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मंगलवार, 24 जुलाई 2018

भूल



      लगभग 200 वर्ष पहले, रूस में नेपोलियन की हार का कारण, रूस की भीषण सर्दी को माना जाता है। उसकी सेना में एक विशेष समस्या यह थी कि उनके घोड़ों के खुरों में जो नाल लगी थी वह गर्मियों में ही कारगर थी, रूस की उस भीषण सर्दी और बर्फ में नहीं। बर्फ से ढके मार्गों पर रसद की गाडियां खींचते हुए, घोड़े फिसल कर गिर जाते थे और मर जाते थे। नेपोलियन की सेना को समय से पूरी रसद न मिल पाने के कारण वे 400,000 से केवल 10,000 रह गए। एक छोटी सी भूल, अति विनाशकारी परिणाम का कारण हो गई।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब वर्णन करता है कि जीभ की छोटी सी भूल लोगों की नियति और अजीविकाएं बदल देती है। याकूब ने लिखा कि जीभ इतनी विनाशकारी है कि “जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है” (याकूब 3:8)। हमारे वर्तमान सँसार में यह समस्या बढ़कर और गंभीर हो गई है क्योंकि अब हमें सब कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है; एक गलत ईमेल, या सोशल मीडिया पर डाला गया गलत सन्देश, शीघ्र ही फैल जाता है और बहुत हानि कर डालता है, उसे रद्द करना, या हटा देना बहुत कठिन हो जाता है।

      राजा दाऊद ने परमेश्वर के प्रति हमारे आदर को, हमारे द्वारा अपनी जीभ के प्रयोग के साथ जोड़ा। दाऊद ने लिखा, “...मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा...अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले” (भजन 34:11, 13)। उसने निर्णय लिया “मैं ने कहा, मैं अपनी चाल चलन में चौकसी करूंगा, ताकि मेरी जीभ से पाप न हो; जब तक दुष्ट मेरे साम्हने है, तब तक मैं लगाम लगाए अपना मुंह बन्द किए रहूंगा”, ( भजन 39:1)। परमेश्वर हमारी सहायता करे कि हम भी ऐसा ही करें और छोटी लगने वाली किन्तु अति विनाशकारी भूल से सावधान रहें। - सी. पी. हिया


हमारे शब्दों में बनाने या बिगाड़ने की शक्ति होती है।

वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। - याकूब 3:5-6

बाइबल पाठ: भजन 34:11-18
Psalms 34:11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा।
Psalms 34:12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
Psalms 34:13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले।
Psalms 34:14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर।
Psalms 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
Psalms 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
Psalms 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
Psalms 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 35-36
  • प्रेरितों 25