहा था, कि मैं उसे तुम्हें दूंगा, उस में तुम्हारे और तुम्हारे लड़के-बालों की दीर्घायु हो, और जब तक पृथ्वी के ऊपर का आकाश बना रहे तब तक वे भी बने रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन २३-२४ 
  • मत्ती २०:१-१६