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मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

सामर्थ और आशा


   बात सन 2009 के अगस्त माह की है, ब्लेयर और रौना मार्टिन का 9 वर्षीय पुत्र मैट्टी जो सदा ही अपनी चहलकदमी से उनको व्यस्त रखता था, अचानक ही एक दुर्घटना में मारा गया। मुझे अवसर मिला कि मैं इस परिवार से मिलूँ और उनके शोक में संभागी बनूँ; और मैं जानता हूँ कि यह दुर्घटना उनके लिए कितनी कठिन रही है।

   मैं यह भी जानता हूँ कि इस दुर्घटना के बाद अपनी पीड़ा के लिए उन्होंने परमेश्वर पर शांति और सांत्वना के लिए भरोसा रखा है। मैट्टी की माँ रौना द्वारा कही गई एक बात उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो जीवन की किसी गहरी वादी से होकर निकल रहे हैं। अपनी निराशा की स्थिति में रौना परमेश्वर के वचन बाइबल से एक खण्ड पढ़ रही थी, और उसका ध्यान 2 कुरिन्थियों 1:9 पर गया जहाँ लिखा है, "...हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है"। उसे लगा मानो प्रभु यीशु उस से कह रहा है, "रौना, मैं जानता हूँ कि यह यात्रा तुम्हारे लिए बहुत कठिन रही है और तुम बहुत थक गई हो। अपनी थकान से लज्जित मत हो, वरन उसे मेरी सामर्थ को अपने में ले लेने और मेरी सामर्थ द्वारा आगे बढ़ने का अवसर बनाओ।"

   जब कभी जीवन यात्रा कठिन लगने लगे, तब हम मसीही विश्वासियों के लिए 2 कुरिन्थियों 1:9 इस बात को स्मरण दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं। हमारे लिए सहायता उपलब्ध है, उसकी सहायता जिसने मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा उस सामर्थ का प्रमाण दिया, जो तब से लेकर आज तक अपने प्रत्येक विश्वासी के जीवन में अपनी सामर्थ उँडेलता रहा है और उसका प्रमाण देता रहा है, तथा जो एक दिन अपने सभी विश्वासियों के पुनरुत्थान के द्वारा इस सामर्थ का प्रमाण फिर देगा।

   रौना ने कहा, "मेरी सामर्थ और मेरी आशा केवल प्रभु यीशु ही है" - यही वह सत्य है जो जीवन की हर कठिनाई से सफलतापूर्वक पार उतारने के लिए पर्याप्त है। आज आपकी सामर्थ और आशा कौन है? - डेव ब्रैनन


जीवन के तूफान हमें स्मरण दिलाते हैं कि प्रभु यीशु में एक सुरक्षित और स्थिर स्थान सबके लिए उपलब्ध है।

यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं। - 1 कुरिन्थियों 15:19 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:1-11
2 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो। 
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे। 
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। 
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा। 
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-10