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रविवार, 5 मई 2019

स्मृति



      कठिनाइयों तथा हानि के हमारे अनुभव हमें असमंजस में, क्रोधित, और दोषी कर सकते हैं। चाहे हमारे द्वारा किए गए चुनावों ने हमारे लिए कुछ द्वार बन्द कर दिए हों जो अब फिर कभी नहीं खुल सकेंगे, या, हमारा कोई दोष न होते हुए भी हमारे जीवनों में कोई त्रासदी आ गई हो; जो भी हो, परिणाम वही होता है जिसे ओस्वौल्ड चैम्बर्स ने “‘हो सकता था’ का अगाध दुःख कहा।” हम उन दुखदायी स्मृतियों को दबाने के प्रयास तो कर सकते हैं किन्तु पाते हैं कि ऐसा कर नहीं पाते हैं।

      चैम्बर्स हमें स्मरण करवाते हैं कि प्रभु हमारे जीवनों में सदा सक्रीय रहते हैं। उन्होंने कहा, “जब परमेश्वर बीते समय की स्मृतियाँ जीवन में लाए तो कभी भयभीत न हों। उस स्मृति को अपना कार्य करने दें। उसके साथ जुड़ी डाँट, ताड़ना, और दुःख के साथ वह परमेश्वर की सेवक है। परमेश्वर ‘हो सकता था’ को अद्भुत भविष्य के निर्माण के लिए प्रयोग कर सकता है।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में पुराने नियम के दिनों में जब परमेश्वर ने इस्राएल को देश से निष्कासित कर के बाबुल में भेजा, तब उसने उन से उस परदेश में भी तब तक उसकी उपासना करते रहने और विश्वास में बढ़ते रहने के लिए कहा, जब तक कि वह उन्हें वापस उनके देश लौटा नहीं लाता। परमेश्वर ने उन्हें आश्वस्त किया कि उन परिस्थितियों में भी, जिनमें वे थे, वह उनकी भलाई की योजनाएं रखता था, “क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा” (यिर्मयाह 29:11)।

      परमेश्वर ने अपने लोगों से कहा कि वे बीते समय की घटनाओं को न तो नज़रंदाज़ करें, और न ही उनमें फंसे रहें; परन्तु केवल परमेश्वर ही पर अपना ध्यान केंद्रित करें और आगे की ओर देखते रहें। परमेश्वर की क्षमा दुःख की स्मृतियों को भी उसके अनन्त प्रेम में भरोसा करने का माध्यम बना सकती है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर हमारे गहरी निराशाओं को भी 
हमारे विश्वास को उसमें पोषित करने के लिए प्रयोग कर सकता है।

क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। - यशायाह 55:8-9

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 29:4-14
Jeremiah 29:1 उसी वर्ष यिर्मयाह नबी ने इस आशय की पत्री, उन पुरनियों और भविष्यद्वक्ताओं और साधारण लोगों के पास भेजीं जो बंधुओं में से बचे थे, जिन को नबूकदनेस्सर यरूशलेम से बाबुल को ले गया था।
Jeremiah 29:2 यह पत्री उस समय भेजी गई, जब यकोन्याह राजा और राजमाता, खोजे, यहूदा और यरूशलेम के हाकिम, लोहार और अन्य कारीगर यरूशलेम से चले गए थे।
Jeremiah 29:3 यह पत्री शापान के पुत्र एलासा और हिल्किय्याह के पुत्र गमर्याह के हाथ भेजी गई, जिन्हें यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के पास बाबुल को भेजा।
Jeremiah 29:4 उस में लिखा था कि जितने लोगों को मैं ने यरूशलेम से बंधुआ कर के बाबुल में पहुंचवा दिया है, उन सभों से इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे:
Jeremiah 29:5 घर बना कर उन में बस जाओ; बारियां लगा कर उनके फल खाओ।
Jeremiah 29:6 ब्याह कर के बेटे-बेटियां जन्माओ; और अपने बेटों के लिये स्त्रियां ब्याह लो और अपनी बेटियां पुरुषों को ब्याह दो, कि वे भी बेटे-बेटियां जन्माएं; और वहां घटो नहीं वरन बढ़ते जाओ।
Jeremiah 29:7 परन्तु जिस नगर में मैं ने तुम को बंधुआ करा के भेज दिया है, उसके कुशल का यत्न किया करो, और उसके हित के लिये यहोवा से प्रार्थना किया करो। क्योंकि उसके कुशल से तुम भी कुशल के साथ रहोगे।
Jeremiah 29:8 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा तुम से यों कहता है कि तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता और भावी कहने वाले तुम्हारे बीच में हैं, वे तुम को बहकाने न पाएं, और जो स्वप्न वे तुम्हारे निमित्त देखते हैं उनकी ओर कान मत धरो,
Jeremiah 29:9 क्योंकि वे मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं; मैं ने उन्हें नहीं भेजा, मुझ यहोवा की यह वाणी है।
Jeremiah 29:10 यहोवा यों कहता है कि बाबुल के सत्तर वर्ष पूरे होने पर मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और अपना यह मनभवना वचन कि मैं तुम्हें इस स्थान में लौटा ले आऊंगा, पूरा करूंगा।
Jeremiah 29:11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।
Jeremiah 29:12 तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा।
Jeremiah 29:13 तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।
Jeremiah 29:14 मैं तुम्हें मिलूंगा, यहोवा की यह वाणी है, और बंधुआई से लौटा ले आऊंगा; और तुम को उन सब जातियों और स्थानों में से जिन में मैं ने तुम को बरबस निकाल दिया है, और तुम्हें इकट्ठा कर के इस स्थान में लौटा ले आऊंगा जहां से मैं ने तुम्हें बंधुआ करवा के निकाल दिया था, यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल:  
  • 1 राजा 19-20
  • लूका 23:1-25