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बुधवार, 14 जून 2017

संबंध


   शैरिल को पुस्तकें पढ़ना बहुत पसन्द है। जब अन्य टेलिविज़न देख रहे होते हैं या वीडियो गेम खेल रहे होते हैं, वह पूरी तनमयता के साथ किसी पुस्तक को पढ़ने में लगी होती है। उसकी इस प्रवृत्ति का प्रमुख श्रेय उसके बचपन से जुड़ा है। जब वह बच्ची थी, उसका परिवार बहुधा अपनी रिश्तेदारी के एक वृध्द दंपति के घर जाया करता था, और वह दंपति एक पुस्तकों की दुकान को चलाते थे। वहाँ शैरिल वृध्द अंकल एड की गोदी में बैठकर उन से सुनती रहती थी और वे उसे पुस्तकों के अद्भुत संसार की बातों तथा आनन्द को पढ़कर सुनाते रहते थे।

   सदियों पहले, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है, एक जवान व्यक्ति तिमुथियुस के कदम भी परमेश्वर के वचन को सीखने की राह पर डाल दिए गए। प्रेरित पौलुस द्वारा लिखित और उपलब्ध अंतिम पत्री में, पौलुस ने तिमुथियुस को स्मरण दिलाया कि उसके बचपन में ही उसकी नानी और माँ ने उसका परिचय परमेश्वर के वचन से करवाया था (2 तिमुथियुस 1:5), इसलिए, उसे अब मसीही विश्वास के मार्ग में दृढ़ होकर बने रहना और बढ़ते रहना है (2 तिमुथियुस 3:14-15)।

   एक मसीही विश्वासी के लिए, आत्मिक जीवन, परमेश्वर की निकटता तथा परमेश्वर के बारे में सीखते रहना सदा ही आनन्द तथा उन्नति का कारण होता है। इसके लिए स्वयं बाइबल को पढ़ना और अध्ययन करना बहुत आवश्यक है, परन्तु साथ ही हमें ऐसे मित्रों की भी आवश्यकता होती है जो हमें परमेश्वर के वचन के अध्ययन में प्रोत्साहित करें और हमें सिखाएं। इस कार्य में हम सब मसीही विश्वासियों की सहायता के लिए परमेश्वर ने अपने पवित्र आत्मा को हमें पहले से प्रदान कर दिया है।

   आज हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमारे मसीही विश्वास में बढ़ने और उन्नति करने में किसने हमारी सहायता की है। साथ ही यह भी विचार करना चाहिए कि इस कार्य में हम अब किसकी सहायता कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन का यह सीखना और सिखाना न केवल आपस में, वरन परमेश्वर के साथ भी हमारे संबंध को प्रगाढ़ करने का एक उत्तम तरीका है। - डेनिस फिशर


बाइबल पढ़ने से न केवल ज्ञान वर्धन, वरन मन का पापों से परिवर्तन भी होता है।

परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। - यूहन्ना 14:26

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 3:8-17
2 Timothy 3:8 और जैसे यन्नेस और यम्ब्रेस ने मूसा का विरोध किया था वैसे ही ये भी सत्य का विरोध करते हैं: ये तो ऐसे मनुष्य हैं, जिन की बुध्दि भ्रष्‍ट हो गई है और वे विश्वास के विषय में निकम्मे हैं। 
2 Timothy 3:9 पर वे इस से आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि जैसे उन की अज्ञानता सब मनुष्यों पर प्रगट हो गई थी, वैसे ही इन की भी हो जाएगी। 
2 Timothy 3:10 पर तू ने उपदेश, चाल चलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दुख उठाने में मेरा साथ दिया। 
2 Timothy 3:11 और ऐसे दुखों में भी जो अन्‍ताकिया और इकुनियुम और लुस्‍त्रा में मुझ पर पड़े थे और और दुखों में भी, जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सब से छुड़ा लिया। 
2 Timothy 3:12 पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। 
2 Timothy 3:13 और दुष्‍ट, और बहकाने वाले धोखा देते हुए, और धोखा खाते हुए, बिगड़ते चले जाएंगे। 
2 Timothy 3:14 पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था 
2 Timothy 3:15 और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है। 
2 Timothy 3:16 हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। 
2 Timothy 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 9-10
  • प्रेरितों 1