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गुरुवार, 2 जुलाई 2015

आश्चर्यकर्म


   परमेश्वर द्वारा रचे गए प्राणियों में तितली अद्भुत रूप से सुन्दर और विलक्षण है। उसके रंगीन पंख, नाज़ुक उड़ान और उसका एक से दूसरे इलाके को प्रवास करना उसे प्राणी जगत की उत्कृष्ठ कृतियों में से एक बना देती हैं। उड़ान भरने की क्षमता रखने वाला यह पतंगा, ना केवल दिखने में आनन्दयक होता है, वरन यह परमेश्वर के अद्भुत रचनात्मक कार्यों का उदाहरण भी प्रदान करता है। तितलियों पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार मैजिस्टिक मोनार्क प्रजाति की तितली उत्तरी अमेरिका से मध्य-अमेरिका का 3000 मील का सफर तय करके उसी पेड़ पर पहुँच जाती है जहाँ से उसका और उसके पूर्वजों का जीवन आरंभ हुआ था, और उसे इस प्रकार पहुँचाने का कार्य उसका सूक्षम सा मस्तिष्क करता है। मोनार्क के जीवन में होने वाले कायान्तरण पर ध्यान कीजिए - एक छोटे से अण्डे से निकलने वाला सूक्षम सा केटरपिल्लर (इल्ली) जब पत्ते खा खा कर बड़ा हो जाता है तो वह फिर अपने चारों ओर एक आवरण लपेट कर लटक जाता है, जिसके अन्दर फिर वह एक ऐसा रसायन छोड़ता है जो उसके सारे अंगों को गला कर लुगदी सा कर देता है, अर्थात उसका कोई भी प्रकट अंग नहीं रह जाता। फिर उस आवरण के अन्दर की लुगदी से मस्तिष्क, शरीर, सिर, टाँगें, पंख आदि बनते हैं और एक अति सुन्दर तितली बाहर निकल कर आती है।

   एक तितली विशेषज्ञ का कहना है, "इल्ली के शरीर से तितली का शरीर और पंख बनना, निःसन्देह इस पृथ्वी पर विद्यमान जीवन का एक महान अजूबा है।" एक अन्य विशषज्ञ ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि यह एक आश्चर्यकर्म है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार परमेश्वर की सृष्टि के बारे में कहता है: "हे यहोवा तेरे काम अनगिनित हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है" (भजन 104:24) - और तितली परमेश्वर के उन कार्यों में से एक है। - डेव ब्रैनन


सृष्टि की रचना एक महान रचनाकार की ओर इशारा करती है।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती। - भजन 40:5

बाइबल पाठ: भजन 104:10-24
Psalms 104:10 तू नालों में सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते हैं, 
Psalms 104:11 उन से मैदान के सब जीव-जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं। 
Psalms 104:12 उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं। 
Psalms 104:13 तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है।
Psalms 104:14 तू पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्न आदि उपजाता है, और इस रीति भूमि से वह भोजन- वस्तुएं उत्पन्न करता है, 
Psalms 104:15 और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है। 
Psalms 104:16 यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं। 
Psalms 104:17 उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है। 
Psalms 104:18 ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं। 
Psalms 104:19 उसने नियत समयों के लिये चन्द्रमा को बनाया है; सूर्य अपने अस्त होने का समय जानता है। 
Psalms 104:20 तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं। 
Psalms 104:21 जवान सिंह अहेर के लिये गरजते हैं, और ईश्वर से अपना आहार मांगते हैं। 
Psalms 104:22 सूर्य उदय होते ही वे चले जाते हैं और अपनी मांदों में जा बैठते हैं। 
Psalms 104:23 तब मनुष्य अपने काम के लिये और सन्ध्या तक परिश्रम करने के लिये निकलता है। 
Psalms 104:24 हे यहोवा तेरे काम अनगिनित हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 22-24
  • प्रेरितों 11