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सोमवार, 6 अप्रैल 2015

अदृश्य खतरे


   मेरे बचपन की घटना है, हमारा परिवार एक बड़े खतरे से सुरक्षित बच निकला। हमारे घर के प्रायः सभी मुख्य उपकरण और घर की भट्टी प्राकृतिक गैस से चला करते थे जो पाईपों से होकर घर के भिन्न स्थानों तक उपयोग के लिए आती थी। उन्हीं पाईपों में से किसी एक में गैस के हल्के से रिसाव के द्वारा हम सभी के प्राणों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया। हमारे छोटे से घर में वह गैस पाईप से रिस कर भरने लगी और हम सब लोगों को धीरे धीरे, हमारे जाने बिना ही अपने प्रभाव में लेकर बेहोश कर दिया। क्योंकि हमारा एक पड़ौसी हम से मिलने के लिए हमारे घर आया, तो पता चला कि हम सब बेहोश पड़े हैं और हमें बचा लिया गया नहीं तो इस अदृश्य शत्रु द्वारा हम मार डाले गए होते।

   प्रभु यीशु के अनुयायी होने के कारण हम सभी मसीही विश्वासी अदृशय खतरों से घिरे रहते हैं। सांसारिक बातों के प्रलोभनों और हमारे अपने शरीर की लालसाओं के हानिकारक प्रभाव हमारे मसीही विश्वास के जीवन और हमारे संबंधों को कभी भी अनजाने में ही बड़े खतरों में डाल सकते हैं। मेरे घर में रिसने वाली वह प्राकृतिक गैस तो बाहर से आई थी, लेकिन ये अदृश्य खतरे तो हमारे भीतर ही विद्यमान रहते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में लिखा, "परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है" (याकूब 1:14)।

   पाप में पड़ जाने कि हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति, हमारा अपनी कमज़ोरियों को अन्देखा करना, उन्हें हल्का कर के आँकना आदि हमें बरबादी में डाल देने वाली विषैली बातें बन सकती हैं। लेकिन जब हम परमेश्वर के वचन को अपने जीवनों को जाँचने देते हैं, उस वचन की आज्ञाकारिता में रहते हैं (पद 23-25) और अपने आप को अपने परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई में चलाते रहते हैं तो हम इन खतरों तथा सभी हानियों से बचे रहते हैं। - बिल क्राऊडर


परमेश्वर के अदृश्य आत्मा की संगति प्रत्येक अदृश्य खतरे से सर्वोत्तम सुरक्षा है।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों 5:16

बाइबल पाठ: याकूब 1:13-25
James 1:13 जब किसी की परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है; क्योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है, और न वह किसी की परीक्षा आप करता है। 
James 1:14 परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है। 
James 1:15 फिर अभिलाषा गर्भवती हो कर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है। 
James 1:16 हे मेरे प्रिय भाइयों, धोखा न खाओ। 
James 1:17 क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। 
James 1:18 उसने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया, ताकि हम उस की सृष्‍टि की हुई वस्‍तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों।
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। 
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 4-6
  • लूका 9:1-17