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रविवार, 29 जनवरी 2012

दौड़

   संसार में कम ही लोग हैं जो स्पिरिडौन ल्युइस को जानते हैं, किंतु ग्रीस देश में वह भली-भांति जाना जाता है। यह १८९६ में ग्रीस के एथेंस शहर में आयोजित ओलंपिक खेलों में जो हुआ था, उस के कारण है। उस वर्ष इन खेलों में ग्रीस ने अच्छा प्रदर्शन किया था और किसी भी अन्य देश के मुकाबले अधिक पदक जीते थे। किंतु ग्रीस के लिए सर्वाधिक गर्व का जो कारण रहा था वह थी उन खेलों में पहली बार सम्मिलित करी गई मैरॉथन - लंबी दूरी की दौड़। विश्व भर से १७ खिलाड़ियों ने ४० किलोमीटर (२४.८ मील) दौड़ने की इस प्रतियोगिता में भाग लिया, लेकिन जीत का सेहरा बंधा एक साधारण से मज़दूर स्पिरिडौन ल्युइस के सिर पर। उसके इस प्रयास के लिए वह ग्रीस के राजा द्वारा सम्मानित किया गया और एक राष्ट्र-नायक बन गया।

   पौलुस प्रेरित ने भी दौड़ में भाग लेने के चित्रण को मसीही जीवन की व्याख्या के लिए प्रयोग किया है। पौलुस ने अपनी पत्री १ कुरिन्थियों ९:२४ में चुनौती दी कि मसीही विश्वासी केवल दौड़ में भाग लेने वाले ही न बनें वरन जीतने के उद्देश्य से दौड़ें: "क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।" पौलुस की केवल यह कथनी ही नहीं थी, यह उसके जीवन में उसकी करनी भी थी। अपनी अन्तिम पत्री में उसने लिखा: "मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है" (२ तिमुथियुस ४:७)। अपनी इस ज़िम्मेवारी को भली भांति पूरा कर लेने के पश्चात वह जानता था कि परमेश्वर की ओर से "भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं" (२ तिमुथियुस ४:८)। परमेश्वर से मिलने वाले इस मुकुट के रोमांच से वह अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी अपने प्रतिफल की लालसा और आनन्द से भरा हुआ था।

   पौलुस के समान, इस पृथ्वी पर की अपनी जीवन दौड़ जीतने और अपने राजाधिराज परमेश्वर को प्रसन्न करने के उद्देश्य से दौड़ें। - बिल क्राउडर

मसीही जीवन की दौड़ थोड़ी सी दूरी की तेज़ दौड़ नहीं वरन लंबी दूरी और धैर्य की दौड़ है।

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ९:१९-२७
1Co 9:19  क्‍योंकि सब से स्‍वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है, कि अधिक लोगों को खींच लाऊं।
1Co 9:20  मैं यहूदियों के लिये यहूदी बना कि यहूदियों को खींच लाऊं, जो लोग व्यवस्था के आधीन हैं उन के लिये मैं व्यवस्था के आधीन न होने पर भी व्यवस्था के आधीन बना, कि उन्‍हें जो व्यवस्था के आधीन हैं, खींच लाऊं।
1Co 9:21  व्यवस्थाहीनों के लिये मैं (जो परमेश्वर की व्यवस्था से हीन नहीं, परन्‍तु मसीह की व्यवस्था के आधीन हूं) व्यवस्थाहीन सा बना, कि व्यवस्थाहीनों को खींच लाऊं।
1Co 9:22  मैं निर्बलों के लिये निर्बल सा बना, कि निर्बलों को खींच लाऊं, मैं सब मनुष्यों के लिये सब कुछ बना हूं, कि किसी न किसी रीति से कई एक का उद्धार कराऊं।
1Co 9:23  और मैं सब कुछ सुसमाचार के लिये करता हूं, कि औरों के साथ उसका भागी हो जाऊं।
1Co 9:24  क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
1Co 9:25  और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्‍तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
1Co 9:26  इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्‍तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्‍तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
1Co 9:27  परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन २१-२२ 
  • मत्ती १९