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शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2016

प्रमाण


   महारानी एलिज़बेथ द्वितीय ब्रिटिश सामराज्य पर 60 वर्ष से भी अधिक समय से राज्य कर रही हैं। उनके शासन का यह समय शालीनता और उच्च कोटि के राजकीय व्यवहार का समय रहा है। उन्होंने अपने जीवन को अपने लोगों की अच्छी सेवा करते रहने के लिए समर्पित किया है, और परिणामस्वरूप उनकी प्रजा उन से बहुत प्रेम करती है, उनका बहुत आदर करती है। इसलिए आप उनके राजमहल, बकिंघम पैलेस के ऊपर फैहराने वाले झण्डे के महत्व को समझ सकते हैं। जब वह झण्डा फहरा रहा होता है तो यह संकेत है कि वे लंदन के मध्य में स्थित अपने महल में हैं; महारानी अपने लोगों के साथ मौजूद हैं।

   जब मैं इसके बारे में सोच रहा था, तो मुझे ध्यान आया कि मसीह यीशु भी हम मसीही विश्वासियों के हृदयों में निवास करता है, और उसका वायदा है कि वह हमें छोड़कर कभी नहीं जाएगा, सदा हमारे साथ बना रहेगा (इब्रानियों 13:5)। यह बात हम सब के लिए व्यक्तिगत रीति से महत्वपूर्ण और अद्भुत तो है, परन्तु क्या हमारे आस-पास के लोग हमारे चाल-चलन और व्यवहार से कभी यह जानने पाते हैं कि मसीह यीशु हमारे साथ, हमारे अन्दर निवास करता है? यदि वह हमारे अन्दर है तो फिर उसकी यह उपस्थिति हमारे जीवन द्वारा बाहर भी प्रकट होनी चाहिए।

   इसके लिए जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कहा है, हमें परमेश्वर का अनुकरण करने वाला, और जैसे मसीह यीशु ने हम से प्रेम किया है वैसे ही हमें भी औरों के साथ प्रेम करने वाला होना चाहिए (इफिसियों 5:1-2)। जब हम ऐसा करेंगे तो हम उन आत्मा के फलों को भी प्रकट करेंगे जो परमेश्वर पवित्र आत्मा की हमारे अन्दर उपस्थिति से हम में उत्पन्न होते हैं (गलतियों 5:22-23)। इसलिए आईए हम प्रभु परमेश्वर की हमारे अन्दर रहने वाली उपस्थिति के झण्डे - उसके अनुग्रह, धार्मिकता और प्रेम के प्रदर्शन, को बुलन्द करें जिससे औरों के सामने हमारे अन्दर उसकी उपस्थिति का प्रमाण स्पष्ट प्रकट हो। - जो स्टोवैल


मसीह यीशु की उपस्थिति के झण्डे को अपने जीवनों में फहराएं,
 ताकि लोग जान सकें कि महाराजा अपने सिंहासन पर विराजमान है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: इफिसियों 5:1-13
Ephesians 5:1 इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो। 
Ephesians 5:2 और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। 
Ephesians 5:3 और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। 
Ephesians 5:4 और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। 
Ephesians 5:5 क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। 
Ephesians 5:6 कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ना मानने वालों पर भड़कता है। 
Ephesians 5:7 इसलिये तुम उन के सहभागी न हो। 
Ephesians 5:8 क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो। 
Ephesians 5:9 (क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)। 
Ephesians 5:10 और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है 
Ephesians 5:11 और अन्धकार के निष्‍फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो। 
Ephesians 5:12 क्योंकि उन के गुप्‍त कामों की चर्चा भी लाज की बात है। 
Ephesians 5:13 पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योति है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 28-29
  • फिलिप्पियों 3