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बुधवार, 15 दिसंबर 2010

परमेश्वर का अद्भुत वचन

सन १९४७ में इस्त्राएल के लवण सागर (Dead Sea) के आस पास के इलाके में स्थित कुमरान गुफाओं में, मिट्टी के बरतनों में बन्द, चर्मपत्रों पर लिखी कई प्राचीन पुस्तकें मिलीं जिन्हें Dead Sea Scrolls के नाम से जाना जाता है। पुरातत्व विज्ञान में इन्हें बीसवीं सदी की सबसे महान खोज माना जाता है। इन पुस्तकों को खोलने पर पता चला कि वे बाइबल के पुराने नियम की कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं। सन २००७ में सैन डियेगो प्राकृतिक इतिहास के अजायबघर में बाइबल की पुस्तकों की इन सबसे प्राचीन प्रतियों में से २४ की प्रदर्शनी लगी। इस प्रदर्शनी में जो बात बार बार सामने आ रही थी वह थी कि लगभग २००० साल पुरानी इन पुस्तकों और वर्तमान बाइबल की उन्ही पुस्तकों के लेखों में कोई फर्क नहीं है! अर्थात, हज़ारों साल से इन प्राचीन पुस्तकों की हाथों द्वारा बार बार बनाई गई प्रतियों के लेखों में कोई त्रुटि नहीं आई। यह बात और भी विशिष्ट हो जाती है जब ध्यान किया जाए कि इन हज़ारों सालों में बाइबल को नाश करने के अनगिनित प्रयत्न किये गए। बिना छपाई की सुविधा या आधुनिक कंप्यूटर संसाधनों के, केवल हाथों द्वारा नाशमान चर्मपत्रों पर छिप छिप कर इनकी प्रतियां बनानी पड़ती थीं, और इन प्रतियों की संख्या भी बहुत सीमित रहती थी, जिन्हें फिर बहुत संभाल कर रखा जाता था, फिर भी ये सुरक्षित और त्रुटि रहित रही हैं।

मसीह यीशु के विश्वासियों के लिये, जो बाइबल को परमेश्वर का शाश्वत वचन मानते हैं, यह अद्भुत संरक्षण केवल संयोग मात्र नहीं है। भजनकार ने लिखा "हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।" (भजन ११९:८९, ९०)

प्रभु यीशु ने कहा "आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्‍तु मेरी बातें कभी न टलेंगी।" (मती २४:३५)

बाइबल केवल एक ऐतिहासिक स्मृतिचिन्ह नहीं है, यह परमेश्वर का जीवित और सामर्थी वचन है जो मनों को जांचने और सच्चाई को प्रगट करने की क्षमता रखता है - "क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव और आत्मा को, और गांठ गांठ और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।" (इब्रानियों ४:१२)

बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर कौन है, कैसा है और क्या चाहता है; उसके साथ कैसे चलना चाहिये, कैसे उसे आदर देना चाहिये। बाइबल हमें सृष्टि और समय के आरंभ से लेकर समय के अन्त और अनन्त की बात बताती है। भजनकार इसीलिये कहता है "मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।" (भजन ११९:९३) प्रभु यीशु के चेले पतरस ने कहा "...हे प्रभु हम किस के पास जाएं अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।" (यूहन्ना ६:६८, ६९)

परमेश्वर के जीवते और शाश्वत वचन से प्रतिदिन सीख पाने वालों का यह सौभाग्य कितना महान है। - डेविड मैककैसलैन्ड


लिखित वचन बाइबल को जानने से ही, जीवित वचन प्रभु यीशु मसीह से प्रेम रखा जा सकता है।

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। - भजन ११९:८९


बाइबल पाठ: भजन ११९:८९-९६

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है। तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं, क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस १-३
  • प्रकाशितवाक्य ६