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शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

आश्वासन


   एक भारी आँधी के कारण फ्रैंकफर्ट के लिए हमारी उड़ान विलंबित हुई जिसके कारण उससे अगली उड़ान को पकड़ना हमारे लिए असंभव हो गया। संबंधित अधिकारियों द्वारा हमें बताया गया कि हमारा नाम अगली संध्या की एक उड़ान में पक्का कर दिया गया है। अगली संध्या जब हम वह उड़ान पकड़ने पहुँचे तो हमें बताया गया कि हमारा नाम पुष्टिकृत यात्रियों की सूची में नहीं वरन पुष्टि होने की प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों में है और उड़ान में अभी कोई रिक्त स्थान हमारे लिए नहीं है। यह सब जानने के पश्चात मैं सोचने लगा कि जो कुछ हमें बताया गया क्या वह केवल जानकारी देने में हुई त्रुटि थी या यह उड़ान छूट जाने वाले यात्रियों से व्यवहार का तरीका था। यदि उन यात्रियों को पहले ही यह बता दिया जाता कि वे प्रतीक्षा वाली सूची में हैं तो वे क्षुब्ध होते, कुछ प्रतिक्रीया करते; इसलिए बात को टालने और समय प्राप्त करने के लिए कोई उन से कह दे कि उनके नाम पुष्टिकृत सूची में हैं और फिर बाद में कोई और, पहले व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी से पल्ला झाड़ते हुए उन्हें बताए कि उन्हें अभी प्रतीक्षा करनी होगी।

   यह बड़े धन्यवाद की बात है कि परमेश्वर ऐसा व्यवहार नहीं करता, वह हमें सब बातें स्पष्ट बताता है, कुछ भी नहीं छुपाता। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि, "...सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों 3:23)। मनुष्यों के पाप स्वभाव और उस पाप स्वभाव के निवारण के उपाय के विषय में परमेश्वर ने आरंभ से ही हमें बताया हुआ है (उत्पत्ति 3)। परमेश्वर के इसी उपाय का उल्लेख हम पौलुस प्रेरित द्वारा रोम के मसीही विशवासियों के नाम लिखी गई पत्री में भी पाते हैं: "परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं" (रोमियों 3:24)।

   परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु को संसार के सभी लोगों के पापों के दण्ड को उठा लेने के लिए भेजा। उन पापों के लिए क्रूस पर दिए गए उसके बलिदान के द्वारा आज संसार के सभी लोगों के लिए पाप क्षमा का मार्ग खुला और उपलब्ध है। जो कोई प्रभु यीशु पर विश्वास करके उससे पापों की क्षमा माँगता है और अपना जीवन प्रभु को समर्पित करता है, वह सेंत-मेंत अपने पापों से क्षमा तथा परमेश्वर की सन्तान होने एवं उसकी आशीषों को प्राप्त करने का आदर पा लेता है।

   मैं बहुत धन्यवादी हूँ कि परमेश्वर ने सब के लिए सब कुछ इतना स्पष्ट कर के सब के समक्ष रख दिया है; उसने हमें मनुष्यों के अविश्वसनीय आशवासनों को लेकर इधर-उधर भटकते रहने के लिए नहीं छोड़ा। उसने आज तक कभी किसी को इस क्षमा को पाने से वंचित नहीं किया, किसी अन्य बात में नहीं उलझाया। जो कोई स्वेच्छा से उसे ग्रहण करना चाहे उसके लिए परमेश्वर का आश्वासन निश्चित है, कारगर है, सदा सेंत-मेंत उपलब्ध है। - सी. पी. हिया


प्रभु यीशु का बलिदान हमें सुरक्षित करता है; परमेश्वर का वचन उसके लिए हमें निश्चित करता है।

और जैसे आदम में सब मरते हैं, वैसा ही मसीह में सब जिलाए जाएंगे। - 1 कुरिन्थियों 15:22

बाइबल पाठ: रोमियों 3:20-26
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है। 
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं। 
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं। 
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। 
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। 
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे। 
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 54-56
  • रोमियों 3