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बुधवार, 20 जनवरी 2016

सन्तान


   बच्चों को चर्च के लिए तैयार रखना हमेशा ही हमारे लिए चुनौती भरा रहा है। तैयार होकर चर्च पहुँचने के दस मिनट के अन्दर ही हमारा बेटा छोटा मैथ्यु ऐसा दिखने लगता था मानों उसके कोई अभिभावक हैं ही नहीं। वह चर्च के गलियारे में दौड़ लगाता जिससे उसकी आधी कमीज़ पैन्ट से बाहर हो जाती, उसका चश्मा टेढ़ा हो जाता, जूतियाँ गन्दी हो जातीं और उसके कपड़ों पर बिस्कुट का चूरा गिरा हुआ दिखने लगता। यदि उसे अपने आप पर छोड़ दिया जाता तो वह बदहाल और अव्यवस्थित दिखने लगता था।

   मैं सोचता हूँ कि क्या हम मसीही विश्वासी भी कभी कभी छोटे मैथ्यु के समान ही बदहाल और अव्यवस्थित दिखने लगते हैं? प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करने और उसे जीवन समर्पण करने के बाद, मसीह यीशु हमें अपनी धार्मिकता के आत्मिक वस्त्र पहना देता है, लेकिन हम फिर भी संसार की बातों में इधर-उधर भटकने लग जाते हैं और ऐसे जीवन व्यतीत करने लगते हैं मानो हम परमेश्वर की सन्तान हैं ही नहीं। इसीलिए परमेश्वर के वचन में यहूदा की पत्री में दिया गया वायदा कि प्रभु यीशु "...तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के साम्हने मगन और निर्दोष कर के खड़ा कर सकता है" (यहूदा 1:24) मुझे आश्वस्त करता है, आशा देता है।

   क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं जिससे हम ऐसे ना दिखें मानों हमारी देखभाल करने वाला हमारा स्वर्गीय पिता है ही नहीं? हम जितना अपने परमेश्वर पिता कि आत्मा के चलाए चलेंगे, उसके समर्पित तथा आज्ञाकारी रहेंगे, उतना ही हम ठोकर खाकर गिरने बचे भी रहेंगे, क्योंकि पवित्र आत्मा हमें सही मार्ग पर सही रीति से चलना सिखाता है और उसमें हमारी सहायता भी करता है। ज़रा सोचिए, हमारे जीवन कितने अधिक स्वच्छ तथा धर्मी होते चले जाएंगे यदि हम नियमित रूप से परमेश्वर के वचन के स्नान से धुलते रहें (इफिसियों 5:26)।

   हमारे लिए यह कैसी बड़ी आशीष है कि प्रभु यीशु का हमसे वायदा है कि वह हमारे अव्यवस्थित, ठोकर खाकर गिरते रहने वाले जीवन लेकर उन्हें पवित्र, निषकलंक और बेझुर्री करके परमेश्वर पिता के सामने प्रस्तुत करेगा (इफिसियों 5:27)। इसलिए हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम प्रभु यीशु को अपने जीवन समर्पित करके उसे जीवनों को संवारने दें जिससे संसार के सामने हम उसके प्रेम और देखभाल को परमेश्वर की सन्तान की तरह प्रदर्शित कर सकें। - जो स्टोवैल


हमारे जीवनों में परमेश्वर पिता की उपस्थिति को प्रतिबिंबित करने के लिए हम में उसके पुत्र प्रभु यीशु की उपस्थिति अनिवार्य है।

कि उसको वचन के द्वारा जल के स्‍नान से शुद्ध कर के पवित्र बनाए। और उसे एक ऐसी तेजस्‍वी कलीसिया बना कर अपने पास खड़ी करे, जिस में न कलंक, न झुर्री, न कोई ऐसी वस्तु हो, वरन पवित्र और निर्दोष हो। - (इफिसियों 5:26-27)

बाइबल पाठ: यहूदा 1:20-25
Jude 1:20 पर हे प्रियों तुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए। 
Jude 1:21 अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। 
Jude 1:22 और उन पर जो शंका में हैं दया करो। 
Jude 1:23 और बहुतों को आग में से झपट कर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन उस वस्‍त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।
Jude 1:24 अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के साम्हने मगन और निर्दोष कर के खड़ा कर सकता है। 
Jude 1:25 उस अद्वैत परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, और गौरव, और पराक्रम, और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 49-50
  • मत्ती 13:31-58