ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 1 जनवरी 2019

धन्यवादी जीवन


सभी पाठकों को नव-वर्ष की शुभकामनाएँ

      अपने आत्मिक जीवन को और परिपक्व करने तथा परमेश्वर के प्रति और अधिक धन्यवादी होना सीखने के लिए सू ने अपने लिए एक “धन्यवादी-मर्तबान” बनाया। प्रति संध्या वह एक कागज़ पर कम से कम एक ऐसी बात जिसके लिए वह परमेश्वर की धन्यवादी रही है लिखकर उस मर्तबान में डाल देती थे। कुछ दिनों में उसके पास धन्यवादी होने के लिए कई विषय होते थे तो कुछ ऐसी भी दिन होते थे जिनमें उसे एक भी विषय कठिनाई से मिल पाता हो। वर्ष के अन्त समय पर उसने उस मर्तबान को खाली किया, और धन्यवाद के अपने सारे विषयों को पढ़ना आरंभ किया, और उसने पाया कि वह परमेश्वर द्वारा उसके जीवन में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए फिर से धन्यवाद कर रही थी। परमेश्वर ने उसे साधारण से बातों, जैसे एक सुन्दर सूर्यास्त का दृश्य, या उद्यान में टहलें के लिए शीतल साँझ प्रदान की थे, या किसी अन्य समय पर परमेश्वर ने उसे किसी कठिन परिस्थति को संभालने का अनुग्रह, बुद्धिमता और सामर्थ्य दी, या किसी प्रार्थना का उत्तर दिया, या किसी परेशानी में सम्भाला और उससे निकाला।

      सू के इन अनुभवों से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर कही गई बात स्मरण हो आई। दाऊद ने भजन 23 में लिखा कि परमेश्वर ने उसे ‘हरी-हरी चराइयों’ और ‘सुखदाई जल के झरनों’ के अनुभव दिए (पद 2-3)। उसने दाऊद को मार्गदर्शन, सुरक्षा, और शान्ति दी  (पद 3-4)। दाऊद का निषकर्ष था “निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा” (पद 6)।

      मैंने भी सोचा है कि मैं इस वर्ष अपने लिए एक ‘धन्यवादी मर्तबान’ बनाऊँगी। क्या आप भी मेरे साथ ऐसा करना चाहेंगे? आवश्यक नहीं कि यह ‘मर्तबान’ ही हो; आप धन्यवादी डायरी बना सकते हैं और उसमें लिख सकते हैं, या अपने फोन अथवा कम्प्यूटर में दैनिक धन्यवादी नोट बना सकते हैं, और चाहें तो उसे इन्तार्नैत के माध्यम से औरों के साथ साझा कर सकते हैं; आप अपने धन्यवाद को प्रतिदिन अपने फेसबुक, ट्विटर या अन्य ऐसे किसी सोशल मीडिया पर लिखकर साझा कर सकते हैं – विधियाँ अनेक हैं, आपकी इच्छा होनी चाहिए।

      मेरा विचार है कि ऐसा करने से हम पाएँगे कि परमेश्वर को धन्यवाद करने के लिए हमारे पास बहुतेरे विषय हैं, जिनमें परिवार और मित्र जनों का उपहार, हमारी भौतिक, आत्मिक, और भावनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति, अनेकों परिस्थितयों में हमारी देखभाल, संभाल, और प्रावधान इत्यादि सम्मिलित हैं। हम भी दाऊद के समान कहने पाएँगे कि परमेश्वर की भलाई, प्रेम, और करुणा निश्चय हमारे साथ आजीवन बनी रहेंगी। - ऐनी सेटास


जब भी आपको भलाइयाँ स्मरण आएँ, परमेश्वर का धन्यवाद कीजिए।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: भजन 23
Psalms 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।
Psalms 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है;
Psalms 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है।
Psalms 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।।
Psalms 23:5 तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है।
Psalms 23:6 निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 1-3
  • मत्ती 1