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रविवार, 20 अगस्त 2017

पड़ौसी


   मेरी को सप्ताह के मध्य में होने वाली चर्च समूह की सभा में भाग लेना अच्छा लगता था। उस सभा में वह और उसके मित्र मिलकर प्रार्थना करते, परमेश्वर की आराधना करते और पिछले इतवार के सन्देश पर चर्चा करते, एक दूसरे के प्रश्नों के उत्तर देते थे। इस बार की सभा में उनकी चर्चा का विषय था चर्च "जाना" और दुःखी संसार के समक्ष प्रभु यीशु मसीह का चर्च "होना"। मेरी अपने मित्रों से मिलने और उनके साथ चर्चा में भाग लेने के लिए आतुर थी।

   मेरी ने सभा के लिए निकलने के लिए अपनी कार की चाबियाँ उठाई ही थीं कि दरवाज़े की घंटी बजी। दरवाज़े पर उसकी पड़ौसन सू खड़ी थी, जिससे मेरी की औपचारिकता मात्र ही की पहचान भर थी। सू ने कहा, "आपको कष्ट दे रही हूँ, क्षमा कीजिए, परन्तु क्या आपके पास अभी कुछ समय है?" मेरी कहने ही वाली थी कि वह अपने काम से बाहर जा रही है, कि इतने में सू ने आगे कहा, "मुझे अपनी कार मरम्मत करवाने के लिए ले जाकर उसे वहाँ छोड़ कर आना है। सामान्यतः ऐसा होने पर मैं वहाँ से या तो साइकल चला कर या फिर पैदल ही लौट आती हूँ, परन्तु मेरी पीठ में चोट आई है और मैं न चल पा रही हूँ, और न ही साइकल चला पा रही हूँ। क्या आप मेरे साथ चलकर, मुझे वापस घर छोड़ देंगी?" मेरी को थोड़ी सी हिचकिचाहट हुई, परन्तु उसने मुस्कुराते हुए कहा, "अवश्य", और उसके साथ चल पड़ी।

   उस दिन मेरी अपने मित्रों के साथ चर्चा में बैठने नहीं जा सकी। जब वह अपनी पड़ौसन को वापस घर ला रही थी तो उसे मालुम पड़ा कि कैसे सू अपने पति की देखभाल कर रही है, जिन्हें मानसिक रोग है, और बहुत देखभाल की आवश्यकता रहती है। इस गहन देखभाल के कारण सू कैसे कठिन संघर्ष से होकर निकल रही है। मेरी ने सहानुभूति के साथ सू की बात को सुना, उसे सांत्वना दी और उसके लिए प्रार्थना करने का वायदा किया, और साथ ही कभी भी किसी भी प्रकार से सू की सहायता करने के लिए उपलब्ध होने का आश्वासन दिया।

   मेरी जो उस दिन की सैध्दान्तिक चर्चा में नहीं कर पाई, वह उसने व्यावाहरिक जीवन में करा। उसने अपने पड़ौसी तक, उसकी कठिन परिस्थिति में, मसीह यीशु का प्रेम और सांत्वना को पहुँचाया; मसीही विश्वासी होने की अपनी ज़िम्मेदारी को निभाया। - मेरियन स्ट्राउड


हमारा मसीही विश्वास का प्रमाण हमारा व्यावाहरिक मसीही जीवन है।

हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? - मीका 6:8

बाइबल पाठ: लूका 10:29-37
Luke 10:29 परन्तु उसने अपने आप को धर्मी ठहराने की इच्छा से यीशु से पूछा, तो मेरा पड़ोसी कौन है? 
Luke 10:30 यीशु ने उत्तर दिया; कि एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिये, और मार पीट कर उसे अधमूआ छोड़कर चले गए। 
Luke 10:31 और ऐसा हुआ; कि उसी मार्ग से एक याजक[पुरोहित, धर्मोपदेशक] जा रहा था: परन्तु उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:32 इसी रीति से एक लेवी[मंदिर में सेवादार] उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:33 परन्तु एक सामरी[नीच जाती का समझा जाने वाला] यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। 
Luke 10:34 और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियां बान्‍धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की। 
Luke 10:35 दूसरे दिन उसने दो दिनार निकाल कर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा। 
Luke 10:36 अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? 
Luke 10:37 उसने कहा, वही जिसने उस पर तरस खाया: यीशु ने उस से कहा, जा, तू भी ऐसा ही कर।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 105-106
  • 1 कुरिन्थियों 3